शहरी क्षेत्रों के परिषदीय प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का रास्ता 26 साल बाद साफ

सूबे के शहरी क्षेत्रों के परिषदीय प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का रास्ता 26 साल बाद साफ हो गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र में तैनात वरिष्ठ शिक्षकों से विकल्प लेकर अब शहरी क्षेत्र के स्कूलों में उन्हें तैनात कर सकेंगे। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। 

शहरी क्षेत्र के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1984 से शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगी हुई थी। इस बीच साल दर साल शहरी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षक रिटायर होते रहे। शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी महसूस की जाने लगी। उधर बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षक तैनाती सेवा नियमावली के मुताबिक बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त पुरुष अभ्यर्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्कूलों में पांच साल तथा महिला व विकलांग अभ्यर्थियों को तीन साल के लिए बतौर शिक्षक नियुक्त करने का प्रावधान है। इसके बाद उन्हें दूसरे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी की समस्या से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल की सेवा पूरी करने वाले पुरुष शिक्षक तथा तीन साल की सेवा पूरी करने वाली महिला व विकलांग शिक्षकों से तबादले का विकल्प मांगेंगे। जो शिक्षक शहरी क्षेत्र में तबादले का विकल्प देंगे, वरिष्ठता के आधार पर उनका तबादला शहरी क्षेत्र में कर दिया जाएगा
शहरी क्षेत्रों के परिषदीय प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का रास्ता 26 साल बाद साफ Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 11:20 PM Rating: 5

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