टीईटी : मोअल्लिम-ए-उर्दू पर फंसा पेच !



  • प्रस्ताव को एनसीटीई की मंजूरी का इंतजार
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा पर संशय बरकरार
  • न्यायालय पहुंची भर्ती प्रक्रिया
इलाहाबाद। यूं तो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने हर वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) दो बार
कराने  का  निर्देश  राज्यों  को दे रखा है किन्तु उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 में यह परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी।
अब यह भी तय नहीं है कि वर्ष 2013 में  यूपीटीईटी कब आयोजित की जायेगी। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग
में कसरत फिलहाल शुरू है किन्तु अभी तक  परीक्षा कराने के  लिए कोई  अंतिम निर्णय  नहीं  हो पाया है। यही
नहीं पहली परीक्षा वर्ष 2012 में संपन्न हुई थी जो गड़बड़ियों की शिकार हो गयी। हजारों अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण
होने के बाद भी प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया है।

उत्तर  प्रदेश  शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) दोबारा कब होगी इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है। विभागीय
सूत्रों की माने तो सूबे की सरकार टीईटी में मोअल्लिम-ए-उर्दू को शामिल करना चाह रही है। इसके लिए प्रस्ताव
भी एनसीटीई को भेजा जा चुका है। फिलहाल अभी तक प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं हो पायी है। यही वजह है
कि सरकार यूपी टीईटी की तिथि तय  नहीं कर पा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एनसीटीई राज्य सरकार
के उक्त प्रस्ताव पर सहमत नहीं हो रही है क्योंकि उसने जो अर्हता टीईटी के लिए तय की है। उसमें मोअल्लिम-
ए-उर्दू शामिल नहीं है।

ऐसी स्थिति में यूपी टीईटी परीक्षा आयोजित करने के लिए कोई तिथि अभी तक तय नहीं हो पायी है। पहले यह
चर्चा  थी  कि  फरवरी 2013  में  इसे  अयोजित कराया जायेगा। अब सरकार इसे अप्रैल में आयोजित कराने पर
विचार कर रही है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को यूपीटीईटी आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गयी
है  किन्तु  अभी  तक  यहां  भी  इस  मामले में कोई सूचना सरकार की ओर से नहीं आयी है। अधिकारी भी कुछ
बताने की स्थिति में नहीं हैं। चर्चा है कि सरकार परीक्षा नियामक कार्यालय में कई नए अधिकारियों की तैनाती
पर विचार कर रही है।
  • न्यायालय पहुंची भर्ती प्रक्रिया
इलाहाबाद। प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के  अधीन  चलने  वाले प्राथमिक स्कूलों  में विभाग द्वारा विज्ञापित 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ पायेगी या नहीं,यह सवाल आवेदकों को मथ रहा है। एक ओर सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति  की प्रक्रिया शुरू की है तो दूसरी ओर यह मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंच गया है। कई  अभ्यर्थियों  यह  मांग कर रहे हैं कि शिक्षकों की नियुक्ति यूपीटीईटी वर्ष 2011 के प्राप्त अंकों की
मेरिट पर  की   जाए। पहले माया सरकार में 72,825 शिक्षकों की  नियुक्ति यूपीटीईटी 2011 के प्राप्त अंकों की
मेरिट  पर  करने  का  निर्णय  हुआ  था। बाद में  सपा सरकार ने  शैक्षिक मेरिट को नियुक्ति का आधार घोषित किया है। अब  वे  लोग  जिन्हें  किसी   तरह  यूपीटीईटी  2011 में अच्छे अंक मिल गये थे किन्तु उनकी शैक्षिक मेरिट अच्छी नहीं है, वह न्यायालय की शरण में चले गये हैं।

टीईटी : मोअल्लिम-ए-उर्दू पर फंसा पेच ! Reviewed by Brijesh Shrivastava on 10:47 AM Rating: 5

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