फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने वालों की एससीईआरटी करा रहा है जिलेवार जांच


  • ज्यादातर जिलों ने नहीं भेजी जांच रिपोर्ट
  • समाप्त होगी सेवा, खानी पड़ेगी जेल की हवा
  • अधिकारियों की भी मिलीभगत
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 450 से ज्यादा शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल की है। हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ऐसे शिक्षकों का जिलों में विभागीय जांच करा रहा है। हालांकि अभी ज्यादातर जिलों ने जांच रिपोर्ट नहीं भेजी है।
प्राइमरी स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों की जांच में लापरवाही के संबंध में हाईकोर्ट में एक मामला विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने इसकी जांच का आदेश दे रखा है। एससीईआरटी ने आदेश पर जिलों में विभागीय जांच कराई है। सूत्रों का कहना है कि एससीईआरटी को जिलों से मिली जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 450 अधिक ने फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल की है। हालांकि कुछ जिलों ने ही अभी रिपोर्ट भेजी है। राज्य सरकार को इस संबंध में हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करना है। अब इसको लेकर हायतौबा मची हुई है। शासन ने एससीईआरटी से इस संबंध में पूरा विवरण जुटा कर जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।

  • समाप्त होगी सेवा, खानी पड़ेगी जेल की हवा
फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बनने वालों की खैर नहीं है। ऐसे शिक्षकों की नौकरी तो जाएगी ही साथ में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने ऐसे लोगों का पूरा ब्यौरा मांगने के साथ ही यह भी पूछा है कि फर्जी प्रमाण पत्र की पुष्टि के बाद इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
  • अधिकारियों की भी मिलीभगत
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने बीएड डिग्रीधारकों को नौकरियां दी। बीएड डिग्रीधारकों का चयन विशिष्ट बीटीसी के तहत मेरिट के आधार पर किया गया। सूत्रों के अनुसार मेरिट में आने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाण पत्रों का सहारा लिया। जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी हुई, लेकिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की मिलीभगत सेे उन्हें नौकरी से निकाला नहीं गया।


                                                (साभार-अमर उजाला)
फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने वालों की एससीईआरटी करा रहा है जिलेवार जांच Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:37 AM Rating: 5

1 comment:

Anonymous said...

गाजीपुर जिले में जिलाधिकारी द्वारा फर्जी अध्यापको के जाँच हेतु जिले के आले अधिकारियो की कमेटी बनायीं गयी करीब १०० अध्यापको को नोटिस दी गयी लेकिन मात्र ६ अध्यापको को बर्खास्त किया गया !फर्जी अध्यापको में सबसे ज्यादे यादव होने के चलते जाँच को जिलाधिकारी द्वारा रोक दिया गया !सुनाने में जनता के बिच में शोर है की २ करोड़ का सौदा भी हुआ है !गाजीपुर के तथाकतित अमरउजाला के पत्रकार भी मिले हुए है !अगर यह सब नहीं हुआ तो २ माह से फर्जी अध्यापको को नोटिस देकर बर्खास्त क्यों नहीं किया गया !अब उस जिलाधिकारी महोदय का तबादला भी हो गया !और फर्जी अध्यापक आज कार्यरत है !

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