शिक्षामित्रों का मानदेय 5000 करने का प्रस्ताव : केंद्र के निर्णय पर ही होगा फैसला ~ रामगोविंद चौधरी

प्रदेश सरकार ने शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में प्रदीप चौधरी के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनाने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। स्नातक शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। जो शिक्षा मित्र सिर्फ इंटर पास हैं, उन्हें भी ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया गया है। सरकार ने इन्हें छूट दी है कि ट्रेनिंग के दौरान ही ये स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर लें।
प्रदीप चौधरी ने कहा कि शिक्षा मित्रों के पिछले दिनों आंदोलन के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री ने 8500 रुपये मानदेय करने का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। इस पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस तरह का कोई वादा नहीं किया था। यह बात शिक्षा मित्रों को भी पता है। देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जहां सरकार ने शिक्षा मित्रों को शिक्षक के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। सरकार इन्हें स्थायी तौर पर रोजी-रोटी से जोड़ने का प्रयास कर रही है। आने वाले एक-दो वर्षों में सबको नौकरी मिल जाएगी। सच्चाई तो यह है कि केंद्र सरकार ने शिक्षा मित्र योजना ही बंद कर दी है। रही मानदेय की बात तो इस पर फैसला केंद्र सरकार को करना है। कुछ लोग शिक्षा मित्रों को अकारण बरगला रहे हैं।

साभार : अमर उजाला

शिक्षामित्रों का मानदेय 5000 करने का प्रस्ताव : केंद्र के निर्णय पर ही होगा फैसला ~ रामगोविंद चौधरी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:14 AM Rating: 5

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