मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने का प्रस्ताव ऐन मौके पर फिर अटका


प्राइमरी स्कूलों में मोअल्लिम वालों को उर्दू शिक्षक बनाने का प्रस्ताव फिर अटक गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी का मानना है कि इस पर अन्य मंत्रियों से राय लेकर ही इसे कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा जाए। इसके चलते ही ऐन मौके पर इस प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी के लिए नहीं भेजा गया।
 
राज्य सरकार 11 अगस्त 1997 से पूर्व मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षक बनाना चाहती है। केंद्र सरकार ने कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर रखा है। मोअल्लिम धारी टीईटी देना नहीं चाहते हैं। एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मोअल्लिम धारक काफी मान-मनौव्वल के बाद टीईटी की तर्ज पर उर्दू अनुवाद की परीक्षा देने को तैयार हुए। इसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट मंजूरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन ऐन मौके पर इसे रोक लिया गया। 
साभार अमर उजाला
 
मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने का प्रस्ताव ऐन मौके पर फिर अटका Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:08 AM Rating: 5

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