पत्राचार बीटीसी वालों की शुरू होगी ट्रेनिंग : एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव

  •  पत्राचार बीटीसी वालों की शुरू होगी ट्रेनिंग
  •  एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव
  •  पर अध्यापक बनना होगा मुश्किल 

लखनऊ। प्रदेश में 16 साल बाद पत्राचार से बीटीसी करने वालों की ट्रेनिंग फिर शुरू होगी। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसमें केवल वे ही पात्र होंगे जिन्होंने एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। प्रदेश में ऐसे 1,530 अभ्यर्थी हैं।

प्रदेश में पत्राचार बीटीसी कोर्स कराने के लिए समय-समय पर आदेश होते रहे हैं। वर्ष 1977 और वर्ष 1983 में पत्राचार बीटीसी का प्रशिक्षण दिया गया। पत्राचार बीटीसी के लिए मान्यता प्राप्त स्कूलों में इंटर पास और 10 वर्षों तक लगातार शिक्षण कार्य वाले पात्र माने गए। इसके बाद वर्ष 1994 में 4,170 को पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें 2,640 की ट्रेनिंग पूरी हो गई और 1,530 की पूरी नहीं हो पाई। वजह 11 अगस्त 1997 को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम प्रभावी होने के बाद पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण प्रक्रिया रोक दी गई।

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले और एक वर्ष की प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी करने वालों ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का सहारा लिया। वहां से उनके पक्ष में फैसला हुआ। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में पत्राचार बीटीसी वालों के मसले पर बैठक हुई। इसमें एक वर्ष की ट्रेनिंग करने वाले 1,530 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूरा करने पर सहमति बनी। इसके आधार पर ही एससीईआरटी ने इन्हें प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भेजा है। शासनादेश जारी होने के बाद इन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर ट्रेनिंग दी जाएगी।


पत्राचार बीटीसी वालों की शुरू होगी ट्रेनिंग : एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:20 AM Rating: 5

1 comment:

Unknown said...

I had done 2 years training in the same BTC project.I end up my second year training in 2007.
Even wining the case from high court still not employed. UP Govt. should take attention regarding this matter as it is a ordered from high court.

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