टीईटी पास शिक्षा मित्र ही बनेंगे शिक्षक


  • बेसिक अध्यापक सेवा नियमावली होगी संशोधित
  • शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से मांगा प्रस्ताव

लखनऊ। दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी कर सहायक अध्यापक बनने का सपना देखने वाले शिक्षा मित्रों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। बिना टीईटी पास किए वे शिक्षक नहीं बन पाएंगे। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने उन्हें शिक्षक बनाने के प्रस्ताव का प्रारूप जरूर तैयार कर लिया है लेकिन उसमें टीईटी पास करने की अनिवार्यता शामिल कर दी गई है। इसके पीछे हाईकोर्ट के 30 मई 2013 के आदेश का तर्क दिया गया है। इसी आधार पर बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1984 संशोधित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी देखते हुए वर्ष 2000 में शिक्षा मित्र रखने की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रत्येक प्राइमरी स्कूलों में दो-दो शिक्षा मित्र रखे गए हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद परिषदीय स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक रखने की अनिवार्यता कर दी गई। शिक्षा मित्र अनट्रेंड हैं और इनकी संख्या 1.76 लाख है। इसलिए राज्य सरकार ने 2011 में शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय किया। पहले चरण में 58 हजार, दूसरे चरण में 60 हजार और तीसरे चरण में शेष बचे शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 31 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना में ही शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्यता कर दी थी, लेकिन राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को इससे अलग रखना चाहती थी। अब हाईकोर्ट का आदेश इसमें बाधक बन रहा है। इसलिए विभागीय स्तर पर यह तय किया गया है कि जो शिक्षा मित्र प्रशिक्षण के बाद टीईटी पास कर लेगा, उसे शिक्षक बना दिया जाएगा और जो पास नहीं कर पाएगा वह मानदेय पर ही पढ़ाता रहेगा। शिक्षा मित्र जैसे-जैसे टीईटी पास करते जाएंगे उन्हें सहायक अध्यापक बनाया जाता रहेगा। हालांकि, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को करना है। इसके बाद ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
  • तीन चरणों में बनेंगे शिक्षक
प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षा मित्रों को तीन चरणों में सहायक अध्यापक बनाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। पहले चरण में जनवरी 2014 में 58 हजार, दूसरे चरण दिसंबर 2014 में 60 हजार तथा तीसरे चरण मई 2015 में शेष प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षा मित्रों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
  • हाईकोर्ट का आदेश
सहायक अध्यापक के लिए टीईटी अनिवार्य है। परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए ऐसा कोई व्यक्ति नियुक्त नहीं हो सकता जो टीईटी की अर्हता न रखता हो। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने प्रभाकर सिंह की यचिका पर 30 मई 2013 को दिया। कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को टीईटी से छूट देने की अनिवार्यता को अमान्य कर दिया है। (साभार-:-अमर उजाला)


टीईटी पास शिक्षा मित्र ही बनेंगे शिक्षक Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:15 AM Rating: 5

7 comments:

Anonymous said...

Transfer list kab tak aa rahi he suna ja raha he ki aazamgarh ke newspaper me nikla tha ki transfer ki third list aayegi kya yeh sahi news he

rajiv said...

San Jay sinha sachiv ka transfer ho gaya h

Boss said...

Kiya 30 agast tak transfer ki third list aa rahi hai...

Anonymous said...

Kah rahe he ki sanjay sinha ka transfer ho gaya he kya yeh sahi news he

Anonymous said...

Hume sanjay sinha ke transfer se kya karma hai. Hum sabhi ka transfer ho jaye aur hum apne ghar jaye.

Anonymous said...

ager transfer ki third list ki sehi jankari de to bahut dhanyvad.

Anonymous said...

tranfer k bare me koyi jankari ho to batayen sir ji

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