लेखा शाखा अधिनियम : 10. यात्रा-भत्ता एवं अवकाश यात्रा सुविधा नियम

यात्रा-भत्ता एवं अवकाश यात्रा सुविधा नियम
          उत्तर प्रदेश सरकार के सेवारत तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा कुछ विशेष परिस्थितियों में अन्य व्यक्तियों को भी निर्दिष्ट यात्राओं के व्यय की प्रतिपूर्ति का प्राविधान है। इससे सम्बन्धित शासकीय नियमों तथा शासनादेशों में उल्लिखित उपबंधों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत दिया जा रहा है :-
अ-    यात्रा भत्ता नियम तथा
ब-    अवकाश यात्रा सुविधा नियम
अ- यात्रा भत्ता नियम
प्राक्कथन एवं परिभाषायें -
                किसी सरकारी सेवक द्वारा जनहित में की गयी यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु दिया जाने वाला भत्ता "यात्रा भत्ता" कहलाता है। यात्रा भत्ता से सम्बन्धित नियम वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-III में दिये गये हैं। यात्रा भत्ता की दरों का समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा शासनादेशों के माध्यम से संशोधन किया जाता रहा है। यात्रा भत्ता नियमों का अध्ययन करने हेतु निम्नांकित परिभाषाओं को जान लेना उपयोगी होगा-
क-    'वास्तविक' यात्रा व्यय का तात्पर्य कर्मचारी और उसके वैयक्तिक सामान के परिवहन के लिये नौघाट के खर्चों तथा अन्य पथकरों सहित वास्तव में किये गये व्यय से है और यदि शिविर उपस्कर की आवश्यकता हो तो इसके अन्तर्गत उसकी ढुलाई भी है।                                 (नियम-1)
ख-    'दिन या दिवस' का अभिप्राय एक अर्धरात्रि से दूसरी अर्धरात्रि के बीच 24 घंटों के पूर्ण कैलेण्डर दिवस से है।                                                                        (नियम-5)
ग-    'दैनिक भत्ता' मुख्यालय से आठ किलोमीटर अर्धव्यास से अधिक दूरी पर ड्यूटी पर जाने पर मुख्यालय से अनुपस्थिति की दशा में अनुमन्य है एवं इसका उद्देश्य दौरा करते समय ऐसी अनुपस्थिति के परिणाम स्वरूप कर्मचारी द्वारा वहन किये गये सामान्य दैनिक व्यय की प्रतिपूर्ति करना है।                      (नियम-5क)
घ-    'परिवार' का अभिप्राय सरकारी सेवक की यथास्थिति पत्नी अथवा पति, वैध सन्तान से है और इसके अतिरिक्त माता-पिता, बहनें तथा अवयस्क भाई, जो उसके साथ रहते हों और उस पर पूर्ण रूप से निर्भर हों, भी हैं, किन्तु इसके अन्तर्गत इस नियमावली के प्रयोजन हेतु एक से अधिक पत्नी नहीं है।                  (नियम-6)
ङ-    'मील भत्ता' यात्रा भत्ते का वह प्रकार है जिसकी गणना यात्रा में तय की गई दूरी के अनुसार की जाती है और जो किसी यात्रा विशेष में वहन किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति पर दिया जाता है।              (नियम-9अ)
च-    'वेतन' यात्रा भत्ते की गणना के प्रयोजन हेतु वह होगा जैसा मूल नियमों में परिभाषित है।  (नियम-10)
छ-    'सार्वजनिक वाहन' का अभिप्राय रेलगाड़ी अथवा अन्य वाहन से जो यात्रियों के परिवहन हेतु नियमित रूप से चलती हो, किन्तु इसके अन्तर्गत टैक्सी अथवा अन्य वाहन जो किसी यात्रा विशेष के लिए भाड़े पर लिया गया हो, सम्मिलित नहीं है।                                                                                                   (नियम-11)
ज-    'पर्वतीय क्षेत्र' से तात्पर्य सोनभद्र का वह क्षेत्र है जो कैमूर पर्वतमाला एवं सोन नदी के दक्षिण में पड़ता है।                                                                                                                                                (नियम-11अ)
कतिपय सामान्य नियम :-
(क)    यात्रा भत्ते सम्बन्धी किसी दावे का पुनरीक्षण अनुमन्य नहीं होता, भले ही यात्रा अवधि में सम्बन्धित कर्मचारी/अधिकारी को देय वेतन पुनरीक्षित कर दिया गया हो।
(ख)    यात्रा भत्ता एक प्रतिपूर्ति भत्ता है और इसे इस प्रकार विनियमित किया जाना चाहिए कि कुल मिलाकर यह लाभ का स्त्रोत न हो जाय। सरकारी सेवक द्वारा भत्ते का दावा उसके द्वारा की गयी यात्रा के समय लागू नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए न कि दावे के समय लागू नियमों के अनुसार।            (नियम-12अ)
(ग)    कुछ विशेष यात्राओं के अतिरिक्त सामान्यत: सरकारी कार्यों में यात्रा करने वाले कर्मचारी/अधिकारी के साथ उसके परिवार का कोई सदस्य जाता है तो ऐसे सदस्य के लिए कोई यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।              (नियम-13)
(घ)    यात्रा भत्ते के उद्देश्य से, किसी यात्रा के आरम्भ अथवा अन्त का स्थान जिलाधिकारी का कार्यालय होता है। यदि उक्त स्थान पर जिलाधिकारी का कार्यालय न हो अथवा ऐसा स्थान रेलवे/बस स्टेशन से 8 कि0मी0 से अधिक दूरी पर स्थित हो, तो यात्रा वास्तविक स्थान से आरम्भ तथा समाप्त मानी जायेगी। उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगरों में जिलाधिकारी के कार्यालय से रेलवे स्टेशन/बस स्टेशन की दूरी वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-III परिशिष्ट-V में दी गयी है।
(नियम-14) 
(ङ)    किसी सरकारी कर्मचारी को देय यात्रा भत्ता निम्न बिन्दुओं पर निर्भर करता है -
        (अ)    यात्रा का प्रकार, जिसके लिए यात्रा भत्ते का दावा किया जा रहा है, एवं
        (ब)    यात्रा भत्ते के आगणन हेतु सम्बन्धित कर्मचारी की श्रेणी।
(च)    एक श्रेणी से स्थानान्तरित होकर दूसरी श्रेणी में जाने वाले कर्मचारी को यात्रा भत्ता उक्त दोनो में से निम्नतर श्रेणी के अनुसार देय होता है।                                                                                          (नियम-19)
(छ)    (i) यदि शासकीय कार्यवश की जाने वाली कोई रेल यात्रा जनहित में रद्द की जाती है तो ऐसी स्थिति में अप्रयुक्त रेलवे टिकट की वापसी पर काटे जाने वाली निरस्तीकरण प्रभार की प्रतिपूर्ति, नियंत्रण अधिकारी का इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर कि यात्रा पूर्णरूपेण जनहित में रद्द की गयी है, सरकारी सेवक को उस विभाग/कार्यालय द्वारा प्रासंगिक व्यय की मद से कर दी जाय, जहाँ वह कार्यरत हो। यदि सम्बन्धित सरकारी सेवक अपने यात्रा भत्ते के सम्बन्ध में स्वयं नियंत्रण अधिकारी है तो उक्त प्रमाण पत्र उसके द्वारा स्वयं दिया जायेगा।
            (ii) इसी प्रकार अप्रयुक्त वायुयान टिकटों के संबंध में लोकहित में निरस्त यात्राओं पर निरस्तीकरण प्रभार के रूप में काटी गई धनराशि की प्रतिपूर्ति भी कार्यालय के प्रासंगिक व्यय से की जायेगी।
I-साधारण यात्रा
1-    शासकीय कार्य से यात्रा करने पर सरकारी सेवक को यात्रा भत्ता, जिसमें निम्नांकित प्रकार के भत्ते यथास्थिति सम्मिलित हो सकते हैं, केवल स्वयं के लिए (परिवार के लिए नहीं) अनुमन्य होता है:-
(नियम-22)
(i) रेल से यात्रा करने हेतु मील भत्ते
(ii) सड़क से यात्रा करने हेतु मील भत्ते तथा स्थानीय मील भत्ते
(iii) वायु मार्ग से यात्रा करने हेतु मील भत्ते
(iv) दैनिक भत्ते
(v) आनुषंगिक भत्ते
(vi) वास्तविक व्यय जो स्वीकार्य हैं।
2-यात्रा भत्ता के प्रयोजनार्थ सरकारी सेवकों की अधिकृत श्रेणी :-
(क)    यात्रा भत्ता के प्रयोजनार्थ सरकारी सेवक निम्नवत वेतन सीमा के अनुसार वायुयान/रेल से यात्रा करने हेतु निम्न प्रकार से प्राधिकृत होंगे :-
वेतन सीमा यात्रा की अधिकृत श्रेणी
रू0 25000 या इससे अधिक प्रतिमाह वेतन पाने वाले वायुयान का एक्जीक्यूटिव क्लास
रू0 18400 प्रतिमाह या इससे अधिक वेतन पाने वाले वायुयान अथवा रेल का वातानुकूलित कोच (प्रथम श्रेणी) अथवा शताब्दी एक्सप्रेस का एक्जीक्यूटिव क्लास
रू0 16400 से 18399 तक प्रतिमाह वेतन पाने वाले रेल का वातानुकूलित कोच (प्रथम श्रेणी) तथा 500 किमी से अधिक की यात्रा पर वायुयान अथवा शताब्दी एक्सप्रेस का एक्जीक्यूटिव क्लास
रू0 8000 से 16399 प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले रेल की प्रथम श्रेणी अथवा वातानुकूलित कोच (द्वितीय श्रेणी) 2-टियर अथवा शताब्दी एक्सप्रेस में वातानुकूलित चेयर कार
रू0 5000 से 7999 प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले रेल की प्रथम श्रेणी अथवा वातानुकूलित कोच (3-टियर) अथवा वातानुकूलित चेयर कार (शताब्दी एक्सप्रेस को छोड़कर)
रू0 5000/- से कम वेतन पाने वाले रेल की द्वितीय श्रेणी (स्लीपर)
(i)    शासन के विशेष सचिव एवं अखिल भारतीय सेवा के अन्य अधिकारी जिनका वेतन रू0 16400/- प्रति माह से कम है किन्तु रू0 12750/- से कम न हो, वायुयान से 500 किमी0 से अधिक दूरी की यात्रा कर सकते हैं।
(शासानादेश संख्या सा-4-802/दस-99-600/99-टी0सी0 दिनांक 1-11-99)
(ii)    दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी यात्रा भत्ता अनुमन्य होता है। इनकी श्रेणी के आकलन हेतु माह के अन्त  में भुगतान की जाने वाली पारिश्रमिक की धनराशि को आधार माना जाता है।
(नियम-21ग)
(iii)    विदेश यात्रा के दौरान रूपये 26,000/- का मासिक वेतन प्राप्त करने वाले अधिकारियों को वायुयान की प्रथम श्रेणी में यात्रा की अनुमन्यता होगी और रूपये 18,400/- या इससे अधिक वेतन पाने वाले अधिकारियों को वायुयान के बिजनेस/क्लब क्लास में यात्रा के लिए अर्ह होंगे तथा शेष अधिकारी इकोनामी/सामान्य श्रेणी में हवाई यात्रा कर सकेगें।
(iv)    देश के भीतर रूपये 22,400/- अथवा इससे अधिक मासिक वेतन पाने वाले अधिकारियों को वायुयान का एक्जीक्यूटिव क्लास अनुमन्य होगा।
(शासनादेश संख्या जी-2-1817/दस-2005-600/99 टीसी - 11, दिनांक 10 जनवरी, 2006)
(ख)    बस द्वारा यात्रा :-    सामान्य श्रेणी की बसों में यात्रा के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं है, परन्तु विशेष सुविधायुक्त बसों द्वारा यात्रा की अनुमन्यता हेतु उनके किराये की समीक्षा संबंधित कर्मचारी को रेल की अनुमन्य श्रेणी के किराये के परिप्रेक्ष्य में की जानी चाहिए एवं रेल की उक्त किराये के सीमान्त तक ही अनुमन्यता प्रतिबंधित की जानी चाहिए।                                           (नियम-14ए)
(ग)    टैक्सी या किराये के अन्य वाहन से यात्रा :-    उक्त साधनों से की गयी यात्रा संबंधित कर्मचारी को, उसके द्वारा व्यय की गयी धनराशि, उस अधिकृत श्रेणी के किराये की अधिकतम सीमा तक अनुमन्य की जा सकती है।
नियम 29(5) के अनुसार, जब दो या दो से अधिक सरकारी सेवक एक मोटर कार अथवा जीप जिसमें पाँच या अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था हो, सामूहिक रूप से यात्रा हेतु किराये पर लें, तो उन्हें ऐसी यात्रा हेतु भुगतान किया गया वास्तविक किराया अथवा नियम 23(बी) (2) के अधीन देय सड़क मील भत्ता जो भी कम हो देय होगा। उनमें से प्रत्येक को दैनिक भत्ता सामान्य नियमानुसार देय होगा।
(घ)    जनहित में यात्रा निरस्त होने पर निरस्तीकरण व्यय अनुमन्य होता है।         (नियम-23 (AAA)2)
3-    आनुषंगिक व्यय :-
    (i)    वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-3 के उप नियम-23 (1) के अन्तर्गत सरकारी सेवकों को निम्न प्रकार अनुमन्य होगा :-
वेतन सीमा आनुषंगिक व्यय की दर (पैसे प्रति कि0मी0)
1- रू0 8000 प्रतिमाह या इससे अधिक वेतन पाने वाले 11 पैसे
2- रू0 5000 से रू0 7999 प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले 08 पैसे
3- रू0 5000 प्रतिमाह से कम वेतन पाने वाले 05 पैसे
(2)    हवाई यात्रा के दौरान आनुषांगिक व्यय की दरें रू0 30 प्रति यात्रा प्रति साइड की दर से अनुमन्य होगा।
4-    (क)    सड़क से यात्रा करने हेतु मील भत्ता :-
                सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों के लिए शासकीय कार्य के लिए यात्रा करने के संबंध में सामान्य नियम यह है कि जो स्थान रेल अथवा बस से जुड़े हुए हैं, वहां की यात्रा केवल रेल अथवा बस से ही की जानी चाहिए। कुछ स्थानों की यात्रा रेल अथवा बस से संभव नहीं होती है। सड़क मार्ग से की गयी यात्राओं के लिये वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-3 के नियम 23-बी(2) के अनुसार मील भत्ता निम्नांकित दरों पर अनुमन्य है-
(i)    रूपये 10,000 प्रतिमाह या उससे अधिक वेतन पाने वाले सरकारी सेवक :-
(क) निजी अथवा सरकारी सेवक द्वारा किराये पर लिये गये वाहन (मोटर कार, जीप इत्यादि) से यात्रा करने पर रूपये प्रति किमी.
पेट्रोल चालित वाहन डीजल चालित वाहन
(1) प्रथम 500 किमी. तक तय की गई दूरी के लिए 4.50 3.50
(2) 500 किमी. से अधिक परन्तु 1200 किमी. तक तय की गई दूरी के लिए 3.25 2.75
(3) 1200 किमी. से अधिक तय की गई दूरी के लिए शून्य शून्य
(ख) उपरोक्त (क) में वर्णित वाहनों के अलावा पेट्रोल/डीजल चालित अन्य वाहनों तथा मोटर साइकिल/स्कूटर इत्यादि से की गई सड़क यात्राओं के लिए
रू0 2.00 प्रति कि.मी. इस प्रतिबंध के अधीन कि एक मास में ऐसी यात्राओं के लिए रू0 400 से अधिक की धनराशि अनुमन्य न होगी
(ग) पेट्रोल/डीजल चालित वाहनों के साधनों के अलावा अन्य वाहनों से/पैदल की गई सड़क यात्राओं के लिए रू0 0.60 प्रति कि.मी. इस प्रतिबंध के अधीन कि एक मास में ऐसी यात्राओं के लिए रू0 120 से अधिक धनराशि अनुमन्य न होगी
(ii)    रू0 1.,000 प्रतिमाह से कम वेतन पाने वाले सरकारी सेवक :-
(क) पेट्रोल/डीजल चालित वाहन के किसी भी साधन से की गई सड़क यात्राओं के लिए रू0 2.00 प्रति कि.मी. इस प्रतिबन्ध के अधीन कि एक मास में ऐसी यात्राओं के लिए रू0 400 से अधिक की  धनराशि अनुमन्य न होगी
(ख) पेट्रोल/डीजल चालित वाहनों के साधनों के अलावा अन्य वाहनों से/पैदल की गई सड़क यात्राओं के लिए रू0 0.60 प्रति कि.मी. इस प्रतिबन्ध के अधीन कि एक मास में ऐसी यात्राओं के लिए रू0 120 से अधिक धनराशि अनुमन्य न होगी
            पहाड़ी क्षेत्रों में उपरोक्त दरों में 33 1/3 प्रतिशत की वृद्धि दर अनुमन्य होती है।
            यदि सरकारी सेवक द्वारा अपने निजी वाहन द्वारा यात्रा की जाय परन्तु उस का प्रणोदन व्यय (ईधन आदि) किसी अन्य कर्मचारी जो उसके साथ यात्रा करता है, द्वारा वहन किया जाता है तो वाहन के स्वामी को मात्र दैनिक भत्ता तथा आनुषंगिक व्यय ही देय होगा।
(ख)    सरकारी/वाहन से यात्रा - यदि कोई सरकारी सेवक किसी वाहन में 24 घंटे अथवा उसके किसी अंश की अवधि में कोई  दूरी सीधे सड़क मार्ग से नि:शुल्क तय करता है, तो उसे रेलयात्रा के प्राविधानित दरों पर आनुषंगिक व्यय अनुमन्य होगा, जिसकी धनराशि साधारण दर से एक दैनिक भत्ते से अधिक नहीं होगी। तथापि, यदि गन्तव्य स्थान पर आगमन अथवा प्रस्थान के दिन अवस्थान की अवधि 8 घंटे या उससे अधिक हो तो सरकारी सेवक एक दिन का दैनिक भत्ता जिसकी धनराशि साधारण दर से एक दैनिक भत्ते की धनराशि से अधिक नही होगी, या आनुषंगिक भत्ता आहरित कर सकता है। दैनिक भत्ता तथा आनुषंगिक व्यय दोनों अनुमन्य नहीं होंगे।
 (ग)    महानगरों में स्थानीय यात्रायें - दिल्ली, कलकत्ता, बम्बई व मद्रास में समूह 'क' एवं 'ख' के अधिकारियों को टैक्सी द्वारा स्थानीय यात्राओं का व्यय अनुमन्य है। ऐसी यात्रा के सन्दर्भ में समूह 'क' के अधिकारियों के दैनिक भत्ते में कोई कटौती नहीं की जायेगी। किन्तु समूह 'ख' के अधिकारियों के दैनिक भत्ते में 25 प्रतिशत कटौती की जायेगी। इसी प्रकार समूह 'ग' एवं 'घ' के कर्मचारियों को उक्त स्थान पर तिपहिया वाहन द्वारा स्थानीय यात्राएं अनुमन्य हैं किन्तु इसके सन्दर्भ में उनके दैनिक भत्ते में 25 प्रतिशत की कटौती की जायेगी। समूह 'क' के अधिकारियों को उक्त टैक्सी की सुविधा बंगलौर, अहमदाबाद, पटना, शिमला, हैदराबाद, चण्डीगढ़ एवं श्रीनगर (कश्मीर) में भी अनुमन्य है।
(घ)    निवास से रेलवे स्टेशन/बस स्टेशन के बीच यात्रा हेतु स्थानीय सड़क मील भत्ता -
यात्रा पर जाते समय तथा गन्तव्य स्थान से वापसी में रेलवे स्टेशन/बस स्टेशन के बीच की जाने वाली अल्प दूरी की यात्राओं के लिये समस्त सरकारी सेवकों को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-III  के नियम 14 के अनुसार परिशिष्ट-5 में इंगित दूरी के लिये रू0 4.00 प्रति किमी. की दर से स्थानीय सड़क मील भत्ता ग्राह्य होगा किन्तु यदि किसी स्टेशन  पर कलेक्टर का कार्यालय न हो या यात्रा प्रारम्भ बिन्दु अथवा समाप्ति बिन्दु तथा रेलवे स्टेशन अथवा बस स्टैण्ड के बीच की दूरी आठ किलोमीटर से अधिक हो तो यात्रा प्रारम्भ होने तथा समाप्ति का बिन्दु वास्तविक स्थान होंगे। पहाड़ी क्षेत्रों में इसमें 33 1/3 प्रतिशत की वृद्धि देय होगी। एक किलोमीटर का कोई भाग यात्रा भत्ता बिल के योग में यदि हो तो उसे सड़क मील भत्ता की गणना हेतु छोड़ दिया जायगा।                                                                                                                                  नियम--23(बी)(3)
5-    दैनिक भत्ता :-
(क)    सरकारी सेवक को सरकारी कार्यवश मुख्यालय के अलावा किसी अन्य स्थान पर आवागमन अथवा वापसी के प्रत्येक दिन के लिए दैनिक भत्ता अनुमन्य है, परन्तुक यह है कि उस स्थान पर उस दिन उसका अवस्थान 8 घण्टे से कम न हो।
(ख)    दैनिक भत्ते की अनुमन्यता निम्नानुसार है :-
(i)    साधारण दौरों की दशा में
(1)   सामान्यतया प्रथम 10 दिन तक पूरी दर पर (सक्षम अधिकारी की स्वीकृति प्राप्त होने पर प्रथम 30 दिन तक पूरी दर पर)
(2)    तत्पश्चात 150 दिन तक आधी दर पर।
(3)    उक्त 180 दिन के बाद दैनिक भत्ता देय नहीं होगा।
(ii)    प्रशिक्षण की दशा में
(1)    प्रथम 45 दिन तक पूरी दर पर।
(2)    तत्पश्चात 135 दिन तक आधी दर पर।
(3)    उक्त 180 दिन के बाद दैनिक भत्ता देय न होगा।
(4)    प्रशिक्षण की अवधि 180 दिन से अधिक होने की दशा में सम्बन्धित सरकारी सेवक को यह विकल्प होगा कि वह चाहे तो अवस्थान की अवधि में उपरोक्तानुसार दैनिक भत्ता ग्रहण करे अथवा केवल स्वयं के लिए स्थानान्तरण पर अनुमन्य यात्रा भत्ता प्राप्त करें।
(ख)    अन्य शर्तें :- (i) साधारण दौरों की दशा में अवस्थान की अवधि 10 दिन से अधिक होने पर उपरोक्तानुसार वर्णित दरों पर दैनिक भत्ता प्राप्त करने हेतु सक्षम नियंत्रक अधिकारी की स्वीकृति नियम 27 (डी) के अन्तर्गत लेनी होंगी, तभी 10 दिन के बाद की अवधि हेतु दैनिक भत्ते का भुगतान पूरी दर पर अनुमन्य होगा, किन्तु प्रशिक्षण की दशा में 45 दिन तक का दैनिक भत्ता उक्त स्वीकृति के बिना पूरी दर पर आहरित किया जा सकता है।
(ii)    प्रशिक्षण/दौरे पर अवस्थान (Half) की अवधि में यदि सरकारी सेवक को भोजन एवं आवास की सुविधायें नि:शुल्क उपलब्ध होती हैं तो उक्त दैनिक भत्ते की दर चौथाई (1/4) और दोनों में एक सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध  होने पर आधी (1/2) दर पर दैनिक भत्ता अनुमन्य होगा।
(iii)    प्रशिक्षण अवधि में कोई छात्रवृत्ति/अन्य आर्थिक सुविधा प्राप्त होने की दशा में वह धनराशि उस अवधि में सरकारी सेवक को ग्राह्य दैनिक भत्ते की कुल धनराशि से अधिक होने पर, यदि प्रशिक्षणार्थी उसे ग्रहण करता है तो उसे दैनिक भत्ता देय नही होगा।
(iv)    शासकीय कार्यवश की जाने वाली यात्राओं के दौरान यदि शासकीय सेवक को अन्यथा उस दिन दैनिक भत्ता ग्राह्य न हो और नियंत्रक अधिकारी निम्नांकित परिस्थितियों में विद्यमान होने के सम्बन्ध में पूर्णत: सन्तुष्ट हो, तो एक दिन का दैनिक भत्ता अनुमन्य होगा-
    (1)    शासकीय कार्यवश गन्तव्य स्थान पर जाने पर वहाँ दो तिथियों में मिलाकर 8 घंटे या उससे अधिक का रात्रि अवस्थान हुआ है,
    (2)    शासकीय सेवक को यात्रा के दौरान रात्रि में अगली बस, रेल या वायुयान की प्रतीक्षा में 4 घंटे या उससे अधिक का अवस्थान करना पड़े।                                          (नियम - 27CC)
(ग)    दैनिक भत्ता की वर्तमान दरें -
सरकारी सेवक का वर्ग (प्रतिमाह मिलने वाला वेतन) "क" वर्ग के नगरों के लिये दरें जिनमें नगरपालिकायें तथा कैन्टोनमेन्ट और निकटवर्ती नोटिफायड क्षेत्र जहां कहीं विद्यमान हो सम्मिलित होंगी। कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी इलाहाबाद, बरेली, गोरखपुर, मेरठ और गाजियाबाद रू0 "ख" वर्ग के नगरों के लिए दरें जिनमें नगरपालिकायें तथा कैन्टोमेन्ट और निकटवर्ती, नोटिफायड क्षेत्र, जहां कहीं विद्यमान हो, सम्मिलित होगी मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, शाहजहाँपुर, मिर्जापुर, फैजाबाद, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, फर्रूखाबाद  रू0 साधारण दर (स्तम्भ-3, 4 में उल्लिखित स्थानों से भिन्न स्थानों के लिए)              रू0
(1) (2) (3) (4)
रू0 16400 या इससे अधिक 155 125 100
रू0 8000 से 16399 तक 140 110 90
रू0 6500 से 7999 तक 120 95 80
रू0 4100 से 6499 तक 100 80 65
रू0 4100 से कम 65 50 40
(घ)    विशेष सुविधा
                समस्त कर्मचारी जो महालेखाकार, उ0प्र0, इलाहाबाद/लखनऊ के कार्यालय में लेखा सम्बन्धित कार्य हेतु एवं किसी वाद के संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद/लखनऊ जायेंगे उन्हें सामान्य दैनिक भत्ते के अतिरिक्त रू0 30 प्रतिदिन और अनुमन्य होगा।
नियम-23 (सी)(2)
(ङ)    विशेष दैनिक भत्ता :-
                रू0 8000 प्रतिमाह या उससे अधिक वेतन पाने वाले सरकारी सेवक यदि "क" वर्ग के नगरों में सरकारी कार्यवश जाते हैं और उन्हें वहाँ किसी अन्य स्थान/होटल में ठहरना पड़ता है तो उन्हें अवस्थान की अवधि में निम्न प्रकार विशेष दर से दैनिक भत्ता देय होगा :
    देय विशेष दैनिक भत्ता = साधारण दैनिक भत्ता का 90 प्रतिशत + होटल में ठहरने पर किया गया व्यय (विशेष दैनिक भत्ता तक सीमित)
सरकारी सेवक की श्रेणी विशेष दैनिक भत्ते की दर
रू0 8000 से 16399 प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले रू0 300 प्रतिदिन
रू0 16400 या उससे अधिक वेतन पाने वाले तथा अखिल भारतीय सेवा के समस्त अधिकारी रू0 400 प्रतिदिन
(च)    उत्तर प्रदेश के बाहर के स्थानों की सरकारी यात्रा की दशा में दैनिक भत्ता :-
उत्तर प्रदेश के बाहर के स्थानों पर सरकारी सेवकों को उन्हीं दरों पर दैनिक भत्ता अनुमन्य होगा जैसा कि उन स्थानों पर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अनुमन्य है। यदि सरकारी सेवक को किसी होटल या अन्य स्थान पद जहाँ ठहरने और/अथवा ठहरने व भोजन की व्यवस्था शेड्यूल टैरिफ पर उपलब्ध है, रहना पड़े तो उसे भारत सरकार के कर्मचारियों को अनुमन्य विशेष दर पर दैनिक भत्ता अथवा वास्वविक व्यय,  जो भी कम हो, देय होगा। वास्वविक व्यय का तात्पर्य ठहरने के लिए दिये गये किराये से है। भोजन पर व्यय इसमें सम्मिलित नहीं होगा। वास्वविक व्यय को पुष्टि में वाउचर प्रस्तुत करना होगा। प्रदेश के बाहर राज्य सरकार के कर्मचारियों को निम्नवत् विशेष दैनिक भत्ता देय है -
वेतन सीमा ए-1 श्रेणी के शहर ए-श्रेणी के शहर बी-1 श्रेणी के शहर अन्य शहर
साधारण होटल* साधारण होटल* साधारण होटल* साधारण होटल*
रू0 16400 से अधिक 260 550 210 525 170 425 135 335
रू0 8000 से 16339 230 505 185 405 150 330 120 225
रू0 6500 से 7999 200 380 160 305 130 250 105 200
रू0 4100 से 6499 170 245 135 195 110 160 90 130
रू0 4100 से कम 105 125 85 100 70 85 55 65
* विशेष दैनिक भत्ता
ए-1    श्रेणी के शहर
            1. मुम्बई    2. चेन्नई    3. कोलकाता    4. नई दिल्ली
ए    श्रेणी के शहर
            1. अहमदाबाद    2. पुणे    3. हैदराबाद    4. बंगलौर    5. दार्जिलिंग
बी-1    श्रेणी के शहर
1. भोपाल    2. सूरत    3. कोयंबटूर    4. लुधियाना    5. बड़ौदरा    6. इन्दौर    7. मदुरै 
8. जयपुर    9. नागपुर    10. जम्मू और कश्मीर का सम्पूर्ण क्षेत्र    11. अण्डमान निकोबाद दीप समूह का सम्पूर्ण क्षेत्र।
II- विशेष यात्रायें
1-    स्थानान्तरण यात्रा भत्ता :-
            जब किसी कर्मचारी/अधिकारी का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए किया जाता हे और यह स्थानान्तरण जनहित में किया जाता है, न कि स्वयं के अनुरोध पर तो उक्त कर्मचारी निम्नांकित का अधिकारी होता है :
(क)    एकमुश्त स्थानान्तरण अनुदान (कम्पोजिट ट्रान्सफर ग्रान्ट) :- कम्पोजिट ट्रान्सफर ग्रान्ट प्रदेश के शासकीय सेवकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानान्तरित  होने की दशा में देय होगा।
            एक जिले से दूसरे जिले से में स्थानान्तरण होने की दशा में कम्पोजिट ट्रान्सफर ग्रांट के रूप में सम्बन्धित सरकारी सेवक को आधे माह के मूल वेतन अधिकतम रू0 10,000/- की सीमा के अधीन धनराशि अनुमन्य होगी तथा आनुषांगिक व्यय, पैकिंग भत्ता एवं गन्तव्य स्थान से रेलवे/बस स्टेशन तथा रेलवे/बस स्टेशन से नये निवास के स्थान का स्थानीय किराया अनुमन्य नहीं होगा।
                जिले के अन्तर्गत एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण की स्थिति में कम्पोजिट ट्रांसफर ग्रान्ट के स्थान पर निम्नानुसार पैकिंग भत्ता अनुमन्य होगा :-
क्र0सं0 वेतन सीमा पैकिंग भत्ते की दर (रू0)
1 रू0 6500 प्रतिमाह या इससे अधिक वेतन पाने वाले 500-00
2 रू0 6499 प्रतिमाह तक मूल वेतन पाने वाले 250-00
(ख)    रेल द्वारा यात्रा की दशा में
        (i)    स्वयं के लिए  - सरकारी सेवकों को स्वयं के लिए रेल का वास्वविक किराया जो हकदार श्रेणी के किराये से अधिक न हो, अनुमन्य होगा।
        (ii)    परिवार के लिए - प्रत्येक वयस्क सदस्य के लिए भाड़ा तथा प्रत्येक बच्चे के लिए आधा भाड़ा उस श्रेणी का जिसमें यात्रा वास्तव में की गयी हो। यह कर्मचारी को अनुमन्य श्रेणी से उच्चतर नहीं होना चाहिए। इस प्रतिबंध के साथ कि यात्रा वास्तव में की गयी हो एवं सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा ऐसे सदस्यों की संख्या एवं उनसे सम्बन्धित विषयक प्रमाण दिया जाय, जिनके लिए उक्त भाड़े का दावा किया हो।
(ग)    घरेलू सामान की ढुलाई -
सरकारी सेवकों को उनके स्थानान्तरण के अवसर पर व्यक्तिगत सामान की ढुलाई के लिए वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-3 के नियम -42 (42)(I) (III)  में अंकित भार की सीमा तक ढुलाई पर हुए वास्वविक व्यय की प्रतिपूर्ति स्वयं के जोखिम पर मालगाड़ी से परिवहन हेतु अनुमन्य व्यय की प्रतिपूर्ति निम्न सीमा के अधीन की जाएगी।
यदि यात्रा परिवार सहित की गई हो :-
क्रम सं0 सरकारी सेवक/वेतन सीमा व्यक्तिगत सामान की ढुलाई के लिए अधिकतम सीमा
1 रू0 8000 या उससे अधिक वेतन पाने वाले 6000 कि0ग्रा0 या 4 पहिये का एक वैगन
2 रू0 6500 से 7999 प्रतिमाह वेतन पाने वाले 3000 कि0ग्रा0
3 रू0 4100 से 6499 प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले 2500 कि0ग्रा0
4 4100 से प्रतिमाह कम वेतन पाने वाले 1250 कि0ग्रा0
यदि यात्रा स्वयं अकेले की गई हो :-
               
यदि स्थानान्तरण के अवसर पर सरकारी सेवक ने स्वयं ही अकेले यात्रा की हो, तो उस स्थिति में उल्लिखित भार के 2/3 भाग तक की अधिकतम सीमा तक के व्यक्तिगत समान को ढुलाई का व्यय ही देय होगा।
(घ)    निजी सामान की स्थानीय ढुलाई :-
               निजी सामान की स्थानीय ढुलाई के लिए ठेले पर व्यय के स्थान पर निजी सामान के परिवहन हेतु मालगाड़ी से स्वयं के जोखिम पर अनुमन्य ढुलाई व्यय का 25 प्रतिशत अतिरिक्त व्यय अनुमन्य होगा।
नियम 42(2)(11)(111)
                जहाँ तक सामान ढुलाई  ट्रक या अन्य सड़क वाहन द्वारा किये जाने का प्रश्न है, ऐसी स्थिति में मालगाड़ी द्वारा स्वयं के जोखिम पर अनुमन्य व्यय व उसके 25 प्रतिशत अतिरिक्त ढुलाई का व्यय की अनुमन्यता की अधिकतम सीमा पर परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति अनुमन्य होती है।
(च)    वाहन का परिवहन :-
                उपरोक्त मात्रा तक सामान ढोने के व्यय के अतिरिक्त यथा वाहन रखने का पात्र शासकीय सेवक मोटर कार/स्कूटर/मोपेड या साइकिल को रेल से ओनर्स रिस्क पर ले जाने के वास्तविक व्यय (कार के लिए ड्राइवर के यात्रा व्यय सहित)  की प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकता है।
नियम -42(2)(1)(1) तथा टिप्पणी -2
                शासकीय सेवक यदि वाहन को रेल से जुड़े दो स्थानों के मध्य सड़क से ढोता है तो वह वास्तविक ढोलन व्यय को रेल से ओनर्स रिस्क पर ढोने की दशा में अनुमन्य धनराशि की अधिकतम सीमा के अधीन प्राप्त कर सकता है, परन्तु मोटर कार/मोटर साइकिल/मोपेड को उसकी अपनी शक्ति से चलाकर सड़क द्वारा ले जाता है तो क्रमश: 35 पैसे तथा 15 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से परिवहन  व्यय आहरित कर सकता है। यदि वे स्थान रेल द्वारा नहीं जुड़े हो तो उपरोक्त 35 पैसे तथा 15 पैसे प्रति कि0मी0 की दर की सीमा तक सड़क से ले जाने का वास्तविक व्यय आहरित कर सकता है।
(छ)    सड़क द्वारा यात्रा :-
                सड़क के किसी भी वाहन द्वारा यथा टैक्सी बस आदि द्वारा यात्रा की दशा में सरकारी सेवक वे उसके परिवार (यदि यात्रा करता है) हेतु अनुमन्य श्रेणी में रेल द्वारा यात्रा की दशा में अनुमन्य भाड़े की अधिकतम सीमा के अन्तर्गत वास्वविक व्यय की प्रतिपूर्ति (जो भी कम हो) अनुमन्य होती है।
2-    परीक्षा देने हेतु यात्र :-
(क)    किसी कर्मचारी को किसी अनिवार्य परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु साधारण दर से यात्रा भत्ता किसी ऐसी परीक्षा अथवा उसके प्रत्येक स्तर या भाग, में उपस्थिति होने के लिए दो बार देय होता है। किन्तु यदि किसी कर्मचारी ने जानबूझकर उक्त परीक्षा की तैयारी न की हो तो उसके विभागाध्यक्ष द्वारा उसके यात्रा भत्ते को अस्वीकृत किया जा सकता है।                                           (नियम 46 ए)
(ख)    यदि किसी कर्मचारी को किसी ऐच्छिक परीक्षा में बैठने की अनुमति उसके विभागाध्यक्ष द्वारा दी गयी है तो ऐसी परीक्षा में प्रतिभाग करने हेतु उसे वास्तविक यात्रा भत्ता अनुमन्य किया जा सकता है बशर्ते कि वह उक्त परीक्षा उत्तीर्ण कर लें। उक्त परीक्षा दो या अधिक खण्डों में विभाजित हो तो उक्त यात्रा व्यय प्रत्येक खण्ड की परीक्षा के लिये अनुमन्य होता है परन्तु जिन परीक्षाओं में एक समय में ए‍क विषय में ही बैठने का प्रतिबन्ध हो तो उनके लिए यात्रा व्यय मात्र एक बार अनुमन्य होगा। (नियम 46 बी-1)
(ग)    य‍दि किसी कर्मचारी/अधिकारी को उसके उच्चतर पद पर पदोन्नति हेतु या किसी प्राविधिक पद पर उसकी नियुक्ति के औचित्य का परीक्षण करने हेतु लोक सेवा आयोग अथवा किसी चयन समिति द्वारा उपस्थिति होने के निर्देश दिये जाते हैं, तो उसे अपने कार्यस्थल से उक्त/आयोग समिति तक जाने व आने का यात्रा व्यय, साधारण दर से देय होता है, परन्तु उक्त स्थान पर अवस्थान के लिए कोई दैनिक भत्ता अनुमन्य नहीं होता है।
परन्तु यदि कोई कर्मचारी सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले किसी पद के लिए लोक सेवा आयोग अथवा किसी चयन समिति के समक्ष साक्षात्कार हेतु उपस्थित होता है, तो उसे उक्त संदर्भ में की गयी यात्राओं के लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं होता है।                                           (नियम 46 बी)
3-    अवकाश से वापिस बुलाये जाने पर :-                                                                             (नियम 51-ए)
(क)    यदि किसी कर्मचारी को, जो अवकाश का उपभोग अपने मुख्यालय से बाहर कर रहा हो, उक्त अवकाश पूर्ण होने से पूर्व ही मुख्यालय वापिस लौटने के लिए बाध्य किया जाता है तो उसे कोई भत्ता देय नहीं होगा यदि
    (i)    उसके द्वारा लिये गये 60 दिन से अधिक के अवकाश का आधे से अधिक उपभोग किया गया हो अथवा अवकाश बिताने के बाद वापस बुलाया गया हो,
    (ii)    उसके द्वारा लिये गये 60 दिन तक के अवकाश में से एक माह से कम का अवकाश शेष हो।
        अन्य परिस्थितियों में उसे निम्नांकित भत्ता देय होगा -
            (अ)    स्वयं के लिए- वापसी की सूचना प्राप्त होने के स्थान से साधारण दर से सड़क किमी. भत्ता।
            (ब)    परिवार के लिए।
            (स)    सामान की ढुलाई।                 (शून्य)
(ख)    यदि किसी कर्मचारी को अवकाश से वापिस बुलाया जाता है एवं किसी अन्य स्थान पर जाने के लिए आदेशित किया जाता है तो उसे निम्नांकित सुविधा अनुमन्य होती है -
    (i)    जब अवकाश अवधि 120 दिन से अधिक न रही हो -
    (अ)    स्वयं के लिए- कर्मचारी के विकल्प के अनुसार, सूचना प्राप्ति के स्थान से साधारण सड़क किमी. भत्ता, अथवा नियम 42 के अनुसार नियुक्ति के मूल स्थान से नवीन स्थान तक का माइलेज एलाउन्स स्थानान्तरण की दर से।
     (ब)    परिवार के लिए- नियुक्ति के मूल स्थान से नवीन स्थान तक, स्थानान्तरण की दर से माइलेज एलाउन्स।
    (स)    सामान की ढुलाई - नियम-42 के अनुसार देय ढुलाई का व्यय।
(ii)    जब 120 दिन से अधिक के अवकाश से वापिस बुलाया गया हो एवं ऐसे अवकाश का 30 दिन से अधिक की अवधि शेष हो
        (अ)    स्वयं के लिए - सूचना प्राप्ति के स्थान से साधारण दर से अनुमन्य सड़क किमी.भत्ता।
        (ब)    परिवार के लिए कुछ नहीं।
        (स)    सामान ढुलाई उपरोक्त 'स' के अनुसार।
4-    साक्ष्य देने हेतु यात्रा -
                जब किसी कर्मचारी को राज्य सरकार की ओर से किसी आपराधिक मामले में साक्ष्य देने हेतु उपस्थित होने के आदेश दिये जाते हैं तो उक्त कार्य हेतु उसके द्वारा की गयी यात्रा के लिए उसके साधारण यात्रा भत्ता नियम 59 के अन्तर्गत इस प्रतिबन्ध के साथ देय होता है कि वह सम्बन्धित न्यायालय/जाँच अधिकारी द्वारा प्रदत्त अपनी उपस्थिति का प्रमाण पत्र अपने यात्रा भत्ते बिल के साथ संलग्न करें।
                अन्य परिस्थितियों में साक्ष्य देने के लिए उपस्थिति होने की दशा में संबंधित कर्मचारी का यात्रा भत्ता व्यय संबंधित न्यायालय द्वारा देय होता है।
5-    निलम्बन काल में यात्रा :-
                किसी निलम्बित कर्मचारी द्वारा विभागीय जाँच हेतु उपस्थित होने के लिए की गयी यात्रा के लिए उसको मुख्यालय से जाँच के स्थान  अथवा निलम्बन काल में अपने घर रहने की अनुमति प्राप्ति होने की दशा में अवस्थान के ऐसे स्थान से जाँच के स्थान तक की गयी यात्रा के लिए नियम-59-ए के अन्तर्गत शर्तों का पालन होने पर साधारण यात्रा भत्ता अनुमन्य होता है। परन्तु यदि जाँच का उक्त स्थान अपचारी कर्मचारी के स्वयं के अनुरोध पर निश्चित किया गया हो तो कोई यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं होता है।
6-    चिकित्सीय राय प्राप्त करने हेतु या किसी बीमार कर्मचारी के साथ की गयी यात्रा -
                स्थानीय रूप से कोई चिकित्साधिकारी उपलब्ध न होने की दशा में यदि किसी कर्मचारी को चिकित्सीय राय प्राप्त करने हेतु अपने कार्य के स्थान से (मुख्यालय) से बाहर जाने के लिए बाध्य होना पड़े तो नियम 60(1) के अनुसार वह उक्त कार्य हेतु जाने व आने के यात्रा भत्ते का अधिकारी होता है प्रतिबन्ध यह है कि वह उक्त चिकित्सा अधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि ऐसी यात्रा वास्तव में नितान्त अनिवार्य थी। यदि स्थानीय चिकित्साधिकारी को यह समाधान हो जाय कि सम्बन्धित सरकारी सेवक के साथ सहायक आवश्यक है तो या स्वयं चिकित्साधिकारी अथवा किसी अन्य सरकारी व्यक्ति को सरकारी सेवक के साथ भेज सकता है। ऐसी स्थिति में अन्य व्यक्ति को भी सामान्य यात्रा भत्ता देय होगा।                                                                    (नियम-61)        
            अशक्तता हेतु चिकित्सा परिषद के समक्ष उपस्थित होने हेतु यात्रा भत्ता देय होगा। यात्रा भत्ता स्टेशन छोड़ने की स्थित में ही देय होगा तथा सामान्य यात्रा भत्ता से अधिक देय नहीं होगा।
            यथासम्भव, सम्बन्धित कर्मचारी को उक्त परिस्थिति में मुख्यालय से बाहर जाने के पूर्व सक्षम अधिकारी से उक्त यात्रा की अनुमति पूर्व ही प्राप्त कर लेनी चाहिये।
7-    सेवानिवृत्त या मृत्यु पर यात्रा भत्ता -
                सरकारी सेवकों द्वारा सेवानिवृत्त हो जाने पर अपने घर  जाने हेतु अथवा उस दूरी की सीमा तक अन्य किसी स्थान पर जाने हेतु, जहाँ वे निवृत्ति के पश्चात रहना चाहें, यात्रा भत्ता देय होता है। यह स्थानान्तरण यात्रा भत्ता की दरों पर मिलता है अर्थात स्वयं तथा परिवार के लिए यात्रा व्यय सामान ढुलाई व्यय, एकमुश्त भुगतान (कम्पोजिट ट्रान्सफर ग्रान्ट), जैसा कि स्थानान्तरण में अनुमन्य होता है देय होता है। कर्मचारी की सेवारत मृत्यु होने की दशा में यह सुविधा कर्मचारी के परिवार को अनुमन्य है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की स्थिति में भी घर जाने के लिये उपरोक्त भत्ता मिलेगा।
(नियम 81-ए,बी)
8-    यात्रा भत्ता का भुगतान एवं नियंत्रक अधिकारी की भूमिका -
  1. नियम 88 के अन्तर्गत यह प्रतिबन्ध है कि किसी यात्रा भत्ते (स्थायी भत्ते के अतिरिक्त) का भुगतान तब तक नहीं किया जाना चाहिये जब तक कि उसे विभागाध्यक्ष या नियंत्रक अधिकारी नामित होने की दशा में नियन्त्रक अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित न किया गया हो। नियंत्रक अधिकारियों की सूची वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-3 की परिशिष्ट (IX) में दी गयी है।
  2. नियम 89 ए के अनुसार यदि राजकीय कर्मचारी द्वारा सरकारी कार्यवश यात्रा प्रारम्भ करने से पूर्व अपने नियंत्रण अधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किये बिना ही यात्रा करनी पड़ती है तो यात्रा के लौटने के पश्चात यथाशीघ्र यात्रा की अनुमति प्राप्त की जानी चाहिये। उपरोक्त शर्त उन अधिकारियों के सम्बन्ध में लागू नहीं होगी जो स्वयं अपने नियंत्रक अधिकारी घोषित हो।
  3. नियंत्रक अधिकारी द्वारा किसी यात्रा भत्ता बिल पर प्रतिहस्ताक्षर करने से पूर्व अन्य के अतिरिक्त निम्नांकित बिन्दुओं की जाँच की जानी चाहिए।
            (अ)    यह देखें कि क्या यात्रा आवश्यक  थी, एक ही कार्य के लिए बार-बार यात्रा तो नहीं की गई एवं यात्रा भत्ता बिल में जितने दिनों के अवस्थान हेतु दैनिक भत्ता मांगा है, क्या वह औचित्यपूर्ण है। यदि उक्त जाँच के पश्चात यात्रा औचित्यपूर्ण नहीं पायी जाती है अथवा अवस्थान का काल अधिक प्रतीत हो तो नियंत्रक अधिकारी उसे पूर्णत: अस्वीकृत कर सकते है।
            (ब)    यह देखें कि बिल में अंकित यात्रा के स्थानों की दूरियाँ सही हैं या नहीं।
            (स)    यदि सामान की ढुलाई भाड़े का दावा किया गया है, तो देखेंगे कि क्या उतना ही भार का दावा किया गया है जिसके लिये वह सम्बन्धित नियम के अन्तर्गत अधिकृत है तथा नियमत: वांछित औपचारिकताओं की पूर्ति की गयी है।
            (द)    संतुष्ट हो लें कि प्रस्तुत यात्रा भत्ता बिल सम्बन्धित कर्मचारी के लिये लाभ का स्त्रोत तो नहीं है।
            टिप्पणी - यदि किसी यात्रा भत्ता बिल की जाँच करने पर यह पाया जाता है कि यात्रा वास्वविक रूप से रेल की उस श्रेणी में नहीं की गयी है जिसके भुगतान का दावा किया गया है तो नियंत्रक अधिकारी को ऐसे दावे में यथोचित कटौती का पूर्ण अधिकार होगा।
(नियम 90 के नीचे अंकित टिप्पणी)
(य)    शासन की स्पष्ट अनुमति के बिना नियंत्रक अधिकारी द्वारा यात्रा बिलों पर प्रति हस्ताक्षर करने के अधिकार को किसी अधीनस्थ अधिकारी में प्रतिनिहित नहीं किया जा सकता है।             (नियम-91)
l
ब- अवकाश यात्रा सुविधा नियम
1.    अर्हता/अनुमन्य अवसर
(क)    सरकारी सेवक को उसके सेवाकाल में भारत में स्थित किसी स्थान के सपरिवार भ्रमण हेतु निर्धारित शर्तों के अधीन अवकाश यात्रा सुविधा अनुमन्य है।
(ख)    यह सुविधा नियमित पूर्णकालिक सरकारी सेवकों को पाँच वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण करने के उपरान्त कैलेन्डर वर्ष के आधार पर अनुमन्य होती है। प्रतिनियुक्ति पर गये कर्मचारियों को यह सुविधा उसी दशा में मिलेगी जब सम्बन्धित  उपक्रम उसका पूरा व्यय वहन करने के लिए तैयार हो। यह सुविधा निम्नांकित को अनुमन्य नहीं होगी -
(i)    ऐसे सरकारी सेवक जो राज्य सरकार की पूर्णकालिक सेवा में नहीं है।
(ii)    ऐसे सरकारी सेवक जिनके वेतन/भत्तों का भुगतान आकस्मिक व्यय से किया जाता है।
(iii)    वर्कचार्ज्ड कर्मचारी।
(iv)    ऐसे सरकारी सेवक जिन्हें राज्य सरकार के नियमों से भिन्न किन्हीं अन्य नियमों के अन्तर्गत पहले से ही अवकाश यात्रा सुविधा अथवा इसी प्रकृति की कोई अन्य सुविधा ग्राह्य है।
(ग)    यह सुविधा प्रत्येक 10 वर्ष  की सेवा अवधि में एक बार अनुमन्य होगी। इस प्रकार किसी सरकारी सेवक को 5 वर्ष से 10 वर्ष की सेवावधि में प्रथम अवसर, 11 से 20 वर्ष की सेवावधि से दूसरा अवसर, 21 से 30 वर्ष की सेवावधि में तीसरा अवसर तथा 30 वर्ष से अधिक की सेवा होने की स्थिति में चौथा अवसर अनुमन्य होगा। प्रतिबन्ध यह भी है कि अवकाश यात्रा सुविधा के पूर्व में अप्रयुक्त किसी अवसर के आधार पर कोई अतिरिक्त अवसर अनुमन्य नहीं होगा।
(घ)    परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रीन कार्ड धारकों को उनके सम्पूर्ण सेवाकाल में अवकाश यात्रा सुविधा का एक अतिरिक्त अवसर अनुमन्य होगा। ग्रीन कार्ड धारक सरकारी सेवक यह अतिरिक्त अवसर किसी भी एक सामान्यत: अनुमन्य अवसर पर अवकाश यात्रा सुविधा प्राप्त करने के चार वर्ष पश्चात कभी भी उपभोग कर सकते हैं।
(ङ)    यदि पति तथा पत्नी दोनों ही सरकारी सेवक हों तथा पति और पत्नी दोनों को उक्त सुविधा अनुमन्य हो तो उस स्थिति में यह सुविधा पति अथवा पत्नी में से किसी एक को ग्राह्य होगी। चूँकि रेलवे कर्मचारियों को भारत के किसी भी भू-भाग पर रेल द्वारा जाने आने हेतु नि:शुल्क रेलवे पास उपलब्ध कराये जाते हैं, अत: अन्य राज्य कर्मचारियों की भाँति ऐसे राज्य कर्मचारियों को जिनके पति अथवा पत्नी (यथास्थिति) रेलवे में कार्यरत हैं, अवकाश यात्रा सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।
2.    सीमाएँ
(क)    किसी कैलेन्डर वर्ष में सरकारी सेवकों के किसी संवर्ग में इस सुविधा के लिए पात्र सरकारी सेवकों में से 20 प्रतिशत से अधिक सरकारी सेवकों को यह सुविधा स्वीकृत नहीं की जायेगी जिसे संबंधित संवर्ग के नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।
(ख)    यह सुविधा सम्बन्धित सरकारी सेवक को सम्मिलित करते हुए परिवार के केवल चार सदस्यों तक ही सीमित रहेगी। इस सुविधा के प्रयोजनों के लिए परिवार का अभिप्राय सरकारी सेवक की यथास्थिति पत्नी अथवा पति, वैध सन्तान से है और इसके अतिरिक्त माता-पिता, बहनें तथा अवयस्क भाई, जो उसके साथ रहते हों और उस पर पूर्ण रूप से निर्भर हों, भी हैं, किन्तु इसके अन्तर्गत एक से अधिक पत्नी नहीं है।
(ग)    इस सुविधा का उपभोग करने के लिए सरकारी सेवक द्वारा न्यूनतम 15 दिन के अर्जित अवकाश का उपभोग करना अनिवार्य होगा।
3.    यात्रा हेतु रेल की श्रेणी की अनुमन्यता
(क)    यह सुविधा भारत में किसी भी स्थान को जाने-आने के लिए न्यूनतम दूरी वाले रास्ते के आधार पर अनुमन्य होगा।
(ख)    गन्तव्य स्थान पर जाते समय अथवा वापसी में सरकारी सेवक तथा उसके परिवार द्वारा रास्ते में एक अथवा उससे अधिक स्थानों पर रूकने अथवा अवस्थान किये जाने में आपत्ति नहीं होगी परन्तु उसे किराया निर्धारित दूरी के लिए सीधे टिकट के आधार पर ही अनुमन्य होगा।
(ग)    सरकारी सेवक तथा उसके परिवार के सदस्यों को रेल की उस श्रेणी में यात्रा की सुविधा अनुमन्य होगी जिसके लिए सरकारी सेवक यात्रा भत्ता नियमों के अधीन दौरे पर यात्रा करने के लिए सामान्यत: अधिकृत है किंतु इस सुविधा के अन्तर्गत वायुयान, जलयान एवं रेल की वातानुकूलित प्रथम श्रेणी (ए0सी0-1) से यात्रा अनुमन्य नहीं है।
(घ)    रेल के वातानुकूलित कोचों में अनुमन्यता - पुराने वेतनमान के अंतर्गत 2800/- प्रतिमाह या अधिक मूल वेतन पाने वाले सरकारी सेवक ए0सी0-2 टायर स्लीपर तथा रू0 1400  से 2799 तक प्रतिमाह मूल वेतन पाने वाले सरकारी सेवक ए0सी0 चेयर कार तथा ए0सी0-3 टायर स्लीपर से यात्रा करने हेतु अधिकृत होंगे। उपर्युक्त अनुमन्यता राजधानी एक्सप्रेस से की जाने वाली यात्राओं के संदर्भ में भी लागू होगी।
(ङ)    यदि रेल यात्रा अधिकृत श्रेणी से उच्चतर श्रेणी में की जाती है तो सरकारी सेवक को अधिकृत श्रेणी का किराया अनुमन्य होगा। यदि मात्रा अधिकृत श्रेणी से निम्नतर श्रेणी में की जाती है तो उस स्थिति में उसे निम्नतर श्रेणी का वास्तविक किराया अनुमन्य होगा।
(च)    इस सुविधा के अन्तर्गत यात्रा के दौरान कोई आनुषंगिक भत्ता, अवस्थान के दौरान दैनिक भत्ता तथा सड़क मील भत्ता (चार रूपए प्रति किमी की नियत दर पर लोकल माइलेज) अनुमन्य नहीं होगा।
4.    सड़क से यात्रा की अनुमन्यता
(क)    रेल मार्ग से जुड़े स्थानों के बीच सड़क से यात्रा करने पर सरकारी सेवक को रेल की अधिकृत श्रेणी का किराया (यदि यात्रा वास्तव में रेल से की गई होती) अथवा सरकारी सेवक द्वारा सड़क यात्रा पर किया गया वास्तविक व्यय, इन दोनों में जो भी कम हो, ग्राह्य होगा।
(ख)    इस सुविधा के अन्तर्गत निवास स्थान से निकटतम रेल हेड तक (यदि निवास स्थान रेलवे स्टेशन से न जुड़ा हुआ हो) तत्पश्चात अंतिम रेल हेड से गन्तव्य स्थान तक (यदि गन्तव्य स्थान रेलवे स्टेशन से न जुड़ा हुआ हो) सड़क मार्ग से यात्रा अनुमन्य होगी।
(ग)    इस सुविधा के अन्तर्गत सड़क मार्ग से यात्रा निजी, उधार/किराये पर ली गयी कार अथवा चार्टर्ड बस, वैन अथवा अन्य ऐसे वाहन से अनुमन्य नहीं है, जो कि निजी स्वामित्व के हों अथवा निजी संस्थाओं द्वारा संचालित किये जा रहे हों। सड़क मार्ग से यात्रा राज्य परिवहन निगम या परिवहन विभाग/प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित नियमित बस सेवा जो निश्चित अन्तराल पर निर्धारित किराये पर संचालित होती हो, अनुमन्य होगी।
5.    साक्ष्य/प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता
(क)    रेल यात्रा पर अनुमन्य व्यय की प्रतिपूर्ति/भुगतान तभी किया जायेगा जब यह यात्रा पूर्व आरक्षण कराकर की जायेगी तथा इसका साक्ष्य उपलब्ध कराया जायेगा। इसी प्रकार उपरोकतानुसार बस यात्रा पर अनुमन्य व्यय की प्रतिपूर्ति/भुगतान आवश्यक साक्ष्य उपलब्ध कराने पर ही की जायेगी। इस सुविधा के अन्तर्गत टिकट नम्बर /रसीद को अनिवार्य साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाना बाध्यकारी है। निर्धारित स्थान की यात्रा करने के पश्चात कर्मचारी को अवकाश यात्रा करने से संबंधित प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पड़ेंगे।
(ख)    यह सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से कि अवकाश यात्रा सुविधा की समस्त शर्तें संतुष्ट हो गयी हैं, सरकारी सेवक तथा नियंत्रक अधिकारी द्वारा संलग्नक-1 में प्रदत्त प्रमाणपत्र अवकाश यात्रा सुविधा के बिल के साथ प्रस्तुत किये जाने चाहिये।
6.    अवकाश यात्रा सुविधा अग्रिम संबंधी प्राविधान
(क)    इस सुविधा का उपभोग करने के लिये अग्रिम स्वीकृत किया जा सकता है। अग्रिम की अधिकतम धनराशि दोनों ओर की यात्रा के लिये व्यय की अनुमानित धनराशि जिसकी राज्य सरकार को प्रतिपूर्ति करनी होगी, के 4/5 भाग तक सीमित रहेगी।
(ख)    अग्रिम दोनों ओर की यात्रा के लिये यात्रा प्रारंभ करने के पूर्व इस प्रतिबंध के साथ आहरित किया जा सकता है कि सरकारी सेवक द्वारा लिये गये अवकाश की अवधि 3 माह या 90 दिन से अधिक न हो। यदि अवकाश की अवधि 3 माह या 90 दिन से अधिक होगी तो केवल गन्तव्य स्थान तक जाने के लिये ही अग्रिम आहरित किया जा सकेगा।
(ग)    यदि अवकाश की अवधि 3 माह या 90 दिन से अधिक हो जाती है और अग्रिम दोनों ओर की यात्रा के लिये पहले ही आहरित किया जा चुका है तो सरकारी सेवक को आधी धनराशि तत्काल वापस करनी होगी।
(घ)   अस्थाई सरकारी सेवकों को अग्रिम एक स्थायी सरकारी सेवक की जमानत देने पर स्वीकृत किया जा सकेगा।
(ङ)    अग्रिम कार्यालयाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जायेगा।
(च)    अग्रिम की स्वीकृति से 30 दिन के अन्दर यदि यात्रा प्रारम्भ नहीं की जाती है तो अग्रिम की धनराशि एकमुश्त वापस की जायेगी।
(छ)    आहरित अग्रिम के समायोजन हेतु सरकारी सेवक द्वारा अपना दावा वापसी यात्रा पूर्ण होने के एक माह के अन्दर प्रस्तुत किया जायेगा और चालू वित्तीय वर्ष के अन्दर इसका समायोजन सुनिश्चित किया जायेगा।
(ज)    इस योजना के अन्तर्गत आहरित अग्रिम का लेखा यात्रा पूर्ण होने के बाद उसी प्रकार प्रस्तुत किया जायेगा जिस प्रकार से सरकारी सेवक द्वारा सरकारी कार्य से यात्रा के लिए आहरित अग्रिम के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है।
7.    दावा, देयक एवं अन्य शर्तें
(क)    यदि सरकारी सेवक इस सुविधा के सम्बन्ध में अपना दावा वास्तविक यात्रा के एक वर्ष के अन्दर प्रस्तुत नहीं करता है तो उसका दावा व्यपगत हो जायेगा।
(ख)    इस सुविधा के सम्बन्ध में दावे की प्रतिपूर्ति का बिल यात्रा भत्ता बिल के प्रपत्र पर प्रस्तुत किया जायेगा और बिल के शीर्ष पर "अवकाश यात्रा सुविधा" अंकित कर दिया जायेगा तथा सरकारी सेवक द्वारा इस आशय का सामान्य प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया जायेगा कि उसके द्वारा वास्तव में यात्रा पूर्ण कर ली गयी है और यात्राएँ उस श्रेणी से निरन्तर श्रेणी में नहीं की गयी हैं जिसके लिए प्रतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत किया गया है।
(ग)    सरकारी सेवकों द्वारा इस सुविधा का उपभोग किये जाने पर उनकी सेवा पुस्तिकाओं/सेवा पंजियों में इस आशय की एक प्रविष्टि अंकित कर दी जानी चाहिए कि उनके द्वारा इस सुविधा का उपभोग कब किया गया है। सेवा पुस्तिका/सेवा पंजी के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी द्वारा यह कार्य सम्पादित किया जायेगा।
(घ)    सरकारी सेवक द्वारा यात्रा करने से पूर्व अपने नियंत्रक अधिकारी को उसकी पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। गन्तव्य स्थान की घोषणा पहले से की जानी चाहिए। यदि बाद में पूर्व घोषित गन्तव्य स्थान से भिन्न किसी स्थान के भ्रमण हेतु सरकारी सेवक द्वारा निश्चय किया जाता है तो आवश्यक परिवर्तन नियंत्रक अधिकारी की पूर्व अनुमति से किया जा सकता है।
(ङ)    यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत अवकाश यात्रा एवं अग्रिम स्वीकृत किये जाने सम्बन्धी आदेशों का अनुपालन नहीं किया जाता है तो इस स्थिति में अग्रिम धनराशि की एकमुश्त वसूली के साथ ही स्वीकृत अग्रिम पर सामान्य भविष्य निधि में जमा धनराशि पर देय ब्याज की दर के अनुसार ब्याज के साथ ही दण्ड स्वरूप 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज की वसूली किया जाना भी आवश्यक होगा।
(च)    इस सुविधा के सम्बन्ध में नियंत्रक अधिकारी का तात्पर्य उस प्राधिकारी से है जो यात्रा भत्ता नियमों के अन्तर्गत सम्बन्धित सरकारी सेवक के यात्रा भत्ता बिलों के सम्बन्ध में नियंत्रक अधिकारी घोषित है।
(छ)    अवकाश यात्रा सुविधा पर होने वाला व्यय (देय अग्रिम सहित)  मानक मद "45-अवकाश यात्रा व्यय" के अन्तर्गत डाला जायेगा।
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संलग्नक-1
(क)    सरकारी सेवक द्वारा दिया जाने वाला प्रमाण-पत्र
(1)    प्रमाणित किया जाता है कि मैंने तथा मेरे परिवार के सदस्यों ने पूर्व घोषित स्थान की यात्रा वास्तव में कर ली है और रेल की उस श्रेणी से निम्नतर श्रेणी में यात्रा नहीं की है जिसके किराये की प्रतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत किया जा रहा है।
(2)    प्रमाणित किया जाता है कि मैने अवकाश यात्रा सुविधा के सम्बन्ध में इससे पूर्व अपने तथा अपने परिवार के सम्बन्ध में कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया है।
(3)    मेरी पत्नी/मेरे पति सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं हैं/कार्यरत हैं और उन्होनें स्वयं अपने तथा अपने परिवार के लिए पृथक से अवकाश यात्रा सुविधा का उपभोग नहीं किया है।
(4)    प्रमाणित किया जाता है कि मेरी पत्नी/मेरे पति, जिसके लिए अवकाश यात्रा सुविधा का दावा प्रस्तुत किया जा रहा है ------------------------------------ (भारत सरकार/अन्य राज्य सरकार/पब्लिक सेक्टर अन्डर टेकिंग/निगम/स्वशासी संस्था आदि का नाम) में कार्यरत है जहाँ अवकाश यात्रा की सुविधा अनुमन्य है परन्तु उनके द्वारा अपने सेवायोजक को इस सम्बन्ध में न तो कोई दावा प्रस्तुत किया गया है और न प्रस्तुत किया जायेगा।
(ख)    नियंत्रक अधिकारी द्वारा दिया जाने वाला प्रमाण पत्र
(1)    प्रमाणित किया जाता है कि श्री/श्रीमती/कु0 ------------------------------ के अवकाश यात्रा सुविधा के अन्तर्गत बहिर्गामी यात्रा प्रारम्भ करने की तिथि को राज्य सरकार के अधीन 5 वर्ष या उससे अधिक की अनवरत सेवा पूर्ण कर ली है।
(2)    प्रमाणित किया जाता है कि अवकाश यात्रा सुविधा के सम्बन्ध में आवश्यक प्रविश्टियाँ श्री/श्रीमती/ कु0 -------------------- की सेवा पुस्तिका/पंजी में कर दी गयी है।
संलग्नक-2
अवकाश यात्रा सुविधा हेतु आवेदन-पत्र
  1. आवेदक का नाम -----------------------------------------------------------
  2. पदनाम ---------------------------------------------------------------------
  3. विभाग/कार्यालय ------------------------------------------------------------
  4. मूल वेतन (जो इस समय मिल रहा हो) -------------------------------------
  5. स्थायी/अस्थायी (पदनाम सहित) --------------------------------------------
  6. सेवा प्रारम्भ करने का दिनांक ----------------------------------------------
  7. इससे पूर्व उपभोग की गयी अवकाश यात्रा सुविधा का पूर्ण विवरण, यदि कोई हो (आदेश संख्या एवं दिनांक) --------------------------------------------------
  8. (1)    वर्तमान कैलेण्डर वर्ष में 30/15/8 दिन का नकदीकरण का उपभोग कर  लिया है/ करेंगे/नहीं करेंगे ---------------------------------------
          (2)    यदि हाँ, तो किस अवधि का ----------------------------------------
  1. ग्रीन कार्ड धारक होने की दशा में -
         (1)    क्या वर्तमान आवेदित सुविधा अतिरिक्त अवकाश यात्रा सुविधा के रूप में चाहते हैं/चाहती हैं -----                   हाँ/नहीं --------------------------
          (2)    यदि हाँ, तो कृपया ग्रीन कार्ड का प्रमाण-पत्र संलग्न करें ----------------------------
  1. प्रस्तावित यात्रा का पूर्ण विवरण -
          (1)    मुख्यालय में -------------------- तक जाने तथा ---------------------- से मुख्यालय वापस
          (2)    दिनांक --------------------- से --------------------------- तक की अवधि हेतु
  1. प्रस्तावित यात्रा में जाने वाले परिवार के सदस्यों का विवरण -
क्रम नाम सम्बन्ध आयु विवाहित/अविवाहित  किसी सेवा में ही तो पूर्ण विवरण
1 2 3 4 5 6
1          
2          
3          
4          
  1. गन्तव्य स्थान का नाम जहाँ यात्रा की जानी है ----------------------------------
        (1) दूरी कि0मी0 में (आना-जाना) ---------------------------------------------------
        (2) किराया समस्त सदस्यों सहित (आना-जाना) -----------------------------------
        (3) यात्रा हेतु आवेदित अग्रिम की धनराशि ----------------------------------------
  1.    प्रस्तावित यात्रा के लिए अर्जित अवकाश हेतु आवेदन करने की तिथि -----------------------
  2.    पति/पत्नी दोनों सरकारी सेवक होने अथवा दोनों को अवकाश यात्रा सुविधा अनुमन्य होने की दशा में -
        (क)    पति/पत्नी का नाम ------------------------------------------------------
        (ख)    पदनाम ------------------------------------------------------------------
        (ग)    कार्यालय/विभाग का नाम ------------------------------------------------
        (घ)    अवकाश यात्रा सुविधा हेतु विकल्प --------------------------------------
        (ङ)    पति/पत्नी द्वारा पूर्व में लिये गये अवकाश यात्रा सुविधा का आदेश संख्या व दिनांक ---------------                 ---------------------------------------------------------------------------------------------
        (च)    यदि सुविधा नहीं ली गई हो तो संबंधित कार्यालय/विभाग का प्रमाण-पत्र
  1. अस्थाई कर्मचारी को जमानत देने वाले कर्मचारी के
        (1)    हस्ताक्षर --------------------------------------------------
        (2)    नाम -------------------------------------------------------
        (3)    पदनाम तथा विभाग -------------------------------------------------------------------------
घोषणा-पत्र
  1. उपरोक्त सूचनाएँ मेरी जानकारी में सत्य हैं।
  2. प्रमाणित किया जाता है कि मैनें अवकाश यात्रा सुविधा के संबंध में इससे पूर्व इस ब्लाक  अवधि में अपने तथा परिवार के संबंध में कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया है।
  3. मेरा परिवार जिसक लिए उपरोक्त सुविधा स्वीकृत किये जाने हेतु आवेदन किया गया है, पूर्णरूप से मेरे ऊपर आश्रित है।
  4. मेरी पत्नी/मेरे पति सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं है/ कार्यरत हैं और उन्होंने स्वयं अपने तथा परिवार के लिये इस ब्लाक अवधि में पृथक से अवकाश यात्रा सुविधा का उपभोग नहीं किया है और न ही करेंगी/करेंगे (कार्यरत होने की दशा में आवश्यक प्रमाण-पत्र सहित)
  5. प्रमाणित किया जाता है कि मेरी पत्नी/मेरे पति जिसके लिए अवकाश यात्रा सुविधा का आवेदन-पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है (भारत सरकार/राज्य सरकार/पब्लिक सेक्टर अण्डर टेकिंग/निगम/स्वशासी संस्था आदि का नाम)  में कार्यरत हैं जहाँ अवकाश यात्रा सुविधा अनुमन्य हैं, परन्तु उनके द्वारा इस ब्लाक अवधि में अपने सेवायोजक को इस संबंध में न तो कोई दावा प्रस्तुत किया है और न प्रस्तुत किया जायेगा। (आवश्यक प्रमाण-पत्र संलग्न हैं)
दिनांक ----------------------                                                  आवेदक के हस्ताक्षर --------------------------
 नाम तथा पदनाम -----------------------------
अग्रसारण अधिकारी की अभ्युक्ति/संस्तुति
दिनांक -----------------------------------

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लेखा शाखा अधिनियम : 10. यात्रा-भत्ता एवं अवकाश यात्रा सुविधा नियम Reviewed by Brijesh Shrivastava on 2:02 PM Rating: 5

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