मानक बन रहे गरीब बच्चों के दाखिले में रोड़ा : मानक बदलवाने की तैयारी

  • केंद्र के मानक बन रहे गरीब बच्चों के दाखिले में रोड़ा
  • निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ने की ख्वाहिश नहीं हो रही पूरी
  • राज्य सरकार मानक बदलवाने की कर रही तैयारी

 

लखनऊ। गरीब बच्चों का अच्छे निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ने की ख्वाहिश केवल ख्वाब ही बनकर रहा गया है। केंद्र सरकार ने दाखिले के लिए जो मानक तय किए हैं, उस पर खरा उतर पाना हर जिले की बस की बात नहीं है। यही कारण है कि शिक्षण सत्र 2013 से लागू यह व्यवस्था परवान ही नहीं चढ़ पा रही है। अब तक प्रदेश में निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने का आंकड़ा 100 से अधिक नहीं पहुंच पाया है। इसलिए अब दाखिले के मानक में संशोधन कराने की तैयारी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को लाभ दिलाया जा सके। इस संबंध में उच्चाधिकारियों की बैठक में सहमति बनी है कि दाखिले के लिए केंद्र सरकार से नियम बदलवाने का अनुरोध किया जाए।
 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है। निजी स्कूलों को ऐसे बच्चों को दाखिला देने के एवज में फीस की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार से की जाएगी। 
 
राज्य सरकार ने नवंबर 2012 में निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला देने का मानक तय करते हुए शिक्षण सत्र 2013 से इसे अमल में लाने का आदेश दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर अमल भी शुरू किया, लेकिन केंद्र से निर्धारित मानक के चलते बहुत कम जिलों में ही नाम मात्र के बच्चों को दाखिला दिया जा सका। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जिलों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा तो अधिकारियों ने बताया कि मानक के चलते ही पात्र बच्चे नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए दाखिले की स्थिति काफी खराब है।

खबर साभार : अमर उजाला


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मानक बन रहे गरीब बच्चों के दाखिले में रोड़ा : मानक बदलवाने की तैयारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:42 AM Rating: 5

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