कस्तूरबा गांधी स्कूलों में पढ़ना-खाना और बेहतर


  • केंद्र सरकार ने सभी मदों में बढ़ाया पैसा
  • नए सत्र से छात्राओं को दी जाएगीं और बेहतर सुविधाएं
लखनऊ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियों को छात्रावास में अब घर जैसा माहौल मिलेगा। अच्छा खाना देने से लेकर सोने के लिए अच्छा व आरामदायक बिस्तर उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षण सामग्री के साथ स्टेशनरी की गुणवत्ता भी अच्छी होगी। केंद्र सरकार चाहती है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का स्तर व महत्व और बढ़ सके। इसके लिए केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल के सभी मदों के बजट में भारी बढ़ोतरी की है। लिहाजा सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय के प्रस्ताव पर इसी के आधार पर बजट का आवंटन किया जाएगा और नए सत्र से छात्राओं को और बेहतर सुविधाएं दी जाने लगेंगी।

गौरलतब है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए खर्च सालों पहले निर्धारित किया गया था। बजट कम होने और महंगाई अधिक होने के चलते छात्राओं को बेहतर सुविधाएं विद्यालय और छात्रावास में नहीं मिल पा रही थी। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय में होने वाली प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठकों में जाने वाले अधिकारी बजट के मामले को जोरदार ढंग से उठाते थे। इसके आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बजट में बढ़ोतरी की है। इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनु सचिव मनजीत कुमार ने राज्यों को नया दिशा-निर्देश भेज दिया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा से वंचित रहने वाली गरीब बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा के साथ रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना की गई है। प्रदेश में मौजूदा समय 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। प्रत्येक विद्यालयों में 100-100 छात्राओं को रखने व पढ़ाने की सुविधा है। इनमें कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाती है। प्रवेश प्रक्रिया में अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाती है। प्रवेश के लिए चिह्नित बालिकाओं के अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए मोटीवेशन कैंप लगाए जाते हैं।

खबर साभार : अमर उजाला


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कस्तूरबा गांधी स्कूलों में पढ़ना-खाना और बेहतर Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:09 AM Rating: 5

2 comments:

नेशनल केजीबीवी यूनियन said...

एक जरूरी सूचना (An important information) ایک ضروری معلومات
आप सभी को सूचित किया जाता है की आज मैं राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ गया था. और वहाँ पर मैं अपनी टीम के साथ निदेशक श्री हरेन्द्र वीर सिंह जी (IAS) से मुलाकात की और वो पुरे कस्तूरबा परिवार को ये मैसेज दिए है की अभी तक हमारे पास मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली से मानदेय सम्बन्धी ऐसा कोई भी आदेश ही नही आया है. वो बोले है की मैंने अखबारों में समाचार पढा था. और निदेशक श्री हरेन्द्र वीर सिंह जी ने ये कहा है की आप लोंगो का मानदेय कम नही होने दूँगा. मुझे पता है की आप लोंगो का मानदेय बहुत ही कम है. वो बोले की आप लोग अभी परेसान न हों मेरी मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली के अधिकारियों से बात हुई है.
और आप कस्तूरबा परिवार से मेरी टीम का ये निवेदन है की आप लोग जरा धैर्य रखें जब तक राज्य परियोजना अपने लैटर पैड पर कोई आदेश जारी नही करती है तो आप लोगों को परेसान होने की कोई भी जरूरत नही होनी चाहिए सबका एक सिस्टम होता है. हमारी बात बराबर चल रही है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली में कल हाई पावर कमिटी की एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई है. जिसमे इस बात की जानकारी ली गयी की इतनी बड़ी भूल कहा से हों गयी है.और उक्त मामले की पूरी फाइल निदेसक मनिंदर कौर दिवेदी के पास है जिस पर जल्दी ही वो कोई निर्णय लेने वाली है.

और आपको एक बात ये भी आज मैं बता देना चाहता हू की जो भी कुछ गडबड हुआ है उसकी सारी जिम्मेदारी निदेसक मनिंदर कौर दिवेदी की ही है. वो नही चाहती थी की कस्तूरबा वालों का मानदेय जरा भी बढे वो हमेशा मंत्रालय को अपनी तरफ से गलत ही रिपोर्ट दी है. उनका बस चलता तो जो कुछ भी आदेश आज आया है वो भी न आ पाता. 10 जनपथ से जब भी मानदेय बढ़ाने का मई फोन करवाता तो गुस्सा जाया करती थी वो कांग्रेस से अगल दूसरी पार्टी का पूरा सपोर्ट करती है. और सारे मामले को वो हमेशा फंसाये ही रखी. और जब एक बार उनके पास कोई भी फाइल जाती थी तो वो उसे कई दिनों तक दबाए रखती थी. अभी 3 दिन पहले जब सोनिया गाँधी जी के प्रतिनिधि श्री धीरज श्रीवास्तव जी ने सचिव श्री राजर्षि भट्टाचार्य जी से कार्यवाही के लिए बोला तो निदेसक मनिंदर कौर दिवेदी ने उनको गलत उत्तर दे डाला की पार्ट टाइम टीचर्स उत्तर-प्रदेश में है ही नही. वह सारे फुल टाइम टीचर्स है. वो बोली है की ये उत्तर प्रदेश के लिए नही है वहाँ सब ठीक है. जब सचिव श्री राजर्षि भट्टाचार्य जी ने पूंछा की गलती कहाँ से हों गयी है वो बोली की मई जाँच करके बताउंगी. और कस्तूरबा की फाइल उनके मेज पर अभी भी पड़ी है. वो हिंदू जातियों का बहुत ही विरोध करती है. कभी भी वो सही जबाब नही दी है हमेशा घूमाती रहती है. ...... कभी कहेंगी की आप अपने राज्य से मांग करे यह चले आते है. और आप लोंगो ने भी उनके पास फोन किया होगा... कहती है की आप लोगे अपने सचिव से बात करो मैं उनको बोल दूंगी? और हमारे सारे मामले को निदेसक मनिंदर कौर दिवेदी ने ही गडबड किया है हमे इनकी शिकायत करनी पड़ेगी. नही तो ये कस्तूरबा का सत्यानास कर देंगी. अभी आप लोग थोडा सा वेट करे अगर काम नही बनता है तो हम लोग कोर्ट भी जायेंगे
आप लोग इनके खिलाफ जल्दी ही शिकायत करे. और आरोप भी लगाये.
इनका पता है .... सचिव, श्री राजर्षि भट्टाचार्य
स्कूली शिक्षा एवं साक्षारता बिभाग
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शास्त्री भवन
नई दिल्ली- ११०००१
फोन – 011 23382587, 23381104
011- 23387859 (fax)

Atul kumar bansal
9452214162

नेशनल केजीबीवी यूनियन said...

सूचना
प्रिय मित्रों आप लोग अपनी कम मानदेय को लेकर परेशान न हों हमारी पूरी टीम अपने अस्तर से भागदौड कर रही है. और लखनऊ व दिल्ली पूरी नजर रखी है दिल्ली मंत्रालय से यूनियन द्वारा प्रत्यावेदन माँगा गया है जिसे आज भेज दिया गया है. पार्ट टाइमों के कार्यों का दिल्ली मंत्रालय ने सही तरीके से मूल्यांकन नही किया है जिसका हम लोगों ने कड़ा विरोध भी किया है. मंत्रालय ने दिली ऑफिस बुलाया है हमारी टीम जल्दी ही सारे कागज लेकर जा रही है. आपका अहित मैं कभी नही होने दूँगा ----------------- अतुल बंसल

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