निजी बीटीसी व एनटीटी कॉलेजों की फीस 41 हजार तय : फ्री व पेड सीट की दोहरी प्रणाली खत्म


लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने निजी बीटीसी कॉलेजों में फ्री और पेड सीट को समाप्त करते हुए नई फीस तय कर दी है। निजी बीटीसी कॉलेजों के लिए प्रति छात्र एक साल की 41,000 रुपये फीस निर्धारित की गई है। इतनी ही फीस एनटीटी कोर्स के लिए भी ली जाएगी। नई फीस शैक्षिक सत्र 2014-15 से ली जाएगी। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
निजी बीटीसी कॉलेजों की फीस 2009 में तय की गई थी। इसमें फ्री सीट की फीस 22,000 और पेड सीट की फीस 44,000 रुपये रखी गई। निजी कॉलेज में अलग-अलग फीस होने से दाखिला लेने वालों को परेशानियां होती थीं। इसलिए राज्य स्तर पर एक समान फीस तय करने का निर्णय किया गया। फीस खर्च के आधार पर तय की गई है। राज्य स्तर पर गठित फीस निर्धारण समिति को कॉलेजवार मिले खर्च के ब्यौरे के आधार पर पता चला है कि प्रति छात्र 40,772 रुपये खर्च सालाना आ रहा है। इसके आधार पर 41,000 रुपये सालाना फीस तय की गई है।
कॉलेज प्रबंधन छात्रों से 1000 काशनमनी ले सकेंगे और परीक्षाफल घोषित होने के दो दिन बाद अभ्यर्थियों को इसे वापस करते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सूचना देनी होगी। निजी बीटीसी कॉलेजों में निर्धारित समय से फीस न देने वाले छात्र से अधिकतम 25 रुपये विलंब शुल्क लिया जा सकेगा। कॉलेज प्रबंधन निर्धारित फीस, काशनमनी और विलंब शुल्क के अलावा कुछ भी नहीं ले सकेंगे। इससे अधिक फीस लेने पर संबंधित कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


खबर साभार : अमर उजाला

शासन ने बीटीसी व नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) का पाठ्यक्रम संचालित करने वाले निजी कॉलेजों में फ्री और पेड सीटों की दोहरी व्यवस्था को समाप्त करते हुए सभी सीटों के लिए समान रूप से 41 हजार रुपये सालाना फीस तय कर दी है। नई व्यवस्था के तहत यह फीस शैक्षिक सत्र 2014-15 से लागू होगी। इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है।

अभी बीटीसी व एनटीटी संस्थानों में फ्री सीट की सालाना फीस 22 हजार रुपये और पेड सीट की 44 हजार रुपये है।  शासनादेश के मुताबिक निर्धारित अवधि में फीस न जमा करने वाले अभ्यर्थी से निजी संस्थान अधिकतम 25 रुपये विलंब शुल्क ले सकेगा। इसके अलावा अभ्यर्थी से 1000 रुपये कॉशनमनी के तौर पर लिया जाएगा। संस्थान को परीक्षाफल घोषित होने के दो दिन के अंदर कॉशनमनी की धनराशि अभ्यर्थी को लौटाकर इस बारे में सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी को जानकारी भी देनी होगी। तय समय में कॉशनमनी न वापस करने पर सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा संस्थान से रोजाना 50 रुपये की दर से अर्थदंड वसूला जाएगा।

शासन की ओर से निर्धारित फीस, कॉशनमनी और विलंब शुल्क के अलावा संस्थान अभ्यर्थी से किसी भी और मद में कोई शुल्क नहीं लेगा। सभी संस्थान साल में दो बार सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी और निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को शुल्क प्राप्ति और व्यय की स्थिति से अवगत करायेंगे और हर साल चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से प्रमाणित बैलेंस शीट भी प्रस्तुत करेंगे। सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि वह प्राप्त अभिलेखों के आधार पर राज्य सरकार को यह आकलन प्रस्तुत करें कि संस्थान लाभ कमाने या व्यावसायिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है।  निजी बीटीसी व एनटीटी संस्थानों कॉलेजों में प्राचार्य/ विभागाध्यक्ष का मासिक वेतन (भत्ताें सहित) 46200 रुपये, प्रवक्ता का 31020 रुपये, पुस्तकालयाध्यक्ष व अपर डिवीजन क्लर्क का 17600 रुपये और कंप्यूटर ऑपरेटर/स्टोर कीपर का 15620 रुपये तय किया गया है। इसके अलावा एनटीटी संस्थानों में प्रवक्ता स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा का मासिक वेतन 30580 रुपये होगा।

खबर साभार : हिंदुस्तान 


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निजी बीटीसी व एनटीटी कॉलेजों की फीस 41 हजार तय : फ्री व पेड सीट की दोहरी प्रणाली खत्म Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:22 AM Rating: 5

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