जानिये : 1 जनवरी के बाद पदोन्नति होने पर क्या होगी हानि ? और उस हानि को कम करने का क्या है उपाय?

पदोन्नति के लिये प्रतीक्षारत अध्यापक बंधु ध्यान दें

1 जनवरी 2006 से प्रभावी नयी वेतन संरचना में मूल नियम 22-B के अन्तर्गत वेतन निर्धारण के नियम के अनुसार :-

  • किसी कार्मिक की पदोन्नति होने पर उसे पदोन्नति तिथि को अगला ग्रेड पे व 3% की एक वेतन वृद्धि देय होती है।

  • यदि किसी कार्मिक की पदोन्नति 2 जुलाई 2014 से 1 जनवरी 2015 तक होगी तो उसे अगली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2015 को देय होगी।

  • यदि किसी कार्मिक की पदोन्नति 2 जनवरी 2015 से 30 जून 2015 तक किसी तिथि में होगी तो उसको अगली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2015 के स्थान पर 1 जुलाई 2016 को देय होगी।


इस हानि को मूल नियम 23 के अंतर्गत विकल्प प्रस्तुत करके कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

मूल नियम -23(1) के अन्तर्गत विकल्प का अधिकार

  • पदोन्नति प्राप्त होने पर संबन्धित कार्मिक को मूल नियम-23(1) के अन्तर्गत विकल्प का अधिकार होगा अर्थात वह चाहे तो पदोन्नति होने की तिथि से वेतन निर्धारित कराए अथवा अपनी वेतनवृद्धि की तिथि 1 जुलाई से कराए।
  • यदि कार्मिक पदोन्नति होने की तिथि से वेतन निर्धारित कराता है तो उसे 3% की एक वेतन वृद्धि दी जायेगी जो अगले 10 रुपये में पूर्णांकित करते हुये वेतन बैन्ड में प्राप्त वेतन में जोड़ी जाएगी तथा अगला ग्रेड पे व उस पर लागू एचआरए देय होगा।
  • यदि कार्मिक अपनी वेतन वेतनवृद्दि की तिथि 1 जुलाई से वेतन निर्धारित कराता है, तो पदोन्नति प्राप्त होने की तिथि को अगला ग्रेड पे व उस पर लागू एचआरए दे दिया जाएगा और बैन्ड पे में कोई वृद्धि नहीं होगी। तत्पश्चात वेतन वृद्धि की तिथि एक जुलाई को उसे तीन-तीन प्रतिशत की दो वेतनवृद्धियाँ पदोन्नति से पहले प्राप्त कर रहे मूल वेतन पर दे दी जाएंगी तथा बढ़ा हुआ अगला ग्रेड पे जो पदोन्नति होने की तिथि से बढ़ा दिया गया था, वही मिलता रहेगा।


शासनादेश संख्या -जी-2-212/दस/2009-333-86 दिनांक 03 मार्च 2009:-


 विकल्प पत्र का प्रारूप


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जानिये : 1 जनवरी के बाद पदोन्नति होने पर क्या होगी हानि ? और उस हानि को कम करने का क्या है उपाय? Reviewed by Brijesh Shrivastava on 11:46 PM Rating: 5

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