निजी कॉलेज 81250 से ज्यादा नहीं ले सकेंगे बीएड की फीस ; विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने शासन को भेजा प्रस्ताव

    बीएड की दो वर्ष की फीस तयपहले वर्ष 51250 रुपये व दूसरे वर्ष 30 हजार रुपये फीस खाली रह गयी थीं 52 हजार बीएड की सीटें
    लखनऊ (एसएनबी)। शासन ने बीएड कोर्स दो वर्ष का होने के साथ ही इसकी फीस भी तय कर दी है। पहले वर्ष में 51250 रुपये तथा दूसरे वर्ष में 30000 रुपये शुल्क निर्धारित की गयी है। बीएड की यह फीस अगले तीन वर्ष यानि शैक्षिक सत्र 2014-15 से लेकर 2017 तक के लिए लागू होंगी।

    बीएड कालेजों की फीस तय करने के लिए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में शुल्क निर्धारण को लेकर एक समिति बनी थी। इसमें सचिव व विशेष सचिव वित्त तथा निदेशक उच्च शिक्षा परिषद को रखा गया था। इस समिति ने तय किया है कि एनसीईटी ने जब बीएड दो वर्ष का करने का निर्णय लिया है और इसको 2015-16 से लागू भी कर दिया है, ऐसे में फीस का निर्धारण करना जरूरी होगा। यह फीस सिर्फ निजी क्षेत्र की बीएड कोर्स संचालित करने वाली संस्थाओं पर ही लागू होगी। सरकारी व सहायता प्राप्त संस्थाओं में फीस पूर्व भी भांति ही लागू होगी।

    शुल्क निर्धारण को लेकर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती कल्पना अवस्थी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि गत वर्ष बीएड की प्रवेश परीक्षा बुंदेलखण्ड विविद्यालय झांसी ने करायी थी। इसमें 139880 सीटें थी, इनमें काउंसलिंग के बाद 87979 सीटें ही भर पायीं और 51901 सीटें खाली रह गयीं।

    शासन का मानना है कि छात्र-छात्राओं में जब एक वर्ष के बीएड कोर्स को लेकर ही अभिरुचि या मांग घटी थी तो दो वर्ष का कोर्स होने के बाद इसकी मांग में इजाफा होने की कहीं से कोई संभावना नहीं है। ऐसे में वर्तमान बीएड सत्र 2014-15 के लिए फीस न बढ़ाने पर सहमति बनी है। दो वर्ष के बीएड कोर्स में 2015-16 में प्रवेश इस बार होंगे, ऐसे में दोनों वर्ष के लिए फीस तय कर दी गयी है। शुल्क तय करने वाली इस समिति में संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा एएनएस यादव, संयुक्त सचिव वित्त सरजू प्रसाद मिश्र ने अपनी अनुसंशा निदेशक उच्च शिक्षा को भेज दी है। मालूम हो कि बीएड प्रवेश परीक्षा कराने का जिम्मा एक बार फिर लविवि को दिया गया है।
     खबर साभार : सहारा

    • निजी कॉलेज 81250 से ज्यादा नहीं ले सकेंगे बीएड की फीस
    • सूबे के विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने शासन को भेजा प्रस्ताव 
    लखनऊ। प्रदेश के निजी कॉलेजों में बीएड करने के लिए स्टूडेंट्स को अब 81,250 रुपये फीस देनी होगी। जबकि सरकारी कॉलेजों में यह फीस तीन हजार रुपये से लेकर 23 हजार रुपये के बीच होगी। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) के निर्देश पर बीएड पाठ्यक्रम दो वर्ष के किए जाने के बाद सूबे के विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने नए सिरे से बीएड फीस निर्धारित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम होने के बाद पहले साल निजी कॉलेज 51,250 रुपए और दूसरे साल अधिकतम 30 हजार रुपए फीस ले सकेंगे। जबकि अभी तक निजी कॉलेजों के लिए बीएड की अधिकतम फीस महज 51,250 रुपये थी। 
    बता दें कि इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय को सूबे में संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एनसीटीई ने इस साल बीएड पाठ्यक्रम दो वर्षीय करने के निर्देश जारी किए थे। निर्देश के बाद सिलेबस के साथ ही दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए फीस निर्धारण भी नए सिरे से होना है। इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय समेत सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में निजी कॉलेजों के लिए अधिकतम फीस निर्धारण पर विचार हुआ। विचार-विमर्श के बाद निजी कॉलेजों के लिए पहले साल की फीस 51,250 रुपए और दूसरे साल के लिए 30 हजार रुपए तय करने पर सहमति बनी। इस तरह से दो साल के कोर्स के लिए कुल फीस 81,250 रुपए का प्रस्ताव शासन को दिया गया। शासन को निजी के साथ ही सरकारी कॉलेजों की फीस पर अपनी मुहर लगानी है। 

    गौरतलब है कि इस साल बीएड में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म 10 फरवरी से भरने शुरू हो जाएंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 मार्च होगी। 10 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स को 12 मार्च तक फीस जमा करने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद 20 से 25 अप्रैल के बीच प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने की योजना है।

    खबर साभार : अमर उजाला


    बीएड के लिए देने होंगे 80 हजार रुपये 
    प्रस्तावित फीस, पहले साल 51,250 और दूसरे साल 30 हजार रुपये
    लखनऊ : अगले सत्र से शुरू हो रहे दो वर्षीय बीएड कोर्स में दाखिला लेने वालों को अस्सी हजार रुपये जमा करने होंगे। शासन की ओर से गाइडलाइन तैयार है और जल्द ही दो वर्षीय कोर्स के गाइडलाइन के साथ नई फीस नीति की भी घोषणा कर दी जाएगी।

    सूत्रों की मानें तो नई फीस निर्धारित करने के लिए शासन की ओर से जो कमेटी गठित की गई थी उसके प्रस्ताव पर मुहर लग गयी है। फीस निर्धारित करने के लिए गठित कमेटी ने दो वर्ष के बीएड कोर्स के लिए 80 हजार रुपये फीस तय की है। अभी तक एक वर्षीय बीएड कोर्स की फीस 51250 रुपये थी। दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए जो फीस निर्धारित की जा रही है उसने इस सेशन में दाखिला लेने वाले को पहले साल 51250 रुपये फीस जमा करनी होगी, वहीं दूसरे साल 30 हजार फीस देना होगा। सूत्रों का कहना है कि फीस निर्धारित करने के लिए गठित कमेटी ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि नई फीस से विद्यार्थी पर कोई बोझ नहीं बढ़े और कॉलेजों को इसे कोई आर्थिक नुकसान भी नहीं हो। ज्ञात हो कि शासन ने बीएड की फीस निर्धारित होने केबाद भी कॉलेजों की ओर से विद्यार्थियों को दोगुने फीस की वसूली किए जाने की शिकायतें मिलती रहती है। प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड-2015 के नई गाइडलाइन पर शासन की ओर से अगले एक दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि शासन तीन फरवरी को दो वर्षीय बीएड कोर्स के गाइडलाइन और नया फीस जारी कर देगा। इस बार दो वर्ष के कोर्स के लिए एडमिशन लिया जाएगा। दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए बनाई गई गाइडलाइन के लिए अनुसार संबद्ध कॉलेजों को एक साथ सौ के बजाए पचास-पचास विद्यार्थियों के दो बैच संचालित करने होंगे। अब तक बीएड की मान्यता लेने वाले कॉलेजों को सात टीचर्स की नियुक्ति करना अनिवार्य होता था, लेकिन नयी गाइडलाइन के अनुसार अब कॉलेजों को 16 की नियुक्ति करनी होगी।
    खबर साभार : दैनिक जागरण 

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    निजी कॉलेज 81250 से ज्यादा नहीं ले सकेंगे बीएड की फीस ; विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने शासन को भेजा प्रस्ताव Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:02 AM Rating: 5

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