तीन साल में बीएड व एमएड एक साथ करने की सुविधा जल्द मिलेगी : दो वर्षीय बीएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड का कोर्स होगा मल्टीडिस्पलनरी

अगर आप ने स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल कर ली है तो आप ‘बीएड-एमएड’ की डिग्री एक साथ ले सकते हैं। यह कोर्स तीन साल का होगा। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन) ने यह कोर्स तैयार कर लिया है। सत्र 2016-17 से इसे लागू कर दिया जाएगा। यह जानकारी एनसीटीई के चेयरमैन प्रो.एसके पंडा ने शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। 

उन्होंने बताया कि ‘बीएड-एमएड’ का इंटीग्रेटेड कोर्स की मान्यता उन्ही संस्थाओं को दी जाएगी जिनके पास पांच साल तक टीचर्स प्रोग्राम चलाने का अनुभव हो।

दो वर्षीय कोर्स मल्टीडिसिप्लिनरी होगा :

उन्होंने बताया कि दो वर्षीय बीएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड का कोर्स मल्टीडिस्पलनरी होगा। यह इसी सत्र से लागू हो जायेगा। इसमें स्पेशलाइजेशन पर जोर है। इसके लिए संस्थानों को छूट दी गई है कि शिक्षाशास्त्र से अलग दूसरे विषयों को पढ़ाने के लिए वे अन्य विभागों के शिक्षकों की मदद ले सकते हैं। उनके लैब का भी प्रयोग कर सकते हैं। 

दो वर्ष के कोर्स में प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप में अधिक जोर है। कोर्स शुरू होने के बाद समीक्षा: दो वर्षीय कोर्स शुरू होने के बाद एनसीटीई उसकी समीक्षा करेगा। विश्वविद्यालय और कॉलेजों से जो फीडबैक मिलेगा। उसी के अनुसार उसमें परिवर्तन भी किया जा सकता है। दो वर्षीय कोर्स शुरू करने के लिए पूरे देश में सहमति बन चुकी है। 

माध्यमिक के लिए भी तैयार किया जा रहा टीईटी: 
 उन्होंने बताया कि एनसीटीई माध्यमिक स्तर की कक्षाओं में शिक्षक भर्ती के लिए भी टीईटी का सिलेबस तैयार कर रही है। हालांकि यह अभी अनिवार्य नहीं। कुछ राज्यों ने अपने स्तर से ऐसी व्यवस्था को लागू किया है। 

टीचर्स एजुकेशन की स्थिति अच्छी नहीं: 
एनसीटीई के चेयरमैन ने माना कि देश में टीचर्स एजुकेशन की स्थिति अच्छी नहीं है। इंजीनियरिंग और मेडिकल की तरह टीचर्स एजुकेशन का स्तर भी ऊंचा करना है। इस कोशिश में एनसीटीई लगा हुआ है। राज्य सरकारों का यह दायित्व है कि वह इस पर ध्यान दें। देश की स्थिति सुधारने के लिए टीचर्स एजुकेशन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

खबर साभार : हिंदुस्तान 

  • तीन साल में बीएड व एमएड साथ-साथ
छात्रों को बहुत जल्द बीएड व एमएड एक साथ करने की सुविधा मिलने जा रही है। एनसीटीई ने बीएड व एमएड को एक साथ कराने के लिए कोर्स की रूपरेखा बना ली है। पूरे देश में तीन वर्षीय यह कोर्स सत्र 2016-17 से प्रभावी हो जाएगा। यह जानकारी एनसीटीई के निदेशक प्रो. संतोष पंडा ने दी। पंडा शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित कार्यशाला में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि सत्र 2015-16 से बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड का कोर्स अब दो वर्ष का कर दिया गया है। पाठ्यक्रम में कई परिवर्तन हुए हैं। 1अब स्नातक बीएड भी : सत्र 2016-17 से छात्रों के लिए एक बिल्कुल नया कोर्स भी शुरू होने जा रहा है। इसके तहत छात्रों को बी.ए.-बीएड, बी.कॉम.-बीएड व बी.एससी-बीएड करने की सुविधा होगी। 

खबर साभार :   दैनिक जागरण

  • एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. संतोष पांडा ने कहा
  • अब तीन साल में कर सकेंगे बीएड-एमएड
बीएड के साथ एमएड करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें बदले पाठ्यक्रम के तहत चार साल के बजाय तीन साल में ही बीएड और एमएड की डिग्री हासिल हो सकेगी। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजूकेशन) की ओर से इसे सत्र 2016-17 से लागू किया जाएगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को आयोजित कार्यशाला में भाग लेने आए एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. संतोष पांडा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया मार्च से शुरू हो जाएगी। प्रो. पांडा ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत अब तीन साल में बीएड और एमएड की पढ़ाई एक साथ होगी। 
खबर साभार : अमर उजाला 

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तीन साल में बीएड व एमएड एक साथ करने की सुविधा जल्द मिलेगी : दो वर्षीय बीएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड का कोर्स होगा मल्टीडिस्पलनरी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 9:05 AM Rating: 5

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