कक्ष्‍ाा छह से आठ तक के स्कूलों को मान्यता देने के प्रावधान को चुनौती : संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली पीआईएल पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

  • कक्ष्‍ाा छह से आठ तक के स्कूलों को मान्यता देने के प्रावधान को चुनौती
लखनऊ (ब्यूरो)। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कक्षा 6 व 8 तक के स्कूलों को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के तहत मान्यता दिए जाने के लिए इसमें किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली पीआईएल पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकारी वकील के अनुरोध पर मामले में जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दे दिया। इसके बाद ही मामले की सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति श्री नारायण शुक्ल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश यूपी बेसिक शिक्षा संघ के अध्यक्ष की जनहित याचिका पर दिया। 
याची के वकील प्रिंस लेनिन के मुताबिक राज्य सरकार ने 2 जून 2011 को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम-1921 में संशोधन कर एक शासनादेश जारी किया था। इसमें कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के तहत मान्यता दिए जाने का प्रावधान किया गया। जबकि प्राथमिक शिक्षा का मामला यूपी बेसिक शिक्षा अधिनियम-1972 से नियंत्रित होता है। ऐसे में याची ने कक्षा आठ तक की शिक्षा को बेसिक शिक्षा अधिनियम के दायरे में लाए जाने समेत 2 जून 2011 के शासनादेश को रद्द किए जाने की गुजारिश की है। वकील का कहना था कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा के लिए है। लिहाजा इसके तहत बेसिक शिक्षा (कक्षा 8 तक) में दखल नहीं दिया जा सकता है। 

खबर साभार : अमर उजाला

सरकार से मान्यता को लेकर मांगा जवाब

उच्च प्रा. विद्यालयों को मान्यता संबंधी शासनादेश को चुनौती

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता दिए जाने संबंधी शासनादेश को चुनौती दिए जाने के मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। पीठ ने जानना चाहा है कि कक्षा छह से आठ तक के विद्यालय को मान्यता दिए जाने का प्रावधान इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के तहत क्यों किया गया।

न्यायमूर्ति श्रीनरायण शुक्ला व न्यायमूर्ति राजन राव की खंडपीठ ने यह आदेश उत्तर प्रदेश माध्यम के शिक्षक संघ की ओर से दायर याचिका पर दिया है। याचिका प्रस्तुत कर दो जून 2011 को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई है। पिछली बसपा सरकार में जारी इस शासनादेश में कक्षा छह से आठ तक के विद्यालय को मान्यता दिए जाने का प्रावधान इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम से किया गया है। याची की ओर तर्क दिया गया कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालय के लिए है। कक्षा छह से आठ तक के विद्यालय को मान्यता दिए जाने का प्रावधान बेसिक शिक्षा अधिनियम के तहत होना चाहिए। शासनादेश संविधान के अनुसार नहीं है।
खबर साभार : दैनिक जागरण

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
कक्ष्‍ाा छह से आठ तक के स्कूलों को मान्यता देने के प्रावधान को चुनौती : संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली पीआईएल पर राज्य सरकार से मांगा जवाब Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:39 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.