सर्व शिक्षा अभियान के तहत अभिभावकों को मनाने का प्रयास भी असफल : सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं, निजी में प्रवेश खत्म

  • सर्व शिक्षा अभियान के तहत अभिभावकों को मनाने का प्रयास भी असफल
  • सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं, निजी में प्रवेश खत्म
 
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों का शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू हो गया है। आलम ये है कि सरकारी विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में बच्चे ही नहीं हैं, जबकि निजी स्कूलों में प्रवेश ही खत्म हो गया है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया गया, लेकिन ये योजना भी असफल रही। अभिभावक अपने बच्चों को परिषदीय एवं सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए तैयार ही नहीं हैं। शहर हो या गांव अभिभावकों की प्राथमिकता पब्लिक स्कूल ही है। नतीजतन निजी स्कूलों के बाहर अभिभावकों की कतार लगी है, जबकि उन्होंने गेट पर नो वेकैंसी का बोर्ड लगाकर प्रवेश बंद कर दिया है। पब्लिक स्कूलों में दिसंबर, जनवरी, फरवरी में ही प्रवेश फार्म भरे जा चुके हैं। 
 
सरकारी स्कूलों की बात करें तो जिले में कुल 2477 प्राथमिक एवं 1001 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसमें 89 प्राथमिक एवं 33 उच्च प्राथमिक विद्यालय शहर में हैं। अधिकारियों की मानें तो अप्रैल में चले स्कूल चलो अभियान के बाद पूरे जिले में लगभग 17 हजार बच्चों का पहली कक्षा में प्रवेश हुआ। नगर शिक्षा अधिकारी ज्योति शुक्ला के अनुसार शहर के प्राथमिक विद्यालयों में 6500 बच्चे नामांकित हुए। इसके विपरीत शहर के पब्लिक एवं कान्वेंट स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों की लाइन बढ़ती जा रही है। शहर के तथाकथित अच्छे स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए अधिकारियों, राजनीतिज्ञों के साथ समाज के हर वर्ग के लोगों की सिफारिश पहुंच रही है। स्कूलों में मनमानी फीस वसूली के बाद भी अभिभावक बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने को तैयार नहीं हैं।
 
 
 
सरकार के प्रयास के बाद भी पब्लिक स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों के साथ अधिकारियों को अभिभावकों में अपने स्कूलों के प्रति विश्वास जगाना होगा।- देवेंद्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ
 
सरकारी स्कूल अपनी गड़बड़ी सुधारें इसके लिए मंगलवार को शहर के दो प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। वहां कम बच्चों की उपस्थिति मिली। स्कूलों में अभिभावकों का विश्वास जगाने के लिए अधिकारी एवं शिक्षक दोनों पहल करेंगे।- ज्योति शुक्ला, नगर शिक्षा अधिकारी 
 
खबर साभार : अमर उजाला

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सर्व शिक्षा अभियान के तहत अभिभावकों को मनाने का प्रयास भी असफल : सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं, निजी में प्रवेश खत्म Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:49 AM Rating: 5

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