परिषदीय स्कूलों में परीक्षाएं तो होंगी लेकिन कोई फेल नहीं होगा : अक्तूबर में अर्धवार्षिक व मार्च में होगी सालाना परीक्षा

  • सत्रीय परीक्षाएं 10-10 अंक, अर्धवार्षिक 30 अंक और वार्षिक परीक्षा होगी 50 अंक की
  • आरटीई लागू होने के बाद खत्म हो गयी थी यह व्यवस्था
लखनऊ। राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में पूर्व की तरह विधिवत परीक्षा कराने का निर्णय किया है। इसके साथ ही साल में दो बार टेस्ट भी लिए जाएंगे। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इस संबंध में शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक अगस्त व दिसंबर में 10-10 नंबर के दो टेस्ट होंगे। अर्द्धवार्षिक परीक्षा अक्तूबर में 30 अंक और सालाना परीक्षा मार्च में 50 अंक की होगी। इन परीक्षाओं में छात्रों को फेल नहीं किया जाएगा।


शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद परिषदीय और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में विधिवत परीक्षा की व्यवस्था समाप्त करते हुए बजट आवंटन बंद कर दिया गया था। दिखावे के लिए सिर्फ परीक्षाएं कराई जाती थीं। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय को सर्वे में पता चला था कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर दिनों-दिन गिर रहा है। इसलिए छात्रों का टेस्ट, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है।


बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक कक्षा 2 से 8 तक की लिखित परीक्षाएं होंगी और कक्षा एक की मौखिक परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र व कॉपियां मुफ्त में दी जाएंगी। परिषदीय स्कूलों में परीक्षा के लिए अलग से बजट की व्यवस्था कराई जाएगी। इस पर करीब 37 करोड़ रुपये सालाना खर्च का अनुमान है। लिखित परीक्षा के लिए प्रदेश स्तर पर मॉडल प्रश्नपत्र तैयार कराए जाएंगे और इसके आधार पर जिलों में प्रश्नपत्र तैयार होंगे। कक्षा 5 की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर तथा कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर कराया जाएगा। मूल्यांकन के आधार पर छात्र-छात्राओं का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जाएगा।


खबर साभार : अमर उजाला

लखनऊ : सरकार ने परिषदीय विद्यालयों और अनुदानित जू. हाईस्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की परीक्षाएं कराने का फैसला किया है। इन स्कूलों में कक्षा एक के बच्चों की मौखिक परीक्षा होगी। कक्षा दो से आठ तक के बच्चे लिखित अर्ध वार्षिक व वार्षिक परीक्षाएं देंगे। अर्धवार्षिक परीक्षा अक्टूबर और वार्षिक परीक्षा फरवरी में होगी। लिखित परीक्षाओं में किसी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा।

लिखित परीक्षा के लिए बच्चों को छपे हुए प्रश्नपत्र दिए जाएंगे और उन्हें उत्तर पुस्तिकाएं भी मुहैया करायी जाएंगी। सत्रीय परीक्षाएं 10-10 अंक, अर्धवार्षिक 30 अंक और वार्षिक परीक्षा 50 अंक की होगी। इसके लिए राज्य स्तर पर आदर्श प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे जिनके आधार पर जिला स्तर पर प्रश्नपत्र बनाये जाएंगे। कक्षा पांच की वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर कराया जाएगा। वहीं कक्षा आठ के वार्षिक इम्तिहान की उत्तरपुस्तिकाएं ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर जांची जाएंगी।

खबर साभार : दैनिक जागरण
  • अब परीक्षाओं के नाम पर नहीं होगा मजाक
  • ये होगा परीक्षा का पैटर्न
  • एनपीआरसी स्तर पर चेक होंगी कॉपियां
  • परिषदीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से होंगी अर्धवार्षिक, वार्षिक गृह परीक्षाएं

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों में अब परीक्षाओं के नाम पर खिलवाड़ नहीं हो सकेगा। निजी स्कूलों की तर्ज पर बाकायदा सत्र परीक्षाएं तथा अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इसके लिए जिला स्तर पर बाकायदा प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्र के कम से कम चार सेट बनाए जाएंगे। इन्हीं प्रश्न पत्रों से परीक्षा आयोजित की जाएगी। बच्चों को भी परीक्षा के लिए कॉपियां दी जाएंगी, जिसके लिए बजट की भी व्यवस्था की जाएगी। शुक्रवार को इस संबंध में सचिव एचएल गुप्ता ने शासनादेश जारी कर दिया।

परीक्षा व्यवस्था पर करीब 37 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। परिषदीय विद्यालयों में पहले कक्षा आठ तक बच्चों की परीक्षा आयोजित की जाती थी। लेकिन निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 आने के बाद परीक्षा लेने पर रोक लगा दी गई। साथ ही किसी भी बच्चे को फेल न करने का प्रावधान कर दिया गया।अब कक्षा एक से आठ तक में गृह परीक्षाएं होंगी। कक्षा 1 की मौखिक परीक्षा होगी। जबकि अन्य कक्षाओं में मुद्रित प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिकाएं एवं प्रश्न पत्र छात्र-छात्राओं को निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य स्तर पर आदर्श प्रश्न पत्र तैयार कराए जाएंगे। जिसके आधार पर जनपद स्तर पर प्रश्न पत्र बनाए जाएंगे। अगस्त और सितंबर में सत्र परीक्षाएं होंगी। जिसके लिए 10-10 अंक दिए जाएंगे। अक्टूबर में 30 अंकों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं होंगी। जबकि मार्च में वार्षिक परीक्षाएं 50 अंकों की होगी।

परीक्षा के बाद कक्षा पांच की वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न्याय पंचायत संसाधन केंद्र पर किया जाएगा। जबकि कक्षा आठ की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्र पर कराया जाएगा। किसी भी छात्र-छात्रा को फेल नहीं किया जाएगा, बल्कि कक्षा में प्रोन्नति दी जाएगी। इसके अलावा अब बच्चों को बाकायदा रिजल्ट कार्ड भी दिया जाएगा जो कि विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में वितरित होगा।
साभार : डीएनए 


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परिषदीय स्कूलों में परीक्षाएं तो होंगी लेकिन कोई फेल नहीं होगा : अक्तूबर में अर्धवार्षिक व मार्च में होगी सालाना परीक्षा Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:07 AM Rating: 5

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