अब प्रशासनिक पदों पर शिक्षकों की तैनाती नहीं, शिक्षा विभाग में सम्मिलित संवर्ग की व्यवस्था खत्म, अलग-अलग होंगे प्रशासनिक, शैक्षिक व प्रशिक्षण काडर



  • अब प्रशासनिक पदों पर शिक्षकों की तैनाती नहीं
  • शिक्षा विभाग में सम्मिलित संवर्ग की व्यवस्था खत्म 
  • अलग-अलग होंगे प्रशासनिक, शैक्षिक व प्रशिक्षण काडर


राजकीय शिक्षक अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और एसोसिएट जिला विद्यालय निरीक्षक जैसे प्रशासनिक पदों पर तैनात नहीं हो पाएंगे। न ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में वरिष्ठ प्रवक्ता के प्रशिक्षण संवर्ग के पदों पर उनकी तैनाती हो सकेगी। वजह यह है कि वेतन समिति 2008 की सिफारिशों पर अमल करते हुए सरकार ने राज्य शिक्षा सेवा के सम्मिलित संवर्ग के स्थान पर अब सामान्य प्रशासनिक, शैक्षिक और प्रशिक्षण संवर्ग के पदों का अलग-अलग काडर गठित कर दिया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

सामान्य प्रशासनिक संवर्ग के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी व अन्य के कुल 154 पदों में से 50 फीसद पदों को लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के जरिये और शेष 50 प्रतिशत पदों को खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति से भरा जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक व अन्य समकक्ष 127 पदों को शत-प्रतिशत बीएसए की पदोन्नति से भरा जाएगा। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक के सभी 37 पदों को जिला विद्यालय निरीक्षकों की पदोन्नति से भरा जाएगा। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के सभी 21 पदों को मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों और अपर निदेशक के समस्त 12 पदों को मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों की पदोन्नति से भरा जाएगा। वहीं निदेशक स्तर के चारों पद अपर शिक्षा निदेशकों की पदोन्नति से भरे जाएंगे। 

शैक्षिक संवर्ग के अंतर्गत उप प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज/प्रधानाचार्य राजकीय हाईस्कूल के 1125 पदों पर वर्तमान में लागू व्यवस्था के अनुसार भर्ती होगी। राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य के 603 पदों में से 50 प्रतिशत पद पांच साल की सेवा वाले राजकीय इंटर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य/राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य के पदों से लोक सेवा आयोग के जरिये सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। वहीं 50 फीसद पदों को 15 साल की सेवा वाले राजकीय इंटर कॉलेजों के उप प्रधानाचार्य व राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य पदों से पदोन्नति के जरिये भरा जाएगा। प्रशिक्षण संवर्ग के तहत डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता के 420 पदों में से 50 फीसद पद लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती से और बाकी 50 प्रतिशत पद डायट प्रवक्ताओं की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। 

उधर राजकीय शिक्षक संघ ने नयी व्यवस्था का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय के मुताबिक नी व्यवस्था के तहत राजकीय शिक्षकों का राजकीय इंटर कॉलेज का प्रधानाचार्य बन पाना अब दुश्वार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ तीन अगस्त को संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।


खबर साभार :  दैनिक जागरण

अब बीएसए को डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता बनाकर नहीं भेजा जाएगा और न ही राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यो को बीएसए के पद पर तैनाती दी जाएगी। शिक्षा विभाग में एक ऐतिहासिक फैसले के तहत प्रशासनिक, शैक्षिक व प्रशिक्षण का काडर अलग कर दिया गया है। अभी तक संवर्ग में कोई स्पष्ट विभाजन न होने के कारण मारामारी रहती थी। ज्यादातर अधिकारी बीएसए या फिर जिला विद्यालय निरीक्षक यानी डीआईओएस ही बनना चाहते थे। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्राचार्य के पद पर सीधी भर्ती से आए अभ्यर्थी भी बीएसए बनते रहे हैं। वहीं, डायटों में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद तैनाती साइड पोस्टिंग मानी जाती है। अब अधिकारियों से विकल्प लिया जाएगा कि वे किस संवर्ग यानी काडर में जाना चाहते हैं? 

प्रशासनिक, प्रशिक्षण और शैक्षिक संवर्ग-शिक्षा विभाग में प्रशासनिक, प्रशिक्षण, शैक्षिक संवर्गो में अधिकारियों को किसी एक संवर्ग को चुनना होगा और फिर वे किसी दूसरे संवर्ग में नहीं जा सकते हैं। बीएसए, डीआईओएस, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, अपर निदेशक और निदेशक का पद प्रशासनिक संवर्ग में रखा गया है। इन्हें शिक्षण या प्रशिक्षण के कामों में नहीं लगाया जा सकेगा। वरीयता व वरिष्ठता के आधार पर तय होगा संवर्ग-अधिकारियों से किसी एक संवर्ग में समायोजन के लिए प्राथमिकता के विकल्प मांगे जाएंगे यानी अधिकारी को बताना होगा कि वह शैक्षिक, प्रशिक्षण या फिर प्रशासनिक में से किसे नंबर एक, दो या तीन की वरीयता देगा। इसके बाद समायोजन होगा। यदि किसी संवर्ग में स्वीकृत पदों की संख्या से अधिक विकल्प प्राप्त होते हैं तो वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाएगा। समायोजन के लिए विकल्प देने या न देने पर किया गया समायोजन बदला नहीं जा सकेगा यानी रिटायर होने तक अधिकारी को उसी संवर्ग में रहना होगा। 


साभार : हिंदुस्तान

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अब प्रशासनिक पदों पर शिक्षकों की तैनाती नहीं, शिक्षा विभाग में सम्मिलित संवर्ग की व्यवस्था खत्म, अलग-अलग होंगे प्रशासनिक, शैक्षिक व प्रशिक्षण काडर Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:44 AM Rating: 5

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