हाईकोर्ट ने दिया टीईटी 2011 में व्हाइटनर के इस्तेमाल की जांच का आदेश, छ माह के भीतर जांच और कार्यवाही के निर्देश

72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में फिर पेच आ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी 2011 की ओएमआर शीट में व्हाइटनर या ब्लेड का इस्तेमाल करने वालों की जांच करने और ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए बेसिक शिक्षा सचिव को छह माह का समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थलकर ने संजीव कुमार मिश्र व 13 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। याचिका में कहा गया कि 13 नवम्बर 2011 को संपन्न अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 की ओएमआर शीट में व्हाइनर या ब्लेड का इस्तेमाल न करने का स्पष्ट निर्देश था। इसके बावजूद कई अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर व ब्लेड का इस्तेमाल किया। अधिवक्ता सीमांत सिंह ने सुनवाई के दौरान दो अभ्यर्थियों के नाम बताते हुए कहा कि उन दोनों ने ओएमआर शीट में व्हाइटनर का इस्तेमाल किया है। 30 नवम्बर 2011 को विज्ञापित 72,825 प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती टीईटी के प्राप्तांक के आधार पर की जानी है।

खबर साभार : हिन्दुस्तान



इलाहाबाद (ब्यूरो)। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में ओएमआर सीट पर व्हाइटनर प्रयोग की जांच का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। यूपी बोर्ड के सचिव को कहा है कि छह माह के भीतर कॉपियों की जांच करें तथा जिन अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर का प्रयोग किया है उन पर कार्रवाई की जाए। संजीव कुमार मिश्र और 13 अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने दिया है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार टीईटी 13 नवंबर 2011 को संपन्न हुई। परीक्षा में दी गई ओएमआर सीट पर स्पष्ट निर्देश था कि व्हाइटनर या ब्लेड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर लगाए और अधिक अंकों से परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। 30 नवंबर 2011 को जारी प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के विज्ञापन में दी गई अर्हता के अनुसार चयन टीईटी प्राप्तांक के आधार पर होना है।
हाईकोर्ट ने दिया टीईटी 2011 में व्हाइटनर के इस्तेमाल की जांच का आदेश, छ माह के भीतर जांच और कार्यवाही के निर्देश Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:39 AM Rating: 5

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