शासन ने शिक्षामित्रों के वेतन पर रोक लगायी, जिलाधिकारियों और निदेशक बेसिक शिक्षा को दिया निर्देश

लखनऊ : शासन ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त किये गए शिक्षामित्रों के वेतन भुगतान की कार्यवाही रोकने का निर्देश दिया है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा ने इस बाबत सोमवार को जिलाधिकारियों और निदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देश जारी कर दिया है।
राज्य सरकार लगभग 1.36 लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर चुकी है। हाई कोर्ट ने इसके खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए 12 सितंबर को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराया था। शिक्षामित्रों का समायोजन अवैध ठहराये जाने के बाद से ही यह सवाल उठ रहा है कि शिक्षामित्रों को अब क्या माना जाए। कई जिलाधिकारियों ने भी शासन से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया था।
उधर शिक्षामित्र अपने वेतन भुगतान की मांग कर रहे थे। लिहाजा प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने भी जिलाधिकारियों और निदेशक बेसिक शिक्षा को वेतन रोकने के आदेश जारी किया है।

शिक्षामित्रों के समायोजन को हाई कोर्ट की ओर से अवैध ठहराये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल करने को लेकर सोमवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह ने बैठक की। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने के बारे में फीडबैक हासिल किया। उन्होंने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में मामले की मजबूत पैरवी करने का इंतजाम करने का निर्देश दिया।



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