सभी शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के लिए यूपी के प्रमुख सचिव ने फिर से एनसीटीई को पत्र लिखकर किया टेट से पूर्ण छूट दिए जाने का अनुरोध

राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों के मामले को एक बार फिर केन्द्र के पाले में डालते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से सभी शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने की मांग की है। एनसीटीई के मुताबिक 25 अगस्त 2010 से पहले भर्ती शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं, लेकिन शर्त यह है कि वे लगातार सेवा में रहे हों। पूरे मामले में यही पेच है क्योंकि शिक्षामित्रों की भर्ती 11 माह की संविदा पर होती थी और एक माह का सर्विस ब्रेक होता था।

जनपदवार अपडेट्स के लिए क्लिक करें-




    
समस्या का समाधान नहीं: मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बुधवार को एनसीटीई के अध्यक्ष को दोबारा पत्र लिखकर साफ तौर पर कहा है कि एनसीटीई के जवाब से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सभी शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने का अनुरोध किया है।

शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को रद्द कर दिया था। राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए जहां एक ओर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुकी है, वहीं केन्द्र सरकार से टीईटी में छूट लेने की कोशिश कर रही है। मुख्य सचिव ने इस बाबत एनसीटीई को पहले भी पत्र लिखा था जिसके जवाब में एनसीटीई ने कोई स्पष्ट टिप्पणी न कर यह कह कर गेंद वापस राज्य सरकार के पाले में डाल दी थी कि अप्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती सही ढंग और सही प्रकृति से करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। असल में, एनसीटीई के मुताबिक 25 अगस्त 2010 से पहले भर्ती शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है लेकिन शर्त यह भी है कि वे लगातार सेवा में रहे हों। पूरे मामले में यही पेच है क्योंकि शिक्षामित्रों की भर्ती 11 माह की संविदा पर होती थी। एनसीटीई ने शिक्षामित्रों को अप्रिशिक्षित अध्यापक मानते हुए प्रशिक्षण कराये जाने की अनुमति दी थी। राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों को 2 साल का प्रशिक्षण कराकर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त किया है।

सभी शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के लिए यूपी के प्रमुख सचिव ने फिर से एनसीटीई को पत्र लिखकर किया टेट से पूर्ण छूट दिए जाने का अनुरोध Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 4:27 PM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.