बीटीसी काउंसिलिंग में आदेशों पर अमल नहीं, न्यायालय के आदेश की मियाद पूरी, अभ्यर्थियों को नहीं मिला प्रवेश,हाईकोर्ट में फरियाद करेंगे बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी

इलाहाबाद : इस समय भले ही नियमों को ताक पर रखकर बीटीसी 2014 की काउंसिलिंग चल रही है, लेकिन हकीकत यह है कि अभी बीटीसी 2013 के अभ्यर्थियों को ही प्रवेश नहीं दिया जा सका है। इसके लिए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया, फिर भी अफसरों ने अमल नहीं किया है।

हताश अभ्यर्थी दीपावली के बाद न्यायालय की अवमानना का केस करने की तैयारी में जुट गए हैं। दूसरी ओर अफसर अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डाल रहे हैं।  बीटीसी 2013 में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग पिछले साल हुई थी। उसमें पहली, दूसरी एवं तीसरी काउंसिलिंग में कई युवाओं का नाम आया, लेकिन उन्हें किसी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) या फिर निजी कालेज में प्रवेश नहीं दिया गया।

शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि प्रवेश न देने की वजह आवेदन करने वाले दस जिलों की मेरिट में वह नहीं आए हैं। इसलिए प्रवेश देने से रोक दिया गया। अभ्यर्थी इस प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। न्यायालय ने अभ्यर्थियों के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद चार सितंबर 2015 को आदेश जारी किया कि दो माह में परीक्षा नियामक प्राधिकारी युवाओं को प्रवेश दे दें। यह आदेश अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में रिसीव भी करा दिया, लेकिन उस पर अब तक अमल नहीं हो सका है।

अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा नियामक के यहां से कहा जा रहा है कि फाइल एससीईआरटी के निदेशक के यहां लखनऊ भेजी गई है, वहां से जवाब आने पर ही कार्यवाही करेंगे। अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद में सीटों का विवरण मांगा गया, लेकिन एक माह बाद भी कोई सूचना नहीं दी जा रही है। अभ्यर्थी हताश होकर फिर न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में हैं।

बीटीसी काउंसिलिंग में आदेशों पर अमल नहीं, न्यायालय के आदेश की मियाद पूरी, अभ्यर्थियों को नहीं मिला प्रवेश,हाईकोर्ट में फरियाद करेंगे बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:37 AM Rating: 5

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