टीईटी पात्रों के लिए गठित करें समिति, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश, शिक्षामित्रों को फिलहाल नहीं मिली राहत, होगी बाद में सुनवाई


 शिक्षामित्रों के मामले में बाद में होगी सुनवाई  यूपी सरकार से पूछा, कितने शिक्षक नियुक्त हुए और कितनी रिक्तियां बाकी
 मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को
 योग्यता मानदंड हटाने का आग्रह अस्वीकार
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उन अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने व उन पर निर्णय के लिए समिति गठित की जाए जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने राज्य के बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को निर्देश दिया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन सप्ताह के भीतर समिति गठित की जाए। शीर्ष अदालत ने उन बिंदुओं को भी अंतिम रूप दिया जिनका वह फैसला करेगा। इसमें यह बिंदु भी शामिल है कि क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त किए गए अंक शिक्षकों की नियुक्ति का एकमात्र आधार हो सकता है।

शीर्ष अदालत शिक्षा मित्रों के नाम से चर्चित संविदा शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में नियमित करने के यूपी सरकार के फैसले को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस बिंदु पर कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। जिससे उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वह बाद में देखेगा क्योंकि इसमें अभी विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की जा रही हैं। कोर्ट ने रिक्तियों की स्थिति में योग्यता मानदंडों के घटाने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह सात दिसंबर तक यह बताए कि प्रदेश में शिक्षकों के कुल कितने स्थान रिक्त हैं।

खबर साभार :अमर उजाला

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए गए उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वह बाद में देखेगा क्योंकि इसमें अभी विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की जा रही हैं। इसके साथ ही अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को टीईटी परीक्षा में 70 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले योग्य उम्मीदवारों को शिक्षक के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया है।

जस्टिस दीपक मिश्र और यूयू ललित की पीठ ने यह आदेश सोमवार को दिया। पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह बताए कि प्रदेश में कुल कितने शिक्षक नियुक्त हुए और कितनी रिक्तियां बाकी हैं। सरकार ने 72,825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला था, जिसमें अब तक 43,077 पदों पर नियुक्ति की गई है। विसंकुछ शिक्षक अभी प्रशिक्षण ले रहे हैं। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह टीईटी में योग्यता अंक रखने वाले उम्मीदवारों से आवेदन ले। पीठ ने कहा कि बेसिक शिक्षा सचिव यह आवेदन लेंगे और तीन हफ्तों में उन्हें नियुक्त करने पर फैसला लेंगे। अदालत ने यह आदेश तब दिया जब वकीलों ने कहा कि योग्य उम्मीदवारों को भी सरकार नियुक्त नहीं कर रही है, जबकि कई हजार रिक्तियां बाकी हैं। अदालत ने रिक्तियों की स्थिति में योग्यता मानदंडों के घटाने के आग्रह को भी अस्वीकार कर दिया है। इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।
खबर साभार : हिन्दुस्तान


खबर साभार : अमर उजाला

टीईटी पात्रों के लिए गठित करें समिति, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश, शिक्षामित्रों को फिलहाल नहीं मिली राहत, होगी बाद में सुनवाई Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:34 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.