उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 की ओएमआर शीट के पुनर्मूल्यांकन का मामला, बेसिक शिक्षा सचिव को अवमानना नोटिस



शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2011
की ओएमआर शीट के पुनर्मूल्यांकन का आदेश
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Court No. - 1
Case :- CONTEMPT APPLICATION (CIVIL) No. - 1041 of 2016
Applicant :- Pratiksha Singh
Opposite Party :- Ashish Goyal, Principal Secry., Basic Education
Counsel for Applicant :- Agnihotri Kumar Tripathi,Anil Kumar Singh
Hon'ble Vivek Kumar Birla,J.
Heard the learned counsel for the applicant.
It is alleged that opposite party has wilfully and deliberately disobeyed the order dated 8.10.2015 passed by this Court in Writ Petition No. 48620 of 2015.
From a perusal of the record, a prima facie case is made out.
Issue notice to opposite party.
The counter affidavit may be filed within the aforesaid period or else charges may be framed after summoning the noticee.
However, one more opportunity is granted to the opposite party to comply with the order within a month. If by the next date fixed, the directions of the Writ Court are not complied with and an affidavit to that effect is not filed, the opposite party shall remain present before this Court.
The office may send a copy of this order along with the notice.
List on the date mentioned in the notice before the appropriate Bench.
The matter shall not be treated as part heard or tied up to this Bench.
Order Date :- 26.2.2016
Lalit Shukla


इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 की ओएमआर शीट के पुनर्मूल्यांकन का मामला फिर तूल पकड़ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल को नोटिस जारी किया है। इसमें कोर्ट ने एक मौका देते हुए एक माह में आदेश का पालन करने या फिर हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने प्रतीक्षा सिंह की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि बेसिक शिक्षा सचिव को टीईटी 2011 में शामिल सभी पांच लाख अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश आठ अक्टूबर 2015 को दिया गया था। आदेश में यह भी कहा गया था कि ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जाए जो बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण घोषित किए गए। असल में दाखिल याचिका में हजारों ऐसे अभ्यर्थियों का अनुक्रमांक रिकॉर्ड में दिखाया गया है जिन्होंने या तो वाइटनर का प्रयोग किया या फिर बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण हो गए हैं। सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने 10 अप्रैल 2012 की रिपोर्ट में माना है कि टीईटी 2011 का परीक्षाफल वास्तव में कितनी बार संशोधित हुआ व कितने अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और कितने फेल हुए, यह रिकॉर्ड परीक्षा कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास नहीं है। इन्हीं बिंदुओं पर याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन व अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनने के बाद बेसिक शिक्षा सचिव को अवमानना का दोषी पाया। कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि एक माह के अंदर आठ अक्टूबर 2015 के आदेश का अनुपालन करें या सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों, ताकि अवमानना का आरोप तय किया जा सके।

खबर साभार : दैनिक जागरण

प्रमुख सचिव बेसिक अवमानना में तलब
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल को तलब कर लिया है। हालांकि उनको अदालत के आदेश का पालन करने का एक और अवसर दिया गया है। ऐसा करने में असफल रहने पर उनको हाजिर होकर स्पष्टरकरण देना होगा। मामला टीईटी 2011 का है। हाईकोर्ट ने आठ अक्तूबर 2015 को बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया था कि टीईटी 2011 की उत्तर पुस्तिकाओं का पुन: मूल्यांकन कराया जाए। आदेश का पालन न होने पर प्रतीक्षा सिंह ने अवमानना याचिका दाखिल की है।
याची के वकील अनिल बिसेन और अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया कि टीईटी 2011 परीक्षा में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई थी। ऐसे तमाम लोगों की सूची सौंपी गई जिन्होंने ओएमआर सीट पर व्हाइटनर का इस्तेमाल किया।
खबर साभार : अमर उजाला

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उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 की ओएमआर शीट के पुनर्मूल्यांकन का मामला, बेसिक शिक्षा सचिव को अवमानना नोटिस Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:52 AM Rating: 5

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