लापरवाही : एक अप्रैल से खुलेंगे स्कूल, सरकार नहीं छपवा पाई किताबें, बच्चों को फिर दी जाएंगीं पुरानी किताबें, जुलाई से पहले नहीं मिल पाएंगी नई किताबें


📌  निदेशक ने दिए आदेश, पुरानी किताबें जमा करवाकर वही अगली कक्षा में बंटवा दी जाएं


सरकारी प्राइमरी स्कूलों का नया सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है लेकिन बच्चे पुरानी किताबों से पढ़ाई करेंगे। दरअसल सरकार अभी नई किताबें नहीं छपवा पाई है, यही वजह है कि सभी स्कूलों को आदेश दिए गए हैं कि पास होने वाले बच्चों से पुरानी किताबें जमा करवा ली जाएं और कक्षा में आने वाले नए बच्चों को दे दी जाएं। जब नई किताबें छपकर आ जाएंगी, तो बच्चों में वो बांटी जाएंगी। 


पिछले साल सरकार ने कॉन्वेंट स्कूलों की तरह ही सरकारी स्कूलों का नया सत्र भी अप्रैल से लागू कर दिया है। लेकिन उसके हिसाब से बाकी तैयारियां पूरी नहीं कीं। पिछले साल भी अप्रैल में किताबें नहीं छप पाई थीं। बच्चों को पुरानी किताबें दी गई थीं। उसके करीब चार महीने बाद अगस्त तक उन्हें नई किताबें मिली थीं। इस बार भी नई किताबें नहीं छप पाई हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने सभी बीएसए को आदेश दिए हैं कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र के लिए फिलहाल अंतरिम व्यवस्था के तहत पुरानी किताबें बच्चों को बंटवा दी जाएं। इसके लिए परीक्षा दे चुके बच्चों से किताबें जमा करवा ली जाएं और नए बच्चों को बांट दी जाएं। किताबें छप कर आने पर नई किताबें बंटवाई जाएं। 


इस बार भी नई किताबें बच्चों को जुलाई से पहले नहीं मिल पाएंगी। इसकी वजह यह है कि अभी मार्च में तो पाठ्य पुस्तक नीति जारी हुई है। उसके बाद टेंडर करने, छपने, उनकी जांच होने और फिर वितरण में कम से कम तीन महीने का समय लगना तय है। 


सरकार ने सत्र अप्रैल से किया है तो किताबें भी तय समय पर मिलनी चाहिए। इसके लिए पहले से तैयारी होनी चहिएजिन स्कूलों की नकल करके सत्र बदलाव किया है, वहां के बच्चे नई किताबें लेकर जाएंगे लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चे पुरानी किताबें लेकर।  -विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन

लापरवाही : एक अप्रैल से खुलेंगे स्कूल, सरकार नहीं छपवा पाई किताबें, बच्चों को फिर दी जाएंगीं पुरानी किताबें, जुलाई से पहले नहीं मिल पाएंगी नई किताबें Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:48 AM Rating: 5

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