उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘मनरेगा’ की तरह ‘शिक्षा का अधिकार’ (आरटीई) कानून का भी विशेष ऑडिट कराने की दी सलाह, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और फंड की कमी पर भी जताई चिंता


उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘मनरेगा’ की तरह ‘शिक्षा का अधिकार’ (आरटीई) कानून का भी विशेष ऑडिट कराने की सलाह दी है। उन्होंने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और फंड की कमी पर चिंता भी जताई। अंसारी ने सोमवार को शिक्षा का अधिकार कानून के छह साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, यह दुनिया का पहला ऐसा कानून है, जो प्राथमिक शिक्षा की पूरी तरह जिम्मेदारी सरकार को देता है। हालांकि, छह साल पूरे होने के बावजूद इसमें कमियां हैं। आरटीई कानून के क्रियान्वयन की निगरानी राज्य के शिक्षा विभागों की है, लेकिन इसे मनरेगा की तरह ऑडिट कराए जाने की जरूरत है।



भारत 102वें स्थान पर:
अंसारी ने कहा कि देश में ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच गहरी खाई है। अमीर और गरीब बच्चों की शिक्षा में अंतर बना हुआ है। स्कूलों में दाखिला बढ़ने के बाद भी ड्रॉप आउट की समस्या बनी हुई है। वर्ष 2012 की ग्लोबल मॉनीटरिंग रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में भारत 120 देशों में 102वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में सर्व शिक्षा अभियान पर 1,15,625 करोड़ खर्च हुए। इसके बावजूद, गुणवत्ता नहीं सुधरी।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘मनरेगा’ की तरह ‘शिक्षा का अधिकार’ (आरटीई) कानून का भी विशेष ऑडिट कराने की दी सलाह, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और फंड की कमी पर भी जताई चिंता Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:46 AM Rating: 5

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