मृतक आश्रितों को बीटीसी कराने का इरादा पक्का, बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को भेजा प्रस्ताव, बीटीसी में होगा आश्रित कोटे से सीधा प्रवेश, लेकिन टीईटी करना होगा पास

लखनऊ : खुद को शिक्षक बनाने के लिए दबाव बना रहे परिषदीय स्कूलों के मृत अध्यापकों के आश्रितों की पूरी नहीं सिर्फ आधी राह आसान होने की संभावना है। वजह यह है कि सेवाकाल के दौरान मृत्यु का शिकार हुए परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के स्नातक अर्हताधारी आश्रितों को राज्य सरकार बीटीसी ट्रेनिंग करने का मौका दे सकती है। हालांकि शिक्षक बनने के लिए मृतक आश्रितों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना जरूरी होगा।

बेसिक शिक्षा परिषद ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि मृत शिक्षकों के स्नातक अर्हताधारी आश्रितों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण करा दिया जाए। मृतक आश्रितों के लिए यह एक तरह की सुविधा होगी क्योंकि अभी बीटीसी में प्रवेश शैक्षिक मेरिट के आधार पर होता है। ऐसे स्नातक अर्हताधारी आश्रित को टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए पांच साल का समय भी दे दिया जाए। यदि इस अवधि में मृतक आश्रित ने टीईटी उत्तीर्ण कर लिया तभी वह शिक्षक नियुक्त हो सकेगा वर्ना नहीं।

मृतक आश्रितों को बीटीसी कराने का इरादा पक्का, बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को भेजा प्रस्ताव, बीटीसी में होगा आश्रित कोटे से सीधा प्रवेश, लेकिन टीईटी करना होगा पास Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 4:36 AM Rating: 5

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