मेरिट से नहीं मनमर्जी से बंटे निजी कालेज, निजी कालेज के आवंटन में जमकर हेराफेरी, कम मेरिट वालों को शहर के कालेज में भेजा गया है, वहीं ऊंची मेरिट वाले को काफी दूर धकेल दिया गया

,☀  निजी कालेजों में मांगा जा रहा धन 

बीटीसी में दाखिला पाने वाले अभ्यर्थियों से निजी कालेज में बिना किसी रसीद आदि दिए मोटी रकम मांगी जा रही है। कालेज संचालक अभ्यर्थियों से यह भी कह रहे हैं चाहे तो वह डायट प्राचार्य या फिर अन्य को यह बता भी सकते हैं। संचालकों ने यहां तक कहा है कि बिना यह भुगतान किए दाखिला नहीं मिलेगा। 



☀ कहने को सत्र का श्रीगणोश 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार से सभी बीटीसी कालेजों में शैक्षिक सत्र का शुभारंभ होना था। कहने को इसका अनुपालन हो गया है, लेकिन हकीकत में कहीं भी कक्षाएं नहीं लगी। वास्तव में अभी दाखिले ही पूरे नहीं हुए हैं तब पढ़ाई की उम्मीद बेमानी ही है। 



इलाहाबाद : बीटीसी 2015 में दाखिला पाने वाले अभ्यर्थियों को निजी कालेज के आवंटन में जमकर हेराफेरी हो रही है। कम मेरिट वालों को शहर के कालेज में भेजा गया है, वहीं ऊंची मेरिट वाले को काफी दूर धकेल दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि डायट स्टॉफ ने ही यह कारस्तानी की है, दावेदारों ने उसकी वीडियो भी बनाई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी से इसकी शिकायत की गई है उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि कालेज प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगेंगी।



प्रदेश के बीटीसी कालेजों में 2015 सत्र के लिए वैसे तो अभ्यर्थियों का दाखिला पूरा हो चुका है, लेकिन अधिकांश जिलों में यह प्रक्रिया अब भी चल रही है और अगले कुछ सप्ताह तक गतिमान रहने के आसार हैं। प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों के साथ हेराफेरी की शुरुआत डायट में प्रवेश के साथ ही शुरू हो गई। कई अभ्यर्थियों को डायट में प्रवेश में मौका नहीं दिया, जबकि उसके बाद आने वाले युवाओं को आसानी से दाखिला दिया गया। 




डायट की सीटें भरने के बाद निजी कालेजों की मेरिट जारी हुई और नियमित अंतराल पर वह कम होती गई उसमें भी जमकर धांधली हुई है, क्योंकि कम मेरिट घोषित होने के दौरान दर्जनों ऐसे अभ्यर्थियों को गुपचुप दाखिला दिया गया, जिनका मौका निकल चुका था। इस वजह से अंतिम समय में रीशफलिंग होने पर चयनित अभ्यर्थियों को बाहर होना पड़ा। कई अभ्यर्थी इन प्रकरणों को इकट्ठा करके हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।




लंबी फीस लेने के बाद निजी कालेजों के आवंटन में भी सुविधा शुल्क चला। डायट में दाखिले से एक अंक से चूकने वाली ओबीसी वर्ग की महिला को उसकी पसंद का कालेज नहीं मिल सका है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है आखिर अन्य अभ्यर्थियों को किस तरह से कालेजों का आवंटन किया गया। कम मेरिट पर शहर का कालेज और ऊंची मेरिट वालों को गांव का स्कूल दिए जाने की अभ्यर्थियों ने वीडियो बनाई है, जिसमें डायट कर्मचारी खुलेआम सौदा कर रहे हैं। यह शिकायत परीक्षा नियामक प्राधिकारी से की गई है उन्होंने इसकी जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

मेरिट से नहीं मनमर्जी से बंटे निजी कालेज, निजी कालेज के आवंटन में जमकर हेराफेरी, कम मेरिट वालों को शहर के कालेज में भेजा गया है, वहीं ऊंची मेरिट वाले को काफी दूर धकेल दिया गया Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:08 AM Rating: 5

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