घोटाला : मिड डे मील (एमडीएम)खा रहे हैं एक करोड़ बच्चे लेकिन अधिकारियों को बर्तन चाहिए पौने दो करोड़ बच्चों के लिए, एमडीएम प्राधिकरण का रुख हुआ सख्त

एमडीएम में बर्तनों की संख्या को लेकर कुछ ऐसे ही आंकड़े सामने आ रहे हैं।अभी जो संख्या निदेशालय को प्राप्त हुई है उस पर खुद एमडीएम प्राधिकरण के निदेशक हेमंत कुमार को ही विश्वास नहीं है। लिहाजा उन्होंने सभी जिलों से दोबारा संख्या मांगी है। सभी बीएसए को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि अधिकारियों ने नामांकन के सापेक्ष 70 से 100 फीसदी तक संख्या भेजी है जो तर्कसंगत नहीं लग रही।

लिहाजा सभी ब्लॉकवार स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की संख्या मांगी गई है। राज्य सरकार अपने बजट से एमडीएम खाने के लिए हर बच्चे को एक थाली और गिलास दे रही है।यह विवाद इसलिए खड़ा हुआ है कि एमडीएम खाने वाले बच्चों की संख्या नामांकित बच्चों की संख्या की लगभग आधी होती है। इस शैक्षिक सत्र में यूपी में लगभग दो लाख बच्चे सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में प्रवेश ले चुके हैं ।लेकिन एमडीएम लगभग एक करोड़ बच्चों के लिए ही बन रहा है क्योंकि औसतन इतने ही बच्चे रोज स्कूल आ रहे हैं।

एमडीएम प्राधिकरण ने सभी जिलों को निर्देश दिए थे कि औसत बच्चों की संख्या से बढ़ा कर बर्तन खरीदे जाने हैं यानी पिछले वर्ष जिस दिन अधिकतम बच्चे उपस्थित हुए हों वही संख्या भेजी जाए। इसका लाभ उठाते हुए जिलों ने ये संख्या खूब बढ़ाचढ़ा कर भेज दी लेकिन अब इसे लेकर प्राधिकरण का रुख सख्त है।

घोटाला : मिड डे मील (एमडीएम)खा रहे हैं एक करोड़ बच्चे लेकिन अधिकारियों को बर्तन चाहिए पौने दो करोड़ बच्चों के लिए, एमडीएम प्राधिकरण का रुख हुआ सख्त Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:25 PM Rating: 5

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