स्वच्छ पानी मुहैया न कराने पर जाएगी मान्यता, हर विद्यालय में सुरक्षित व पर्याप्त पेयजल की मांगी गई रिपोर्ट, तीन साल में स्कूलों में मानक पूरा किए जाने के थे निर्देश

इलाहाबाद : स्वच्छ पेयजल मुहैया न करा पाने वाले प्राथमिक स्कूलों की मान्यता खत्म करने की तैयारी है। इस संबंध में दिशा-निर्देश पहले ही जारी हो चुके हैं और तीन साल में मानक पूरा किए जाने का आदेश दिया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रलय स्वच्छ विद्यालय अभियान कार्यक्रम के तहत इसकी पड़ताल करा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अगले माह सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय को रिपोर्ट सौंपनी होगी। 


इन दिनों स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जा रहा है इसी के तहत उम्दा साफ-सफाई रखने वाले विद्यालयों को पुरस्कार मिल रहा है। अब स्वच्छ पानी मुहैया कराने की निगरानी की जा रही है। दरअसल निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में यह प्रावधान है कि यह अधिनियम लागू होने के तीन साल में सभी विद्यालय तय मानक एवं शर्तो को पूरा करेंगे। प्रदेश में मानक पूरा करने की समय सीमा खत्म हो चुकी है। ऐसे में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना की अपर निदेशक राजकुमारी वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि यदि कोई विद्यालय मानक पूरा करने में असफल रहता है तो उसकी मान्यता वापस ले ली जाए। 



इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत हर स्कूल में स्वच्छ एवं पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध होने की अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। 



बीएसए सिर्फ बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की ही रिपोर्ट नहीं सौंपेंगे बल्कि उन्हें शासकीय सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों की भी रिपोर्ट देनी है। इसके लिए बाकायदे प्रारूप भी जिलों में भेजा गया है जिस पर 30 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। इसी के साथ पेयजल की छानबीन तेजी से शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि इधर स्कूलों में इंडिया मार्का हैंडपंप स्कूलों में बड़ी संख्या में लगाए गए हैं, लेकिन उनका पानी स्वच्छ है या नहीं इसकी पड़ताल नहीं हुई है। कुछ स्कूलों में प्यूरीफायर मशीन आदि भी लगवाई है, लेकिन उसका भी नियमित इस्तेमाल नहीं हो रहा है। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां लगे हैंडपंपों का पानी दूषित हैं। प्रधानाचार्यो ने इस संबंध में बड़े अफसरों को पत्र भेजकर शिकायतें भी की हैं।

स्वच्छ पानी मुहैया न कराने पर जाएगी मान्यता, हर विद्यालय में सुरक्षित व पर्याप्त पेयजल की मांगी गई रिपोर्ट, तीन साल में स्कूलों में मानक पूरा किए जाने के थे निर्देश Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:20 AM Rating: 5

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