चुनाव के बहाने 45 हजार स्कूलों को मिलेगी बिजली, चुनावों में पोलिंग स्टेशन बनने की वजह से स्कूलों को में इसी बहाने पहुंचेगी बिजली

नई सरकार का चुनाव .. सत्ता का.. लेकिन रोशनी होगी स्कूलों में। 2017 के चुनावों की बदौलत बच्चे पंखे की हवा में बैठ पाएंगे। चुनावों में पोलिंग स्टेशन बनने की वजह से प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा स्कूलों को में इसी बहाने बिजली पहुंचेगी। 



प्रदेश के ऐसे 45,809 प्राइमरी स्कूल मतदेय स्थल के रूप में चिह्नित हुए हैं जहां अब भी बिजली नहीं पहुंची है। यदि इन्हे पोलिंग स्टेशन बनाया गया तो ऐसे स्कूलों तक अब बिजली पहुंचाई जाएगी। हर पोलिंग स्टेशन पर बिजली, रैम्प, शौचालय, फर्नीचर, शेड, हैण्डपम्प आदि का होना अनिवार्य है। चूंकि पिछले वर्षों में चले स्वच्छ भारत अभियान के तहत ज्यादातर स्कूलों में शौचालय और पीने की पानी की व्यवस्था है। लेकिन अब भी गांवों में अंदर बसे कई स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची है। 



चुनाव के बहाने ही सही, कुछेक हजार स्कूल अब बिजली से रोशन होंगे। इनमें सबसे ज्यादा स्कूल सीतापुर, इलाहाबाद, लखीमपुर, फरुखाबाद आदि के हैं। स्कूलों में बिजली न होने के चलते ही गर्मियों में स्कूलों के समय को लेकर शिक्षकों में गुस्सा रहता है। शिक्षक 12 बजे के बाद कड़क गर्मी होने के कारण स्कूलों में रुकना नहीं चाहते। स्कूलों में शौचालय और पीने का पानी की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो गई है जबकि बिजली को लेकर ऐसा कोई आदेश नहीं है। पीने के पानी के लिए हैण्डपम्प तो स्कूलों में लगे ही हैं। बीते दिनों सरकार ने सौर ऊर्जा से चलने वाले आरओ सिस्टम को सूबे के कुछ स्कूलों में लगाने का निर्णय लिया है।


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