फैसला हाईकोर्ट का : परिषद से मान्यता होने के चलते कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा संचालित स्कूल के शिक्षक होंगे अब 62 वर्ष में रिटायर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि कैंटोनमेंट बोर्ड से संचालित मान्यता प्राप्त स्कूलों के अध्यापको 60 वर्ष की आयु पर रिटायर नहीं किया जाना चाहिए। वे 62 साल की उम्र में रिटायर होंगे।यह आदेश न्यायमूर्ति बीके बिड़ला के उषा बंकर की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है।




मामले के तथ्यों के अनुसार याची बालिका जूनियर हाईस्कूल मीरपुर कैंट कानपुर नगर में अध्यापिका थी। उन्हें 60 साल की आयु पूरी करने पर आठ अगस्त 2013 को रिटायरमेंट का नोटिस दिया गया। कहा गया कि 31 अगस्त 2013 को वह 60 साल की आयु पूरी कर लेंगी इसलिए सेवानिवृत्त हो जाएंगी।




याची का कहना था कि बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त स्कूलों के अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। सीएफएस नियमावली परिषद के स्कूलों पर लागू नहीं होगी। दूसरी तरफ बोर्ड की ओर से कहा गया कि कैंटोननमेंट कानून एवं नियम के तहत अध्यापक की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष है। कोर्ट ने कहा कि स्कूल को बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता हासिल है। जिसमें सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। इसलिए 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति देना सही नहीं है।

फैसला हाईकोर्ट का : परिषद से मान्यता होने के चलते कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा संचालित स्कूल के शिक्षक होंगे अब 62 वर्ष में रिटायर Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 7:02 AM Rating: 5

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