विधानसभा में रखी गई नियंत्रक - महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा विभाग में हर कदम पर घोटाले,  टीचर्स की तैनाती से लेकर  बजट होने के बाद भी भवन निर्माण और बच्चों को किताबें व यूनिफॉर्म  देने में हुई घपलेबाजी

रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रदेश में शिक्षकों की मनमानी तैनाती की गई है साथ ही बजट होने के बाद भी बच्चों को किताबें व यूनिफॉर्म नहीं दिया गया। इतना ही नहीं बैंक से रकम निकालने के बरसों बाद भी स्कूलों का निर्माण पूरा नहीं किया गया। यह रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा में रखी गई।


रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2008-09 में सुल्तानपुर में 6 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण के लिए 14.46 लाख और वर्ष 2011-12 में सोनभद्र में एक स्कूल के लिए 36.04 लाख रुपये आहरित किए गए, पर आज तक निर्माण नहीं हुआ।


इसी तरह वर्ष 2003-04 में सोनभद्र में आठ विद्यालयों में निर्माण के लिए 19.25 लाख रुपये लिए गए, पर मार्च 2016 तक निर्माण पूरा नहीं हुआ था। निर्माण प्रभारी ने 15.03 लाख रुपये का गबन किया।

वर्ष 2011-12 में स्वीकृत 469 प्राथमिक और 73 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण मार्च 2016 तक शुरू नहीं हुआ था। कैग ने इन सभी प्रकरणों की गहन जांच की जरूरत बताई।

विधानसभा में रखी गई नियंत्रक - महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा विभाग में हर कदम पर घोटाले,  टीचर्स की तैनाती से लेकर  बजट होने के बाद भी भवन निर्माण और बच्चों को किताबें व यूनिफॉर्म  देने में हुई घपलेबाजी Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:18 AM Rating: 5

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