अखिलेश सरकार का अनुभव विद्यालय प्रोजेक्ट खटाई में, पिछले वर्ष निर्माणाधीन होने के चलते तो इस वर्ष बजट नहीं मिलने से संचालन सम्भव नहीं हो सका

इटावा :  पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने गांव सैफई में बच्चों को मॉडल स्कूल की तर्ज पर अच्छी शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से अनुभव विद्यालय का निर्माण कराया था। यह विद्यालय पिछले सत्र में निर्माणाधीन होने के कारण शुरू नहीं हो सका था। इस बार प्रदेश सरकार के धन न देने की वजह से काम अधूरा पड़ा है। इस पर 11.23 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन नए सत्र यानि जुलाई में इसके चालू होने की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि धनाभाव में फर्नीचर तक नहीं खरीदा जा सका है।



अखिलेश सरकार में ऐसे दो विद्यालय सैफई व लखनऊ में बनवाए हैं। इसके पीछे उद्देश्य था कि बच्चों को कक्षा एक से आठ तक बेसिक शिक्षा विभाग अच्छी शिक्षा दे। यह दो विद्यालय पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिये गए थे परंतु अखिलेश सरकार के जाते ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। सैफई में बने प्राथमिक विद्यालय बीआरसी भवन को तोड़कर इस विद्यालय को बनाया गया था। विद्यालय में बच्चों के लिए खास सुविधाओं का इंतजाम किया गया था जिनमें स्वच्छ व हवादार कमरे, साफ-सुथरे सेंसर युक्त शौचालय जैसी सुविधाएं भी शामिल थीं।




कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने विद्यालय के निर्माण के लिए 15 करोड़ की मांग की थी जिससे विद्यालय में खेल का मैदान, वॉलीबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट बनाया जा सके लेकिन न तो सरकार ने धन दिया और न ही मना किया। इसकी वजह से विद्यालय का फर्नीचर तक नहीं आ पा रहा है। सैफई में बीआरसी भवन न होने से शिक्षा विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं जबकि कक्षा एक से आठ तक के करीब 150 बच्चों की कक्षाएं भी दूसरे स्कूल में संचालित की जा रहीं हैं।



जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी सिंह के मुताबिक अनुभव विद्यालय के लिए अभी तक फर्नीचर उपलब्ध नहीं हो पाया है, फर्नीचर के लिए धन की मांग विभाग से की गई है। जैसे ही फर्नीचर उपलब्ध होगा विद्यालय को शुरू कर दिया जाएगा।

अखिलेश सरकार का अनुभव विद्यालय प्रोजेक्ट खटाई में, पिछले वर्ष निर्माणाधीन होने के चलते तो इस वर्ष बजट नहीं मिलने से संचालन सम्भव नहीं हो सका Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:21 AM Rating: 5

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