जहां से सेवा शुरू, वहीं पर खत्म होगी सेवा : प्रदेश के शिक्षा महकमे के अधिकांश कार्यालयों के कर्मी अपना पटल छोड़ने को नहीं तैयार, हर वर्ष शासन के आदेश हो जाते बेबस और लाचार

इलाहाबाद : ‘जहां काम शुरू, वहीं खत्म होगी सेवा’ यह तस्वीर प्रदेश के शिक्षा महकमे के अधिकांश कार्यालयों की है। शासन ने प्रधान सहायक व अन्य पदों पर वर्षो से जमे कर्मचारियों के पटल परिवर्तन का आदेश दिया है, लेकिन कर्मी अपना पटल छोड़ने को तैयार नहीं है। पिछले वर्ष कर्मचारियों की जिम्मेदारी बदलने के आदेश भी हुए लेकिन, अधिकांश आदेश में संशोधन कराकर फिर वहीं जमे हैं। इस बार शिक्षा निदेशालय ने कर्मचारियों के तबादले की अब तक सूची ही जारी नहीं की है।



⚫ शिक्षा विभाग के मंडल व जिला मुख्यालयों पर वर्षो से कर्मी जमे

⚫ पिछले वर्ष पटल परिवर्तन के बाद अधिकांश ने करा लिया संशोधन



शिक्षा विभाग के निदेशालय से लेकर जिला व मंडल कार्यालयों में करीब 350 प्रधान सहायक व अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनका तबादला करने का अधिकार अपर शिक्षा निदेशक बेसिक को दिया गया है। पिछले वर्ष लंबे समय से एक ही कार्यालय में जमे कर्मचारियों को सूचीबद्ध करके उनकी तबादला सूची भी जारी हुई। यह आदेश जारी होते ही महकमे के बड़े अफसर तक कर्मचारियों के पक्ष में खड़े हो गए, कर्मचारियों ने एकजुट होकर आंदोलन प्रदर्शन किया। महीनों उहापोह के बाद किसी तरह से आदेश में संशोधन करके प्रकरण ठप किया गया।




अफसरों ने कर्मचारियों के पक्ष में तर्क दिये कि उनके हटने से कार्य प्रभावित होगा। इसीलिए इस बार प्रधान सहायकों का फेरबदल करने की हिम्मत महकमा नहीं जुटा पा रहा है। तबादला आदेश जारी होने की आहट पाकर पिछले दिनों प्रधान सहायकों ने अपर शिक्षा निदेशक से मिलकर अपना पक्ष भी रखा है। एक तरफ अधिकांश कर्मचारी जिला, मंडल या फिर पटल छोड़ना नहीं चाहते, वहीं कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो बीमार होने के कारण पटल से मुक्ति चाहते हैं। बहुसंख्यक कर्मचारियों की भीड़ में बीमार कर्मचारी भी तबादला करा पाने में सफल नहीं हो रहे हैं।



सूत्रों के अनुसार निदेशालय में करीब तीन दर्जन से अधिक प्रार्थना पत्र लंबित हैं। कहा जा रहा है कि एकजुटता के कारण तमाम कर्मचारी जिस पद पर तैनात हुए थे, वहीं से सेवानिवृत्त हुए हैं, बाकी कर्मचारी भी यही परिपाटी बनाये रखने के पक्षधर हैं। निदेशालय के अफसरों ने प्रधान सहायकों का तबादला करने से पहले शासन से अनुमोदन लेना चाहते हैं, ताकि आदेश पर हर हाल में अमल हो।

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