अहम पदों से हटाये गए अफसर फिर खास पदों पर : शिक्षा महकमे में बड़े बदलाव की उम्मीद को  लगा झटका, शासन हाईकोर्ट में किए गए वादे को भी गया भूल

इलाहाबाद : शिक्षा महकमे में बड़े बदलाव की उम्मीद लगाने वाले अफसरों को झटका लगा है। तय समय में शासन ने अफसरों का दो बार फेरबदल किया, इसमें पुराने अफसरों को मनचाही तैनाती मिली। वहीं, लंबे समय से हाशिये पर चल रहे अफसरों को फिर निराश होना पड़ा है। इस बदलाव में शासन ने हाईकोर्ट में किए गए वादे का भी ख्याल नहीं रखा, मंडल स्तर पर तमाम प्रभारी अधिकारियों को न केवल तैनात किया, बल्कि कई को दो-दो मंडलों का प्रभार भी सौंपा है। 





शासन ने पिछले सप्ताह 22 जून को माध्यमिक शिक्षा के अफसरों के तबादले किए, उसमें संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) अनारपति वर्मा को मंडल से हटाकर प्रतीक्षारत किया गया, अब उन्हें आजमगढ़ मंडल में तैनाती मिली है। यूपी बोर्ड के वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव कामताराम पाल को हटाकर हरदोई डायट में प्राचार्य पद पर भेजा गया, एक सप्ताह के अंदर ही उन्हें मीरजापुर मंडल का प्रभारी जेडी बना दिया गया है। आगरा मंडल के प्रभारी जेडी प्रदीप सिंह बसपा शासनकाल में लंबे समय तक इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव रहे हैं, अब फिर क्षेत्रीय कार्यालय में पुराना पद पाने में कामयाब हुए हैं। 




शासन ने बीते 19 अप्रैल को अनिल भूषण चतुर्वेदी को इलाहाबाद का प्रभारी जेडी उस समय बनाया, जब हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई। जिसमें कहा गया कि आखिर महकमे में वरिष्ठ अफसरों के होते हुए भी जूनियर अफसरों को अहम पदों पर क्यों रखा गया है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने कोर्ट में हलफनामा दिया कि आगे से मंडल व जिला स्तर पर प्रभारी अधिकारी नहीं रखे जाएंगे। इसीलिए आजमगढ़ के प्रभारी जेडी रामचेत आदि को हटाया। हाईकोर्ट में किए वादे को भुलाकर तबादला सूची जारी हुई, इसमें वरिष्ठता में ऊपर रहे ंअनिल भूषण को पद से हटाने के साथ ही उन्हें बेसिक शिक्षा में भेज दिया गया। कई अधिकारियों को मंडलों का प्रभारी जेडी बनाया गया है।



अहम पदों से हटाये गए अफसर फिर खास पदों पर : शिक्षा महकमे में बड़े बदलाव की उम्मीद को  लगा झटका, शासन हाईकोर्ट में किए गए वादे को भी गया भूल Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:57 AM Rating: 5

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