शिक्षा क्षेत्र में अहम बदलावों के लिए सात विधेयक लाने की तैयारी, केंद्र सरकार ने बिलों को पारित कराने के लिए कसी कमर

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में शिक्षा क्षेत्र में अहम बदलावों के लिए सात विधेयक लाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने इन बिलों को पारित कराने के लिए कमर कस ली है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर चाहते हैं कि ये बिल इसी सत्र में पारित हो जाएंगे ताकि शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक बदलाव किए जा सकें।



दो विधेयक शिक्षा के अधिकार कानून में संशोधन को लेकर हैं। एक बिल पिछले सत्र में ही लोकसभा में पेश हो गया था जिसे इस सत्र में पारित कराया जाएगा। इस विधेयक में शिक्षकों को न्यूनतम पेशेवर योग्यता हासिल करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया जा रहा है। जबकि आरटीई कानून के प्रावधानों के तहत 31 मार्च 2015 तक शिक्षकों को आवश्यक पेशेवर योग्यता हासिल करनी थी।




आरटीई का दूसरा विधेयक फेल नहीं करने की नीति में बदलाव के लिए आ रहा है। इसके पारित होने के बाद फेल नहीं करने की नीति कक्षा पांच तक ही सीमित रहेगी। तीसरा विधेयक भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) को डिग्री देने से जुड़ा है। दरअसल, आईआईएम की स्थापना कानून के तहत नहीं हुई है, इसलिए अभी उन्हें डिग्री देने का अधिकार नहीं है। वे सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा देते हैं। इस विधेयक के पारित होने के बाद वे डिग्री दे सकेंगे।




दो विधेयक ट्रिपल आईटी से जुड़े हैं। एक विधेयक निजी क्षेत्र की भागीदारी में खुलने वाले ट्रिपल आईटी को विनियमित करने के लिए है। जबकि दूसरे विधेयक के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग कुरनूल को ट्रिपल आईटी का दर्जा देने के लिए लाया जा रहा है। दोनों विधेयक पहले से लोकसभा में लंबित हैं।

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