निजी बीटीसी कॉलेज प्रवेश में आगे, गुणवत्ता में पीछे : सेमेस्टर परीक्षा व टीईटी के रिजल्ट ने खोली पोल

प्रदेश में डीएलएड कालेज तेजी से बढ़े, 2017-18 में दोगुने से अधिक

इलाहाबाद : प्रदेश में शिक्षक तैयार करने वाले डीएलएड (पूर्व बीटीसी) निजी कालेजों की बाढ़ आ गई है। अभी तक 1422 कालेजों में प्रवेश हुआ है, जो नए सत्र में बढ़कर 2979 हो जाएंगे। यानी एक सत्र में 1557 कालेजों को संबद्धता मिली है। यहां से दोगुनी संख्या में शिक्षक भी निकलेंगे लेकिन, इस रफ्तार से कालेजों में पढ़ाई नहीं हो रही है। शिक्षक प्रशिक्षण की सेमेस्टर परीक्षा हो या फिर यूपी टीईटी दोनों के रिजल्ट इन कालेजों को आईना दिखा रहे हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए डीएलएड उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। 2011 तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट ही एकमात्र संस्था थी। सत्र 2012-13 में 461 निजी कालेजों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की अनुमति दी गई। इसके बाद निजी कालेज खुलने की होड़ मच गई। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अनुसार पिछले सत्र में 1422 कालेजों के लिए प्रवेश हुआ, अब नए प्रशिक्षण सत्र 2017-18 के लिए 1557 और कालेजों को संबद्धता मिली है। इन प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का स्तर व अन्य सुविधा और संसाधन स्तरीय नहीं हैं। कालेजों में प्रशिक्षण देने वाले शिक्षक तक दुरुस्त नहीं है। इसीलिए निजी संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर तेजी से गिर रहा है।

हाल में ही सेमेस्टर परीक्षा व टीईटी के रिजल्ट ने पोल खोल दी है। 2015 में तो टीईटी उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों का प्रतिशत महज 17 था, जो 2016 में घटकर 11 फीसद पर आ गया।


राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी लखनऊ के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने निजी कालेजों की ग्रेडिंग करने का निर्देश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को पिछले वर्ष दिया। कालेजों की ग्रेडिंग का आधार शिक्षक पात्रता परीक्षा है। परीक्षा में कुल कितने अभ्यर्थी बैठे और कितने उत्तीर्ण हुए इसके आधार पर कालेज को ए, बी, सी, डी आदि ग्रेड दिया जाना है, इसका प्रोफार्मा भी भेजा गया है और 14 अक्टूबर 2016 तक उस पर अमल होना था, अब तक कालेजों की ग्रेडिंग नहीं हो सकी है। असल में कालेज संचालक यह नियम लागू करने से बच रहे हैं, क्योंकि हर कालेज का ग्रेड वेबसाइट पर अपलोड होना है, ताकि प्रवेश लेते समय अभ्यर्थी उसे देखकर कालेज चयन कर सकें। जिस कालेज की ग्रेडिंग अच्छी होगी, अभ्यर्थी वहीं का रुख करेंगे। इसीलिए प्रकरण ठंडे बस्ते में है।


परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव का कहना है कि यह प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही इसके परिणाम दिखेंगे।अब आधार हुआ मजबूत । 0प्निजी कालेजों में तैनात प्रवक्ताओं को आधार से लिंक करने के निर्देश भी काफी पहले हो चुके हैं। इस आदेश को लागू करने में आनाकानी हुई, लेकिन इधर उन्हीं कालेजों को संबद्धता दी गई या फिर मान्यता के प्रकरण आगे बढ़ाए गए, जिन कालेजों ने शिक्षकों के आधार का रिकॉर्ड सौंपा था। इससे यह व्यवस्था मजबूत हो गई है।

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