हालात से चिंतित पीएम मोदी लेंगे यूपी के डीएम-कमिश्नर की क्लास! 9 अगस्त को पूछेंगे सरकारी स्कूलों की शिक्षा का हाल
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यूपी के डीएम-कमिश्नर की सीधे क्लास लेंगे। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह यूपी में सरकारी स्कूलों की शिक्षा का हाल पता करना चाह रहे हैं। नीति आयोग की पहल पर नौ अगस्त को सभी जिलों को सीधे प्रधानमंत्री दफ्तर से कनेक्ट किया जाएगा। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी उनसे रूबरू होंगे। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इसके लिए सभी डीएम-कमिश्नर को चिट्ठी भेजी है।
⚫ पूछेंगे कैसे सुधरें सरकारी स्कूल?
प्रधानमंत्री को जानकारी मिली है कि यूपी में सरकारी स्कूलों और शिक्षा का हाल काफी खराब है। वह यहां के अफसरों से पूछना चाहते हैं कि स्कूलों को कैसे सुधारा जाए/ नीति आयोग इस पर मंथन भी कर रहा है। आयोग का मानना है कि 14 साल तक के बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके लिए स्कूलों की हालत सुधारने के साथ शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देने की जरूरत है। बच्चे स्कूल आएं इसका भी इंतजाम किए जाने चाहिए।
⚫ निजी हाथों में दी जाए शिक्षा : नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का तर्क है कि सरकारी स्कूलों की पूरी शिक्षा को सुधारने के लिए निजी हाथों में दिया जाना बेहतर है। सुझाव यह भी आया है कि लेकिन उसके अपने खतरे हैं। सरकार को अगर व्यापक आबादी को दी जाने वाली शिक्षा का हाल सुधारना है तो उसे सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी पढ़ाने जैसे ठोस उपाय करने होंगे। दरअसल, मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा है कि शिक्षकों को जनगणना, चुनाव या आपदा राहत कार्यों को छोड़कर अन्य किसी भी ड्यूटी पर न लगाया जाए। इसके अलावा शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी उनका जोर है।
⚫ माध्यमिक शिक्षा : माध्यमिक शिक्षा में भी सरकारी स्कूलों पर भारी खर्च हो रहा है। इसके बावजूद बड़े शहरों में यूपी बोर्ड से पैरंट्स का मोह भंग हो रहा है। लखनऊ में ही पिछले 20 साल में लगभग 50 स्कूलों ने यूपी बोर्ड से खुद को अलग कर लिया और सीबीएसई या सीआईएसई की मान्यता ले ली। इन बड़े शहरों में कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक तो हैं लेकिन पढ़ने को बच्चे नहीं हैं। लखनऊ में ही करीब 25 एडेड स्कूल ऐसे हैं जहां नौवीं से लेकर 12 वीं कक्षा तक 100 से ज्यादा बच्चे नहीं हैं। कई स्कूलों में तो 10 वीं और 12 वीं कक्षा में 10 बच्चे भी नहीं हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होती हैं तो नकल और नकलमाफिया ही चर्चा में रहते हैं।
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