मदरसों में तिरंगा झंडा फहराने राष्ट्रगान गायन के निर्देश, मदरसा शिक्षा परिषद रजिस्ट्रार ने जारी किया फोटो और वीडियोग्राफ़ी कराने का आदेश
मदरसों में तिरंगा झंडा फहराने राष्ट्रगान गायन के निर्देश, मदरसा शिक्षा परिषद रजिस्ट्रार ने जारी किया फोटो और वीडियोग्राफ़ी कराने का आदेश।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने सभी मदरसों में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान के साथ तिरंगा झंडा फहराने और हषरेल्लास के साथ समारोह मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वह इन कार्यक्रमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराएं। इस आदेश के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। हालांकि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण का कहना है कि ‘इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। देश में दो ही पर्व हैं जिसे भारतवर्ष में पैदा होने वाला हर व्यक्ति मनाता है। बाकी तो ईद और होली अपनी सुविधा से लोग मनाते ही हैं।’
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने अल्पसंख्यक कल्याण के सभी उप निदेशक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों कोभेजे गए पत्र में 15 अगस्त को सुबह आठ बजे झंडारोहण और राष्ट्रगान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि, मदरसों के छात्र-छात्रओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतीकरण, स्वतंत्रता दिवस की पृष्ठभूमि तथा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सेनानियों और शहीदों के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
देवबंद : 15 अगस्त को मदरसों में ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के आदेश पर उलमा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किये। कहा कि मदरसे हमेशा से राष्ट्रीय पर्व धूमधाम से मनाते हैं। इसके बावजूद इस तरह का आदेश बेजा है। दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि मदरसों में वतनपरस्ती और भाईचारे की शिक्षा दी जाती है। मदरसों में हमेशा राष्ट्रीय पर्व पर झंडारोहण व राष्ट्रगान गाया जाता है। इस दिन कार्यक्रमों का आयोजन कर देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों को भी याद करते हैं। इसके बावजूद इस तरह के आदेश से हुकूमत की नीयत पर सवाल खड़ा होता है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के कोषाध्यक्ष मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि जंगे आजादी में मदरसों और उलेमा ने अहम भूमिका निभाई है।
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