सबको पास करने की नीति इसी वर्ष हो सकती है समाप्त, सरकार की संसद के इसी सत्र में बिल पेश करने की योजना
इस सत्र के अब केवल चार कार्य दिवस बचे हैं शेष
नई दिल्ली। एसएनबीनो डिक्टेंशन पॉलिसी समाप्त करने से संबंधित बिल सरकार इसी लोकसभा सत्र में पेश करने की योजना बना रही है। इसके लिए शिक्षा के अधिकार कानून 2009 में संशोधन किए जाने की जरूरत है। इसमें संशोधन के बाद इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार राज्य सरकारों को अपने-अपने प्रदेशों में एक बार फिर ऐसे छात्रों को उसी कक्षा में रोकने का अधिकार देना चाहती है, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। गौरतलब है कि मौजूदा नीति के कारण शिक्षा के स्तर में हो रही गिरावट के कारण सारे देश से इसे समाप्त करने की मांग की जा रही थी। हालांकि सरकार की योजना किसी भी छात्र को फेल किए जाने से पहले उसे एक और मौका उपलब्ध कराने की है। केंद्रीय कैविनेट ने इसे बुधवार को ही अपनी स्वीकृति दे दी थी।सूत्रों ने बताया कि सरकार इस नियम को इसी साल से लागू करने के लिए प्रयासरत है और उसकी योजना संसद के इसी सत्र में इसे पेश करने की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की 25 अक्टूबर 2016 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि इस संबंध में केंद्र सरकार आवश्यक संशोधन कर सकती है, जो प्रदेशों को इन नियमों के पुनर्मूल्यांकन का अधिकार देगी। इस संबंध में कई उपसमितियों का गठन किया गया और उनमें से ही एक उपसमिति की अनुशंसा के बाद यह निश्चय किया गया कि शिक्षा के अधिकार कानून, 2009 में बदलाव किया जाए और पांचवीं और आठवीं कक्षा में हर साल परीक्षा आयोजित की जाए। नए बदलाव, जो अब इस कानून के तहत किए जाने हैं, के अनुसार अगर कोई छात्र फेल होता है तो उसे फिर से कुछ सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वह अपने आपको एक बार फिर से इस परीक्षा के लिए तैयार कर सके और परिणाम घोषित होने के दो महीने के अंदर ही उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी।
No comments:
Post a Comment