केंद्र लाए अध्यादेश तो दूर हो शिक्षामित्रों का संकट, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण ने पत्र लिखकर NCTE एक्ट में संशोधन करने का दिया सुझाव,  दूसरे दिन भी  शिक्षामित्र नहीं गए स्कूल, आंदोलन पर रहे डटे


इलाहाबाद : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो चुका है। इस स्थिति में समायोजित शिक्षामित्रों और उनके परिजनों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों में छूट देने से इनकार कर दिया है। ऐसे समय में कानूनविद और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांतिभूषण ने केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस संकट का समाधान सुझाया है। 




केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 10 अगस्त को भेजे पत्र में शांतिभूषण ने कहा है कि केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर 1993 में गठित एनसीटीई एक्ट में संशोधन करना होगा। संशोधन करके यह जोड़ना होगा कि एक्ट का 12डी नियम शिक्षामित्रों पर लागू नहीं होगा। प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षामित्रों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक और एनसीटीई से मान्य दो वर्षीय प्रशिक्षण रहेगी। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में भी इस आशय का संशोधन करना होगा। ऐसा करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश, एनसीटीई के नियम या आरटीई-09 के किसी भी नियम से शिक्षामित्रों का समायोजन प्रभावित नहीं होगा।



गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में पोंगल के वक्त खेले जाने वाले खेल जल्लीकट्टू पर रोक लगा दी थी। जनवरी में इसे लेकर तमिलनाडु में जनता सड़क पर उतर आई थी। लोगों की भावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस परंपरागत खेल के पक्ष में अध्यादेश जारी किया था। जिसके बाद खेल को वैधानिक दर्जा मिल गया। कुछ इसी तरह शिक्षामित्रों के मामले में कदम उठाया जा सकता है।




उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की समस्या के निराकरण के लिए जो भी उपाय किए जाएं वह 1.70 लाख शिक्षामित्रों पर लागू हो। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की मांग है कि प्रदेश सरकार बिना देर किए अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का खोया हुआ सम्मान वापस दिलाए। -कौशल कुमार सिंह, प्रदेश मंत्री उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ



इलाहाबाद : अपने भविष्य को सुरक्षित करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी सत्याग्रह जारी रखा और स्कूल नहीं गए। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के तत्वावधान में बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय मम्फोर्डगंज में प्रदर्शन किया। मांग की कि सरकार अध्यादेश लाकर 1.70 लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बहाल करे। अध्यादेश आने तक समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।



प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद और आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रपाठी ने सहयोगियों से मांगें पूरी होने तक सत्याग्रह जारी रखने की अपील की। नेताद्वय ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही इसलिए 21 अगस्त को लखनऊ चलने को तैयार रहें। इसके बाद दोनों नेताओं ने मम्फोर्डगंज से बीएसए कार्यालय तक पैदल मार्च किया और खंड शिक्षाधिकारी मुख्यालय अजरुन सिंह को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्षता आनन्द तिवारी और संचालन जनार्दन पांडेय ने किया। सभा को अभिनव त्रिपाठी, मो. अख्तर, इकबाल बहादुर, सुनील तिवारी, अरुण सिंह, संदीप तिवारी, राकेश शुक्ला, विवेक मिश्र, कमलाकर सिंह, होरी लाल, सुरेन्द्र पांडेय, मुकेश पटेल, प्रतिभा मिश्र, बीके मिश्र, संजय तिवारी, कंचन द्विवेदी, वन्दना सरोज, क्षमा पांडेय आदि ने संबोधित किया।

केंद्र लाए अध्यादेश तो दूर हो शिक्षामित्रों का संकट, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण ने पत्र लिखकर NCTE एक्ट में संशोधन करने का दिया सुझाव,  दूसरे दिन भी  शिक्षामित्र नहीं गए स्कूल, आंदोलन पर रहे डटे Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 7:55 AM Rating: 5

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