हजारों मदरसों की मान्यता पर लटकी तलवार, डाटा अपलोड न करने वाले 14 हजार मदरसों की किस्मत का फैसला शासन के पाले में

लखनऊ : प्रदेश के हजारों मदरसों की मान्यता पर तलवार लटकी है। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने डाटा अपलोड न करने वाले 14 हजार मदरसों की किस्मत का फैसला करने के लिए गेंद शासन के पाले में डाल दी है। अंतिम तारीख तक मदरसा पोर्टल पर शिक्षकों की संख्या सहित अन्य विवरण ऑनलाइन न करने वाले मदरसों के खिलाफ बोर्ड ने एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। ऐसे में दो ही विकल्प है कि इन मदरसों को एक और मौका दिया जाएगा या फिर इनकी मान्यता निरस्त होगी।

■  पोर्टल पर ऑनलाइन डाटा अपलोड करने की समय सीमा समाप्त
■  प्रदेश के केवल 4468 मदरसों ने ही ऑनलाइन किया ब्योरा

व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए पिछले दिनों प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार मदरसा बोर्ड ने मदरसा पोर्टल लॉन्च किया था। 18 अगस्त को इस पोर्टल में प्रदेश के सभी तहतानियां, फौकानियां, आलिया व उच्च आलिया स्तर के सभी 19143 मदरसों को अपना पूरा विवरण 15 सितंबर तक ऑनलाइन अपलोड करना था। इसमें सभी मदरसों को शिक्षक, शिक्षणोतर कर्मचारियों की संख्या उनके आधार कार्ड के साथ, भवन की फोटो व कक्षों की संख्या के विवरण के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां ऑनलाइन करनी थी लेकिन, प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद भी अब तक केवल 4468 मदरसों ने ही अपना पूरा डाटा लोड किया है, जबकि करीब पांच हजार मदरसों ने केवल रजिस्ट्रेशन फार्म ही भरा है। वहीं 19 हजार में से करीब सात हजार मदरसों ने तो अपना रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है।

कैसे होगा सत्यापन : मदरसों का डाटा ऑनलाइन करने के बाद उनके खातों का सत्यापन कराने का काम शुरू होना है, लेकिन अब सत्यापन में भी विलंब होगा। मदरसा बोर्ड के मुताबिक सत्यापन के बाद ही अब मदरसों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

10528 शिक्षकों ने किया आधार लिंक: मदरसा पोर्टल पर अपनी सभी जानकारियां ऑनलाइन करने वाले प्रदेश के 4468 मदरसों में 10528 शिक्षकों ने अपना आधार कार्ड लिंक कराया है। इसमें अनुदानित मदरसों के 1796 शिक्षक, आधुनिकीकरण के 8537 शिक्षक व मिनी आइटीआइ के 195 शिक्षक शामिल हैं।

उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि करीब 14 हजार मदरसों ने अपना विवरण दिया है। केवल पांच हजार मदरसों ने ही अब तक अपना पूरा ब्योरा ऑनलाइन किया है। मदरसा बोर्ड ने सरकार को स्थिति से अवगत कराते हुए एक प्रस्ताव भेजा है। सरकार के फैसले के बाद ही मदरसा बोर्ड आगे की रणनीति तय करेगा।

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