6 रुपये में कुपोषण से जंग लड़ रहा भारत, खर्च बढ़ाने पर विचार कर रहा बाल विकास मंत्रालय, बनेगी नई न्यूट्रिशन गाइडलाइन

कुपोषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। साथ ही बच्चे, गर्भवती और कुपोषण के शिकार बच्चों पर सरकार ज्यादा खर्च करने की योजना बना रही है। इंटीग्रेटेड चाइल्ड डिवेलपमेंट सर्विसेज (आईसीडीएस) के तहत सरकार करीब 10 करोड़ बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली महिलाओं को पोषक आहार देती है। लेकिन प्रति लाभार्थी अभी जितना खर्च सरकार कर रही है उससे पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए महिला और बाल विकास मंत्रालय का प्रस्ताव है कि प्रति लाभार्थी खर्च होने वाली रकम में इजाफा किया जाए। इसे प्रति लाभार्थी प्रति दिन 2 से 3 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव है। 

■  प्रतिदिन का बढ़े खर्च : मंत्रालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसमें कहा गया है 6 साल से कम उम्र के सामान्य बच्चे पर प्रति दिन पोषक आहार के लिए खर्च बढ़ाकर 8 रुपये किया जाए जो अभी 6 रुपये है। इसी तरह गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए 7 रुपये की बजाय 9.5 रुपए और कुपोषित बच्चों के लिए प्रति दिन 9 रुपये की बजाय 12 रुपये खर्च किया जाए। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जो रकम खर्च हो रही है वह साल 2011 में तय की गई थी। अब उस रकम में पोषित आहार देना मुमकिन नहीं है।

■  113 जिलों पर फोकस : मंत्रालय के सेक्रेटरी राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने मंगलवार को 113 जिलों के जिलाधिकारियों की मीटिंग बुलाई है। ये 113 वो जिले हैं जहां कुपोषण की सबसे ज्यादा समस्या है। 


उन्होंने कहा कि पीएम ने भी सबसे पिछड़े जिलों पर फोकस करने को कहा था। इसमें 30 वे जिले हैं जिन्हें नीति आयोग ने सबसे बैकवर्ड जिले बताया था। 6 जिले ऐसे हैं जो नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में 38 पर्सेंट स्टंटिंग है यानी इतने बच्चों का कद नहीं बढ़ रहा है। इससे कुपोषण को नियंत्रित करने की स्कीम लागू करने के तरीकों पर सवाल उठ रहा है। 113 जिलों में से ज्यादातर यूपी और बिहार के हैं। जहां स्टंटिंग 50 से लेकर 65 पर्सेंट तक है। दिल्ली का नॉर्थ वेस्ट जिला भी इन बैकवर्ड जिलों की लिस्ट में है। यहां स्टंटिंग (कद न बढ़ना) 38.6 पर्सेंट है जो नैशनल एवरेज से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कुपोषण सालाना 2-3 पर्सेंट कम करने का टारगेट दिया जाएगा। 

■  बनेगी नई न्यूट्रिशन गाइडलाइन : मंत्रालय नई न्यूट्रिशन गाइडलाइन बनाने पर भी काम कर रहा है। अभी जो गाइडलाइन है वह 2009 की बनी हुई है। श्रीवास्तव ने कहा कि जो जिले अच्छा काम करेंगे उन्हें अवॉर्ड दिया जाएगा साथ ही जिलों की रैंकिंग भी की जाएगी। जिलाधिकारी हर तीन महीने में इससे जुड़ी मीटिंग लेंगे और जिलावार प्रगति सेंट्रल लेवल पर मॉनिटर की जाएगी। मंगलवार को उन राज्यों को सम्मानित भी किया जाएगा जिन्होंने स्टंटिंग कम करने में अच्छा काम किया है। इसमें पहला नंबर छत्तीसगढ़, दूसरा अरुणाचल प्रदेश और तीसरा गुजरात का है।

6 रुपये में कुपोषण से जंग लड़ रहा भारत, खर्च बढ़ाने पर विचार कर रहा बाल विकास मंत्रालय, बनेगी नई न्यूट्रिशन गाइडलाइन Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:46 AM Rating: 5

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