नर्सरी स्तर से ही लागू हो आरटीई: सुप्रीम कोर्ट, इस कानून में है स्कूलों में 25 फीसद एडमीशन गरीब बच्चों को देने का प्रावधान

नई दिल्ली  : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून (आरटीई) के तहत नर्सरी प्रवेश में भी गरीब बच्चों को 25 फीसद कोटा दिए जाने के नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि नर्सरी स्तर पर आरटीई लागू करने का नियम तीन साल से ऊपर की उम्र के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करने के सामाजिक उद्देश्य को पूरा करता है। कोर्ट ने कहा कि जब कानून में व्यवस्था है तो उसे लागू करना दायित्व बनता है। हालांकि कोर्ट की ये टिप्पणियां मौखिक थीं। विस्तृत सुनवाई फरवरी में की जाएगी।


देश भर के बहुत से शिक्षण संस्थानों और स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर नर्सरी स्तर पर प्रवेश में भी आरटीई कानून के तहत 25 फीसद कोटा गरीब बच्चों के लिए रखे जाने के नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बात ये है कि दिल्ली और मध्य प्रदेश सहित देश के कई उच्च न्यायालयों ने मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून की धारा 12 में दिए गए इस प्रावधान को सही ठहराया है। हाई कोर्ट के फैसलों के खिलाफ स्कूल सुप्रीम कोर्ट में गए हैं। 1शुक्रवार को यह मामला मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा था।


स्कूलों की ओर से पेश वकीलों ने कानून की धारा 12 के उपबंध का विरोध करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत सिर्फ 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिए जाने की बात कही गई है। दलीलों पर मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों का ध्यान कानून की धारा 11 की ओर दिलाया, जिसमें लिखा है कि सरकार बच्चों को प्री-स्कूल एजूकेशन देने के लिए उचित प्रबंध कर सकती है। जस्टिस मिश्र ने कहा कि जब कानून में व्यवस्था है तो उसे लागू करना दायित्व बनता है। बात को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस नियम से बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करने के सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति होती है।

नर्सरी स्तर से ही लागू हो आरटीई: सुप्रीम कोर्ट, इस कानून में है स्कूलों में 25 फीसद एडमीशन गरीब बच्चों को देने का प्रावधान Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:07 AM Rating: 5

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