घर वापसी को शिक्षक बेचैन, शिक्षक भर्ती और अंतरजनपदीय स्थानांतरण में टकराव ?


परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में रिक्त पद कब्जाने को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। इन पदों पर नई भर्ती से आने वाले 68 हजार शिक्षकों के अलावा अंतरजनपदीय प्रक्रिया में स्थानांतरित होने वाले शिक्षक कब्जा जमाने की फिराक में हैं। हालांकि अभी दोनों ही प्रक्रियाओं की नियमावली बनाई जा रही है। वर्षों से घर वापसी का इंतजार कर रहे शिक्षक रिक्त पदों पर अपनी दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के अपडेटेड सेलरी का डाटा उपलब्ध कराए जाने के निर्देशों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण की संभावनाओं को बल मिला है। नए शैक्षिक सत्र से पहले सरकार अंतरजनपदीय स्थानांतरण की नीति घोषित कर सकती है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शिक्षकों के वेतन भुगतान संबंधी सेलरी डाटा पर आधारित होती है। पूर्व में हुए स्थानांतरण में जिलों से अपलोड किए गए सेलरी डाटा में त्रुटि होने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

इसके लिए नियमावली बनाने का काम प्रगति पर है। बताते चलें कि जिले में टीईटी-2011 में रिक्त 800 पदों के सापेक्ष 650 से अधिक तथा पूर्व माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित के 280 से अधिक शिक्षकों को वर्ष-2015 में नियुक्ति मिली थी। इनके अलावा बीटीसी-विशिष्ट बीटीसी आदि में 150 से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी। विभाग के मुताबिक इन नियुक्तियों में 70 फीसद गैर जिलों के निवासी है।

शिक्षा मित्रों की वापसी से पद रिक्त जिले में शिक्षा मित्रों का स्थानांतण रद होने के बाद शिक्षकों के 1755 पद रिक्त हुए हैं। इसके अलावा 200 से अधिक पद पूर्व से रिक्त चले आ रहे हैं। इन पदों पर नई भर्ती के अलावा अंतरजनपदीय स्थानांतरण से घर वापसी का इंतजार कर शिक्षकों की निगाहें लगी हैं। सूत्रों का कहना है कि स्थानांतण प्रक्रिया अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र से पहले पूरी की जा सकती है जबकि भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में छह माह लग सकते हैं।

घर वापसी को शिक्षक बेचैन अंतरजनपदीय स्थानांतरण की सुगबुगाहट के चलते घर वापसी का इंतजार कर रहे शिक्षकों में उत्साह है। नीति की घोषणा नववर्ष के प्रथम सप्ताह में हो सकती 

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