मानव संसाधन विकास और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच सैद्धांतिक सहमति, आंगनबाड़ी केंद्रों को मिल सकती है नर्सरी स्कूल की मान्यता
17 लाख आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे हैं संचालित, मानव संसाधन विकास और महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के बीच सैद्धांतिक सहमति
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: देश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन अब प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूलों के रूप में होगा। सरकार इन्हें जल्द ही स्कूलों के रूप में मान्यता प्रदान कर सकती है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय और महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के बीच इसे लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। माना जा रहा है कि सरकार के स्तर पर अगले कुछ ही दिनों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। देश में मौजूदा समय में करीब 17 लाख आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। अभी इन केंद्रों का संचालन महिला बाल विकास मंत्रलय की ओर से किया जाता है।
देश में प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूलों को खोलने की यह कवायद सरकार के भीतर उस समय तेज हुई, जब हाल ही में स्कूली शिक्षा में नर्सरी को भी शामिल किया गया। इसके बाद सरकार ने इसे लेकर कवायद शुरू की। इसके तहत कुछ राज्यों से चर्चा गई, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों को ही नर्सरी स्कूलों के रूप में बदलने का प्रस्ताव आया। मंत्रलय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों को इस मुहिम में इसलिए शामिल किया गया है, क्योंकि इसके पास बच्चे और छोटे बच्चों से जुड़ी जरूरी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। मौजूदा समय में आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 27 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्य रहे हैं, ऐसे में स्कूलों के रूप में इन्हें मान्यता दिए जाने के बाद इन कर्मचारियों की भी पदोन्नति होगी। जो अब शिक्षक के रूप में काम करेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रलय और महिला बाल विकास मंत्रलय के अधिकारियों के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रहे कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने को लेकर बातचीत हुई है।
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