शिक्षामित्रों के निशाने पर रही केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार, एनसीटीई ने बीएड वालों के लिए खोला रास्ता, अब डीएलएड-बीएड से शिक्षामित्रों की भरपाई

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : जिन बीएड धारकों का प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का रास्ता 2011 की भर्ती के बाद बंद हो गया था, उसे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानि एनसीटीई ने एकाएक नहीं खोला है। इसके मूल में शिक्षामित्रों का रवैया रहा है। ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को मनाने का प्रयास नहीं किया, बल्कि मानदेय बढ़ाया और मनचाहे स्थान पर नियुक्ति दिया। कोर्ट के आदेश पर ही सही शिक्षक बनने का मौका तक दिया जा रहा है, फिर भी शिक्षामित्र लगातार केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमलावर रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष प्राथमिक स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया था। यह प्रकरण सपा शासनकाल से लंबित था, फिर भी शिक्षामित्रों के निशाने पर केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की रही। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने मानदेय बढ़ाने का एलान किया और यह भी कहा शिक्षामित्र चाहे तो उन्हें मौजूदा तैनाती वाले स्कूल में ही रहने दिया जाएगा, क्योंकि पुराने स्कूल में शिक्षामित्र के रूप में लौटना शायद उन्हें रास नहीं आएगा

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