पेंशन बहाली की पहली बैठक फेल, अगली का होगा बहिष्कार, सात बार डिफॉल्टर हुई कंपनी पर लग रहा पेंशन का पैसा, पेंशन समिति की बैठक में नई योजना के नुकसान गिनाते रहे कर्मचारी



एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : समीक्षा अधिकारियों के खाली पदों पर सहायक समीक्षा अधिकारियों के प्रमोशन का आदेश जारी न होने से नाराज कर्मचारी सोमवार को मुख्य सचिव डॉ़ अनूप चंद्र पांडेय से मिले। इस मसले के बाद पत्रावली के साथ अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता को मुख्य सचिव ने समस्त पत्रावलियों के साथ तलब किया है।

कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के अगुआ सचिवालय संघ के सचिव ओंकारनाथ तिवारी ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि चयन वर्ष 2018-19 में समीक्षा अधिकारी संवर्ग में रिक्त होने वाले पदोन्नति कोटे के पदों पर सहायक समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति के लिए अगस्त में डीपीसी हुई थी। रिक्तियों के मुताबिक हर महीने होने वाले प्रमोशन को नवंबर में रोक दिया गया। सचिवालय प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ऐसा किया गया है। हालांकि 29 अगस्त से अब तक हुई कुल 14 तारीखों में कोई ऐसा आदेश नहीं है, जिसमें सहायक समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची रद की गई हो या पदोन्नति रोकने के आदेश जारी हों। सचिवालय कर्मचारियों ने इस सम्बंध में अपनी बात रखने के लिए सभी आदेशों की प्रतियां भी मुख्य सचिव को दीं। कर्मचारियों द्वारा अपनी बात रखने के बाद मुख्य सचिव ने फोन पर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता से बात की और पत्रावलियों समेत उपस्थित होने निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि अगर इस सम्बंध में न्यायालय की तरफ से कोई आदेश नहीं हैं तो कर्मचारियों की पदोन्नति का आदेश जारी कराना सुनिश्चित कराया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में ओंकार नाथ तिवारी के अलावा संगठन के संयुक्त सचिव मानस मुकुल त्रिपाठी, सदस्य अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, रमाशंकर सिंह समेत कंप्यूटर सहायक समीक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष संजय यादव व महामंत्री संजेश कुमार शामिल थे।
प्रमोशन मसले पर मुख्य सचिव से मिले कर्मचारी• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बनी समिति की पहली बैठक ही सोमवार को बेनतीजा साबित हुई। बैठक में कर्मचारी नई पेंशन नीति की खामियां गिनाते रहे, जबकि अधिकारी नई पेंशन के लाभ गिनाते रहे। समिति में कर्मचारियों के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद दोनों नेताओं ने आरोप लगाया है कि अधिकारी मुद्दे के इतर ही बात कर रहे थे, लिहाजा कर्मचारी नेता अब इस समिति की अगली बैठक में नहीं जाएंगे। 

सीएम ने गठित की थी समिति 

कर्मचारी संगठनों द्वारा बीते महीने तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के साथ बात की थी और इसका रास्ता निकालने के लिए एक समिति का गठन किया था। सोमवार को इसकी पहली बैठक लोकभवन में हुई, जिसकी अध्यक्ष कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव ने की। वित्त, न्याय, नियोजन और निदेशक पेंशन के साथ कर्मचारी, शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ़ दिनेश चंद्र शर्मा और संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने इसमें हिस्सा लिया। मंच के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार(पीएफआरडीए) के प्रतिनिधि के तौर पर आमंत्रित अधिकारी को भी इसमें शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह नहीं आए। बैठक में उपस्थित कर्मचारी नेताओं को जानकारी दी गई कि इस बैठक में सीधे तौर पर उन्होंने शामिल होने से इनकार कर दिया है और प्रदेश स्तर की प्रभारी अधिकारी को इस बैठक की शंकाओं के समाधान के लिए भेजने की बात कही है। कर्मचारी नेताओं ने मुख्य सचिव डॉ़ अनूप चंद्र पांडेय को भी इसकी जानकारी दे दी है कि अगर भविष्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली से इतर बिंदुओं पर वार्ता होगी तो वे बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। कर्मचारी नेताओं ने बैठक में पेंशन का पैसा डिफॉल्टर कंपनियों पर लगाए जाने का मुद्दा भी उठाया।

बैठक में मौजूद कर्मचारी नेताओं ने एक साल में सात बार डिफॉल्टर हुई कंपनी पर कर्मचारी और शिक्षकों की पेंशन राशि लगाए जाने का विरोध किया। उन्होंने हर हाल में पुरानी पेंशन योजना बहाल रखने की मांग रखी। कर्मचारी नेताओं ने समिति को बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल ऐंड एफएस) एक सरकारी क्षेत्र की कंपनी है, जिसकी 40 सहायक कंपनियां हैं। इसे नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की श्रेणी में रखा जाता है। जो बैंकों से लोन लेती हैं। यह कंपनी बैंकों से लोन लेती है। लोन के लिए संपत्ति गिरवी नहीं रखती है। भारत सरकार इसके पीछे होती है, लिहाजा बाजार को भरोसा होता है। मगर एक हफ्ते के भीतर इसकी रेटिंग को ‘एए प्लस’ से घटाकर जंक स्टेटस कर दिया गया है। जो कंपनी 90,000 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट करने जा रही हो, उसपर कैसे भरोसा किया जा सकता है/ यह आम लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा है। डूब गया तो सब डूब जाएंगे। इस 27 अगस्त से जब यह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी तय समय पर लोन नहीं चुका पाई, डेडलाइन मिस करने लगी तब शेयर मार्केट भी गिर गया। 15 सितंबर से 24 सितंबर के बीच सेंसेक्स 1785 अंक गिरा था। सिडबी ने आईएल ऐंड एफएस और उसकी सहायक कंपनियों को करीब 1000 करोड़ का कर्ज दिया है। 450 करोड़ तो सिर्फ आईएल एंड एफएस को दिया है। बाकी 500 करोड़ उसकी दूसरी सहायक कंपनियों को लोन दिया है। सिडबी ने इन्सॉल्वेंसी कोर्ट में अर्जी लगाई है ताकि इसकी संपत्तियां बेचकर उसका लोन जल्दी चुकता हो। ऐसी स्थिति देखते हुए सरकार ने एलआईसी को इसमें शामिल किया है। एलआईसी के भरोसे कितनी डूबते जहाज बचाए जाएंगे/

पेंशन बहाली की पहली बैठक फेल, अगली का होगा बहिष्कार, सात बार डिफॉल्टर हुई कंपनी पर लग रहा पेंशन का पैसा, पेंशन समिति की बैठक में नई योजना के नुकसान गिनाते रहे कर्मचारी Reviewed by ★★ on 6:34 AM Rating: 5

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