सीटेट एग्जाम में गरीबों को 10% आरक्षण की मांग पर केंद्र और सीबीएसई को नोटिस, एक जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश




सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीएसई से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग संबंधी याचिका पर जवाब मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि सीटीईटी की परीक्षा में सामान्य वर्ग के गरीब उम्मीदवारों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) को भी नोटिस जारी किया है और 1 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने सीटीईटी 2019 के लिए जो विज्ञापन जारी किया था, उसमें सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए तय 10 फीसदी आरक्षण का जिक्र नहीं था। इस मामले में 6 याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के आवेदकों को लाभ मिले, इसके लिए निर्देश दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीएसई के विज्ञापन से संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है। सरकार ने 103 वें संविधान संशोधन में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया है।





खबर साभार : अमर उजाला / दैनिक जागरण / हिन्दुस्तान / डेली न्यूज एक्टिविस्ट

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